सजल नेत्रों से स्व.श्री सुरेका को अंतिम बिदाई
समाज और राष्ट्र कार्य के प्रेरणास्त्रोत थे श्री सुरेका
रतलाम,19 अक्टूबर(इ खबर टुडे)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता हीरालाल सुरेका का शनिवार सुबह निधन हो गया। शाम को त्रिवेणी मुक्तिधाम पर बडी संख्या में उपस्थित नागरिकों ने सजल नेत्रों से उन्हे अंतिम बिदाई दी। मुक्तिधाम पर संपन्न शोकसभा में वक्ताओं ने श्री सुरेका के निधन को समाज के लिए बडी क्षति निरुपित किया।
स्व.श्री सुरेका की अंतिम यात्रा लक्कडपीठा स्थित उनके निवास से निकली। अंतिम यात्रा में बडी संख्या में नागरिकगण शामिल हुए। त्रिवेणी मुक्तिधाम पर उनके पुत्र सुरेन्द्र सुरेका ने उनकी चिता को मुखाग्रि दी। मुक्तिधाम पर आयोजित शोकसभा को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक बालमुकुन्द झा ने कहा कि स्व.श्री सुरेका ने जितनी लगन से गृहस्थ धर्म का निर्वाह किया उतनी ही लगन से संघकार्य भी किया। अस्वस्थता और अशक्यता के बावजूद संघ कार्य के प्रति वे जागरुक रहते थे। उन्हे इस बात की चिन्ता रहती थी कि शाखाएं ठीक चल रही है या नहीं। मीसा बन्धुओं की ओर से स्व.श्री सुरेका को श्रध्दांजलि देते हुए महेन्द्र नाहर ने कहा कि आपातकाल के दौरान उन्होने एक सच्चे स्वयंसेवक के रुप में सारी यातनाएं सही। इसके बाद भी वे संघ कार्य से पीछे नहीं हटे। विद्या भारती के वीरेन्द्र वाफगांवकर ने कहा कि स्व.श्री सुरेका सरस्वती शिशु मन्दिर के संस्थापक अध्यक्ष थे। उन्होने बडी मेहनत से शिशु मन्दिर की स्थापना की थी,जो आज एक विराट स्वरुप ले चुका है। शोकशभा को अनेक वक्ताओं ने सम्बोधित किया। वक्ताओं ने उन्हे समाज एवं राष्ट्रकार्य के लिए प्रेरणा ोत निरुपिता किया। मुक्तिधाम पर रा.स्व.संघ के जिला प्रचारक आशीष जाधम,जिला कार्यवाह दशरथ पाटीदार,महापौर शैलेन्द्र डागा,रेडक्रास सोसायटी के महेन्द्र गादिया,पत्रकार दिलीप पाटनी,गोपाल गौशाला के नन्दलाल व्यास,संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता माधव काकानी समेत बडी संख्या में गणमान्य जन उपस्थित थे।