September 22, 2024

15 वर्ष से अधिक पुरानी स्कूल बसें सड़कों से हटेगी

जिला प्रशासन ने दिये स्कूल संचालको को नियमो का  सख्ती से पालन करने के निर्देश

रतलाम,08 जनवरी(इ खबरटुडे)। 15 वर्ष से अधिक पुरानी स्कूल बसें सड़कों से हटेगी, वहीं गैस सिलिंडर से चलने वाले मैजिक वाहनों में बच्चों का परिवहन निषिद्ध रहेगा। यदि उक्त निर्देशों का पालन नहीं हुआ तो संबंधित स्कूल संचालक व प्रबंधन के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की जा कर सख्त कार्यवाही की जायेगी। आज जिला कलेक्ट्रेट में आयेजित स्कूल संचालकों की बैठक में ए.डी.एम. कैलाश बुन्देला ने उक्त आशय के निर्देश जारी करते हुए स्कूल बसों हेतु जारी मा सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु कहा।बैठक की अध्यक्षता सी.ई.ओ. जिला पंचायत सोमेश मिश्रा कर रहे थे, इसमें जिला प्रशासन के अन्य आला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक अमित सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सुश्री जया वसावा, डी.पी.सी. श्री त्रिपाठी, जिला शिक्षा अधिकारी एवं रतलाम शहर तथा जिले के अन्य क्षेत्रों के स्कूल संचालकगण उपस्थित थे।
बैठक में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का हवाला देते हुए ए.डी.एम. ने बताया कि स्कूल बसों का रंग पीला रखने के साथ उनमें इलेक्ट्रॉनिक स्पीड गवर्नर, जी.पी.एस. प्रणाली, सी.सी.टी.वी. कैमरे, आपातकालीन निकास द्वार तथा बस चालक द्वारा रैश ड्रायविंग की स्थिति में तत्काल कार्यवाही किये जाने हेतु बस के पीछे कॉन्टेक्ट नंबर का उल्लेख अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि अनियंत्रित गति से बस ड्रायविंग की स्थिति में चालक के विरूद्ध गैर इरादतन हत्या का मुकदमा तक दर्ज हो जायेगा। बस के भीतर अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था भी करनी होगी। उक्त समस्त व्यवस्थाएं पूर्ण की जाकर एक सप्ताह के भीतर स्कूल संचालकों को जिला प्रशासन के समक्ष स्वप्रमाणित प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। इसके बाद जिला प्रशासन द्वारा बसों की फिटनेस चेकिंग प्रारंभ की जायेगी एवं अनफिट बसें सड़कों पर चलती पाई जाने पर संबंधित स्कूल संचालकों पर एफ.आई.आर. दर्ज की जायेगी।
सी.ई.ओ. जिला पंचायत ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित मेडिकल बोर्ड के समक्ष बसों के ड्रायवर एवं कण्डक्टर का मेडिकल परीक्षण कराना अनिवार्य होगा। बस चालकों हेतु हेवी व्हीकल ड्रायविंग लायसेंस की निर्धारित अपेक्षाओं के तहत आठवी कक्षा उत्तीर्ण होना तथा न्यूनतम पाँच वर्ष का ड्रायविंग अनुभव होना अनिवार्य होगा। बच्चे जिस ऑटो से स्कूल जाते है, उनमें क्षमता से अधिक बच्चे बैठाने पर ऑटो चालक के विरूद्ध सख्त कार्यवाही होगी एवं स्कूल संचालकों को भी स्कूल आने वाले समस्त ऑटो वाहनों का पूरा रिकार्ड मेन्टेन करना होगा।
पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने कहा कि स्कूलों के प्रवेश मार्ग पर ज़ेब्रा क्रॉसिंग की व्यवस्था की जायेगी। ताकि उन्हें स्कूल में प्रवेश करते समय हेवी ट्राफिक का सामना न करना पडे। ट्रांसपोर्ट संबंधी किसी भी समस्या की शिकायत सीधे आर.टी.ओ. को पंहुचाई जा सकेगी, ताकि दोषी के विरूद्ध तत्काल कार्यवाही की जा सके। जनवरी के दूसरे हफ्ते में सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जायेगा। जिसमें बच्चों सहित अभिभावकों को भी यातायत संबंधी जागरूकता की जानकारी दी जायेगी। ताकि वे भी बच्चों की परिवहन सुरक्षा में सक्रियता से सहभागिता कर सकें। पुलिस अधीक्षक नें स्कूल संचालकों से भी बच्चों में ट्रैफिक तथा सिविक सेंस विकसित करने हेतु प्रति सप्ताह अवेयरनेस कैम्प आयोजित करने हेतु कहा ताकि बच्चे यातायात के नियमों से परिचित हो सकें।

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