September 30, 2024

पटवारी अपनी कार्य पद्धति बदले, पारदर्शिता रखें – कलेक्टर

गिरदावरी मोबाईल ऐप के लिये प्रशिक्षण सह कार्यशाला आयोजित

रतलाम ,26 जुलाई (इ खबर टुडे )। कलेक्टर श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल ने रतलाम तहसील के पटवारियों और तहसीलदारों को सचेत किया हैं कि जनता के सशक्तिकरण का समय हैं। जनता के पास आपकी कार्यप्रणाली को ठीक करने के लिये शासन के द्वारा कई माध्यम उपलब्ध कराये गये है। बेहतर होगा कि पटवारी अपनी कार्य पद्धति को बदले। कार्यो में पूर्ण पारदर्शिता बरते। सभी के साथ निष्पक्षतापूर्वक व्यवहार रखते हुए नियमानुसार कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करें।

पटवारी राजस्व अमले की एक महत्वपूर्ण इकाई है और जिले में उसी अमले का मुखिया कलेक्टर होता है। ऐसी नौबत न आये कि मुखिया को अपने ही अमले के अधिकारी, कर्मचारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करना पड़े। कलेक्टर ने सख्त हिदायत के साथ राजस्व अमले को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में राजस्व संबंधी कार्यो में पूर्ण पारदर्शिता रखने के लिये मध्यप्रदेश शासन द्वारा तैयार किये गये गिरदावरी मोबाईल ऐप अनुसार कार्य किये जाने हेतु प्रशिक्षण सह कार्यशाला के आयोजन में निर्देशित किया।

कृषकों की जमीन (सिंचित/असिंचित), बुआई की जाने वाली फसले, बुआई की विधि, फसलों की किस्में, सिंचाई की व्यवस्था, बुआई का क्षेत्रफल इत्यादि स्पष्ट एवं एकदम सही जानकारी के संकलन करने और तथ्यों पर आधारित नवीन कार्य योजनाओं इत्यादि के लिये मध्यप्रदेश शासन द्वारा गिरदावरी मोबाईल ऐप तैयार किया गया है। इस ऐप के माध्यम से किसानांे के साथ फसलों व अन्य गतिविधियों की सही वस्तुस्थिति का पता चल सकेगा। अब पटवारियों को समस्त जानकारियॉ इस मोबाईल ऐप का उपयोग करते हुए प्रविष्ठि करनी होगी। समस्त जानकारियॉ सर्वर पर अपलोड रहेगी। इन जानकारियों को कोई भी व्यक्ति देख सकेगा। मोबाईल ऐप का उपयोग करते हुए पटवारी सही तरीके से जानकारियोें की प्रविष्ठियॉ कर सकें। इसके लिये आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में प्रशिक्षण सह कार्यशाला आयोजित कर पटवारियों, तहसीलदारों व भू-अभिलेख के अमले को प्रशिक्षण देकर गिरदावरी मोबाईल ऐप की बारिकियों से अवगत कराया गया।

किसानों की सहमति लेकर ही प्रविष्ठियॉ करें
कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने पटवारियों को प्रशिक्षण के दौरान निर्देशित किया कि मोबाईल ऐप में की जाने वाली प्रविष्ठियॉ किसानोें की सहमति से ही किया जाना सुनिश्चित करें। प्रविष्ठियांे के पूर्व मोबाईल नम्बर, आधार नम्बर इत्यादि छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें। समस्त डाटा अद्यतन रखें। उल्लेखनीय हैं कि पटवारियों के द्वारा संकलित जानकारियों को मोबाईल ऐप में अंकित किये जाने के पश्चात किसानों के पास मेसेज ऐप के माध्यम से ही आयेगा जिसमें जानकारी भरने वाले पटवारी का नाम और मोबाईल नम्बर रहेगा। साथ ही एक वन टाईम पासवर्ड (ओटीपी) भी आयेगा। किसान ओटीपी नम्बर संबंधी पटवारी को बतायेगा उसके बाद ही जानकारी अपलोड की जा सकेगी। किसान प्रविष्ठ की जाने वाली जानकारी एकदम सही होने पर वह अपना ओटीपी नम्बर पटवारी को देगा। यदि जानकारी में संशोधन की आवश्यकता हैं तो वह संबंधित पटवारी से बात कर जानकारी में संशोधन करवा सकेगा।

