अविवादित नामांतरण के प्रकरण कलेक्टर के संज्ञान में लाने पर संबंधित हितग्राही को रूपये 500/- का नगद पुरस्कार दिया जाएगा
रतलाम अनुविभाग के राजस्व प्रकरणों की समीक्षा में संभागायुक्त नें की घोषणा
रतलाम,11 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। अब यदि किसी कृशक अथवा हितग्राही के अविवादित नामांतरण का प्रकरण एक माह की समय-सीमा में निराकृत नहीं होता है, एवं संबंधित द्वारा प्रकरण के लंबित होने की जानकारी जिला कलेक्टर अथवा सक्षम प्राधिकारी के संज्ञान में लाई जाती है, तो जानकारी प्रदान करने वाले हितग्राही को रूपये 500/- का नगद पुरस्कार प्रदान किया जायेगा।
पुरस्कार की राशि दोषी अधिकारी, कर्मचारी से अर्थदण्ड के रूप में वसूल की जा सकेगी। आज अपरान्ह जिला कलेक्टोरेट में रतलाम अनुविभाग के राजस्व कार्यों की समीक्षा करते हुए संभागायुक्त, उज्जैन एम.बी. ओझा नें तदाषय की घोशणा की। संभागायुक्त नें कहा कि अनुविभाग के समस्त राजस्व अधिकारी तथा तहसीलदार नामांतरण के प्रकरणों की पाक्षिक समीक्षा करें व पटवारियों को हर सप्ताह दो बार ग्रामीण क्षेत्रों में अनिवार्य रूप से विजिट करने हेतु निर्देशित करें। उन्होंने स्पश्ट रूप से कहा कि कोई भी नामांतरण बगैर नक्षे-तरमीम के न किया जाये एवं आवेदकों को अनिवार्य रूप से नामांतरण प्रमाण-पत्रों का वितरण सुनिष्चित किया जाये।
समीक्षा के दौरान उपायुक्त, राजस्व पवन जैन, जिला कलेक्टर श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल एवं रतलाम अनुविभाग के समस्त राजस्व अधिकारीगण मौजूद थे। बकाया डायवर्षन षुल्क की वसूली में रतलाम अनुविभाग के उल्लेखनीय पर्दशन हेतु संभागायुक्त नें जिला कलेक्टर श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी।
उन्होंने चार हजार नामांतरण किये जाने हेतु भी राजस्व अधिकारियों के कार्य की प्रषंसा की। संभागायुक्त नें स्पश्ट कहा कि छोटे भूखण्डों के डायवर्षन पर सख्ती से रोक लगाई जाये एवं उनका नामांतरण न किया जाये। संभागायुक्त नें जावरा राजस्व अनुविभाग में आर.सी.एम.एस. (रेवेन्यु केस मैनेजमेंट सिस्टम) में अनुविभाग के काफी पिछडा होने पर चिन्ता व्यक्त करते हुये एस.डी.एम., जावरा शिराली जैन को निर्देशित किया कि इस संदर्भ में अधिक प्रयास कर तहसील की स्थिति बेहतर बनाएँ। सीमांकन के लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु आगामी 15 अक्टूबर से विशेष अभियान चलाए जाने के भी उन्होंने निर्देश दिये।
मंदिरों की जमींनों पर अनधिकृत कब्जे न होने दिये जायें
संभागायुक्त नें समस्त अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि मंदिरों की जमीनें षासकीय होती है एवं जमीनों पर अवांछित कब्जे होते हैं। अतः समस्त राजस्व अधिकारीगण सुनिष्चित करें कि इन जमीनों पर अनधिकृत कब्जे न होने पाएं एवं मंदिरों का संचालन समिति बनाकर सुनिष्चित किया जाये।
बैठक में कलेक्टर श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल नें संभागायुक्त को अवगत कराया कि डायवर्षन शुल्क की वसूली हेतु सघन प्रयास किये जा रहे है एवं इसी के अंतर्गत ग्राम बिरियाखेडी, तहसील रतलाम के श्री विजेन्द्र पिता श्री षांतिलाल गादिया की सर्वे क्रमांक 150/3, 108/1, 103/4, 104/1, 104/2, 104/3 कुल चार हेक्टेयर भूमि कुर्क कर ली गई है एवं एक महीने की अवधि में उनके विरूद्ध बकाया रूपये 14 लाख के डायवर्षन शुल्क का उनके द्वारा भुगतान न किये जाने की स्थिति में कुर्क की गई संपत्ति की नीलामी की जाकर डायवर्षन शुल्क की वसूली कर ली जायेगी।
कलेक्टर ने बताया कि रतलाम अनुविभाग में लगभग रूपये 5.5 करोड के बकाया डायवर्षन शुल्क की वसूली हेतु बकायादारों की चल-अचल संपत्ति की नीलामी एवं कुर्की की कार्यवाही प्रचलन में है। कलेक्टर ने बताया कि शासकीय पट्टे अहस्तांतरणीय होने संबंधी जानकारी शासकीय संपत्तियों पर लगाई जा रही है। बैठक में संभागायुक्त को शासन की भावान्तर भुगतान योजना के बारे में रतलाम अनुविभाग में किये गये कार्यों की पावर पाॅईंट प्रेजेन्टेशन द्वारा जानकारी दी गई। भावान्तर भुगतान योजना में अनुविभाग के कार्यों की संतोशजनक प्रगति पर संभागायुक्त नें आष्वस्ति प्रकट की। बैठक में आलोट, जावरा, सैलाना, रतलाम सहित संपूर्ण अनुविभाग के राजस्व अधिकारीगण मौजूद थे।