रतलाम के नागरिकों का जीवन खतरे में, नगर निगम सप्लाय कर रहा है गंदगीभरा पेयजल
रतलाम,10 अप्रैल (इ खबरटुडे)। पेयजल की कमी के लिए अभिशप्त रतलाम शहर के लोगों का जीवन अब पानी की वजह से खतरे में है। सरकारी प्रयोगशाला में किए गए पानी के परीक्षण से पता चलता है कि निगम द्वारा नलों में सप्लाय किया जा रहा पानी बेहद गंदा है। इस वजह से पीलिया और पथरी जैसी कई जानलेवा बीमारियां लोगों को अपनी चपेट में ले रही है।
शहर का दुर्भाग्य यह है कि शहर की प्रथम नागरिक स्वयं एक क्वालिफाईड डाक्टर है,जिन्हे इस बात की अच्छे से जानकारी है कि गंदा पानी पीना मानव जीवन और स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक है। इसके बावजूद शहर में बेखौफ गन्दा पानी सप्लाय किया जा रहा है।
सरकारी प्रयोगशाला का निष्कर्ष
शहर में सप्लाय किए जा रहे पेयजल की गुणवत्ता जांचने के लिए इ खबरटुडे ने इस पानी का एक नमूना लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की शासकीय प्रयोगशाला में भिजवाया। प्रयोगशाला में पेयजल नमूने के रासायनिक परीक्षण के बाद यह स्पष्ट हुआ कि पेयजल में टर्बिडिटी (गंदगी) की मात्रा ढाई गुना अधिक है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा पेयजल में टर्बिडिटी का अधिकतम स्वीकार्य स्तर 1.0 NTU निर्धारित किया गया है,जबकि रतलाम के पेयजल में टर्बिडीटी 2.6 NTU (नैफेलो टर्बिडीटी यूनिट) पाई गई है। प्रयोगशाला रिपोर्ट यह भी बताती है कि गंदगी के अलावा पेयजल में प्राकृतिक रुप से आने वाले खतरनाक तत्वों के मामले में रतलाम भाग्यशाली है। धोलावाड के पानी में फ्लोराईड,नाईट्रेट,कैल्सियम जैसे तत्व स्वीकार्य मात्रा से कम है। लेकिन टर्बिडीटी ढाई गुना अधिक है।
लापरवाही का नतीजा है अधिक गंदगी
एक ओर तो प्रधानमंत्री पूरे देश में स्वच्छता अभियान चला रहे है। लेकिन वहीं दूसरी ओर रतलाम नगर निगम जैसे संस्थान पेयजल जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर आपराधिक लापरवाही बरत रहे है। शहर के मुख्य पेयजल ोत ढोलावाड बान्ध से आने वाले पानी को साफ करने के लिए मोरवानी में ट्रीटमेन्ट प्लान्ट स्थापित किया गया है। लेकिन निगम के जलप्रदाय विभाग की लापरवाही के चलते इस प्लान्ट पर पानी की गंदगी को दूर करने को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। निगम के जिम्मेदार अफसर और जनप्रतिनिधि इस गंभीर मुद्दे की ओर ध्यान तक नहीं दे रहे हैं कि नलों में कितना गंदा पानी जा रहा है।
खतरनाक है दूषित पेयजल
मानव शरीर की अधिकांश बिमारियों की जड दूषित पानी को माना जाता है। प्रदूषित पानी से जहां विभिन्न प्रकार की पेट की बिमारियां होने का खतरा होता है,वहीं पीलिया जैसे कई खतरनाक रोग भी हो सकते है। त्वचा सम्बन्धी बीमारियां होने का भी खतरा होता है। इस तरह का प्रदूषित पानी मानव जीवन के लिए बेहद खतरनाक है। चिकित्सकों के मुताबिक लगातार गंदे पानी के उपयोग से मानव शरीर में कई घातक रोग कब्जा जमा सकते है। शहर की प्रथम नागरिक स्वयं चिकित्सक है,लेकिन उन्हे भी शायद इस बात की कोई चिन्ता नहीं है कि शहर के नागरिक गंदा पानी पी कर बीमारियों का शिकार बन रहे हैं।