हड़बड़ी न करें, एक बार में सही डाटा एंटर करें
कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने पटवारियों को नवीन मोबाईल ऐप अनुसार जानकारियों की प्रविष्ठि मेें जल्द बाजी न करने के निर्देश दिये है। उन्होने कहा हैं कि प्रविष्ठियों में हड़बड़ी न करें। समस्त आवश्यक जानकारियॉ संकलित कर लें और एक बार में ही सही प्रविष्ठियॉ करें। किसानों से प्राप्त की जाने वाली जानकारियों का फोटो खिचकर मोबाईल में रखे या दस्तावेजों के साथ फोटो कॉपियॉ संकलित रखे ताकि प्रविष्ठि में त्रुटियों की गंुजाईश खत्म हो जाये। कलेक्टर ने कहा कि जानकारी अपलोड किये जाने के बाद संशोधन किये जाने में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बेहतर होगा कि एक बार में ही सही जानकारियॉ प्रविष्ठियॉ करें।
जो हैं, जैसा हैं, वैसे ही प्रविष्ठियॉ करें
श्रीमती सुन्द्रियाल ने पटवारियों, राजस्व निरीक्षकों को सचेत भी किया और हिदायत भी दी कि किसी भी प्रकार की छद्म, अपुष्ट या असत्य जानकारियों की प्रविष्ठियों से बचे। उन्होने जो हैं, जैसा हैं, वैसे ही प्रविष्ठियॉ गिरदावरी मोबाईल ऐप में करने के निर्देश दिये है। कलेक्टर ने कहा हैं कि यदि प्रविष्ठियॉ गलत अंकित की जायेगी तो राजस्व का अमला संदेह के दायरे में आयेगा और फिर उन्हें कठोर कार्यवाही करनी पड़ेगी। यदि सही जानकारियॉ भरी जायेगी तो दस्तावेज व्यवस्थित होगें और राजस्व विभाग के कार्य में सभी को आसानी रहेगी। उन्होने स्पष्ट किया कि दस्तावेजों में किसी भी प्रकार की छदम या असत्य जानकारी का आगामी चरणों में गुगल अर्थ और भूवन ऐप से सत्यापन किया जा सकेगा।

समस्या निदान के लिये तहसीलदार बैठेगे पटवारियों के साथ
कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने तहसीलदारों को निर्देशित किया हैं कि गिरदावरी मोबाईल ऐप में की जाने वाली प्रविष्ठियो के संबंध में राजस्व निरीक्षकों और पटवारियों को किसी भी प्रकार की समस्या आती हैं तो वे नियमित रूप से उनके साथ बैठक लेकर समस्याओं का निराकरण करना सुनिश्चित करे। यदि तहसीलदार समस्याआंे का निराकरण नहीं कर पाते हैं तो कलेक्टर को अवगत कराया जाये ताकि समस्याओं का निराकरण हो सकें।

गिरदावरी मोबाईल ऐप से होगें कई लाभ
मध्यप्रदेश शासन द्वारा फसल गिरदावरी हेतु मोबाईल एप्लिकेशन मध्यप्रदेश आई.टी. के माध्यम से तैयार किया गया है। इस गिरदावरी मोबाईल ऐप के माध्यम से तकनीक के उपयोग से त्वरित संकलन हो सकेगा। पटवारी हल्के के समस्त खसरे एवं भूमि स्वामियों का डाटा मोबाईल पर ही होने से रिकार्ड देखने में सहुलियत रहेगी। कृषकों की अधिकाधिक सहभागिता से प्रक्रियागत पारदर्शिता आयेगी। मोबाईल ऐप के ऑनलाईन होने से गिरदावरी प्रक्रिया की बेहतर मॉनीटरिंग होगी। डिजिटल डाटा होने से अन्य विभागों से डाटा शेयर किया जा सकेगा। साथ ही प्रचलित पद्धति की
कमियों को दूर करना आसान होगा।

गिरदावरी मोबाईल ऐप से कई समस्याऐं दूर होगी
मध्यप्रदेश शासन द्वारा विकसित किये गये मोबाईल एप्लिकेशन गिरदावरी ऐप से पटवारी द्वारा पंजीयन पश्चात गिरदावरी कार्य किया जायेगा। पूर्व में प्रचलित पराम्परागत पद्धति से गिरदावरी कार्य में होने वाली समस्याओं जैसें वास्तविक बुआई क्षेत्र एवं गिरदावरी से प्राप्त आंकड़ों में अंतर को दूर किया जा सकेगा। वास्तविक व समय पर जानकारी न आने से कृषि क्षेत्र में नियोजन, प्रबंधन एवं विपणन की समस्या दूर होगी। किसानों की सहभागिता सुनिश्चित होगी। कई वास्तविक कृषकों को फसल बीमा एवं राहत राशि के लाभ से वंचित नहीं होना पड़ेगा। वित्तिय संस्थानों से फसल ऋण मिलने संबंधी कठिनाईयॉ दूर होगी। उपार्जन के दौरान फसल सत्यापन की समस्या समाप्त हो सकेगी। कृषि व उद्यानिकी आधारित अनुदानों, योजनाओं के लाभ मिलने संबंधी समस्या भी खत्म की जा सकेगी।
कलेक्टर ने तहसीलदारों को आगामी दो दिन में गिरदावरी मोबाईल ऐप के प्रक्रियागत एक्टिवेशन को पूर्ण करने के निर्देश दिये है। उन्होने पटवारियों को तत्काल मैदान में उतरकर कार्य करने को कहा हैं ताकि गिरदावरी मोबाईल ऐप में खरीफ की फसल को दृष्टिगत रखते हुए आवश्यक जानकारियों की यथासम्भव शीघ्रता से जानकारियॉ प्रविष्ठ की जा सकें। प्रशिक्षण सह कार्यशाला में तहसीलदार श्रीमती रश्मि श्रीवास्तव, तहसीलदार अजय हिंगे, प्रभारी भू-लेख अधीक्षक श्रीमती रेशम गवली और रतलाम तहसील के समस्त राजस्व निरीक्षक व पटवारी मौजूद थे।

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