इंदौर में बना सैटेलाइट रखेगा नर्मदा नदी और जंगलों पर नजर
इंदौर,24 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। श्री गोविंदराम सेकसरिया इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एसजीएसआईटीएस) ने अपने सैटेलाइट पर काम शुरू कर दिया है। अंतरिक्ष में सैटेलाइट भेजने के लिए पहले यहां अर्थ स्टेशन बनाया जा रहा है जहां से सैटेलाइट के स्पेस में जाने के बाद संपर्क रखा जाएगा। सैटेलाइट से प्रदेशभर में हो रहे विकास कार्यों पर निगरानी रखी जा सकेगी।
अमरकंटक से लेकर गुजरात तक बहने वाली नर्मदा के पानी के स्तर पर पल-पल नजर रहेगी। साथ ही जंगल में प्लांटेशन का सही आंकड़ा बताया जा सकेगा।
एसजीएसआईटीएस सैटेलाइट तैयार करने वाला प्रदेश का पहला इंस्टिट्यूट है। खास बात यह है कि नैनो टेक्नोलॉजी की मदद से सैटेलाइट बनाया जा रहा है। इसमें विश्व बैंक से फंडिंग और सरकार से अनुदान लिया जा रहा है। फिलहाल अर्थ स्टेशन और सैटेलाइट के लिए 50 लाख रुपए मिल चुके हैं, जिससे इंस्टिट्यूट ने जरूरी उपकरण खरीदे हैं। दिसंबर 2019 तक अर्थ स्टेशन तैयार हो जाएगा, जिसकी टेस्टिंग इंस्टिट्यूट अपने स्तर पर करेगा।
हालांकि इसरो के वैज्ञानिक भी इस दौरान होंगे मगर सैटेलाइट बनने के बाद बेंगलुरु स्थित इसरो में परीक्षण होगा। यहां सैटेलाइट सही पाए जाने पर इसे लॉन्चिंग के लिए भेजा जाएगा, यह निर्णय सरकार करेगी।
हर साल की मिलेगी इमेज
रिसर्च के अलावा सैटेलाइट भेजने का मकसद यह पता लगाना है कि प्रदेशभर के प्रमुख शहरों में विकास कार्यों से संबंधित क्या बदलाव आए। सैटेलाइट के जरिए डेटा इकट्ठा किया जाएगा।
इंस्टिट्यूट के सेंटर फॉर रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट कम्युनिकेशन के इंचार्ज प्रो. सिद्धार्थ के सोनी के मुताबिक सैटेलाइट से सबसे ज्यादा फायदा इंस्टिट्यूट के विद्यार्थियों को मिलेगा। रिसर्च वर्क में इन विद्यार्थियों की मदद ली जाएगी। सैटेलाइट का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के विकास पर नजर रखना है।