November 18, 2024

किसानों के नाम पर अराजकता फैला रहे हैं निहित स्वार्थी तत्व -मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

प्रदेश सरकार किसानों की सरकार

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किसानों से की चर्चा से समाधान की अपील

भोपाल03जून(इ खबरटुडे)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले एक-दो दिन में किसानों से अपील की है कि वे उनके नाम से अराजकता फैलाने वालों से सावधान रहें और किसी तरह के बहकावे में न आयें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि किसानों की हाड़-तोड़ मेहनत से मध्यप्रदेश राज्य देश में नहीं विश्व में कृषि विकास दर में अग्रणी है। श्री चौहान ने कहा है कि चर्चा और संवाद ऐसे माध्यम हैं, जिनसे हर समस्या का निदान करने में हम सक्षम हो सकते हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश के किसान परेशान हों, यह जानकर ही पीड़ा होती है। उन्होंने कहा कि किसानों की वर्तमान समस्याओं को हल करने के लिये सरकार तत्पर और तैयार है। श्री चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार पहली ऐसी सरकार है जिसने किसानों को पहले 16-17 प्रतिशत ब्याज दर पर मिलने वाले कृषि ऋणों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर देने की व्यवस्था की। यही नहीं सरकार ने व्यवस्था की है कि एक लाख का कृषि ऋण लेने वाले किसानों को महज 90 हजार ही अदा करने होंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि न केवल बिना ब्याज के कृषि ऋण बल्कि राज्य सरकार ने पिछले 11 वर्ष में किसानों और खेती-किसानी के हक में जो फैसले लिये वे देश ही नहीं पूरे विश्व में उदाहरण बने। प्रदेश को लगातार पाँच बार कृषि कर्मण अवार्ड का मिलना इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि खाद की किल्लत को दूर करने के लिये खाद का अग्रिम भण्डारण, खेत तालाब योजना, मुख्यमंत्री खेत तीर्थ योजना, हलधर योजना, मेरा खेत मेरी माटी योजना, खाद्य प्र-संस्करण, कृषि यंत्रीकरण को प्रोत्साहन देने के लिये देश में सबसे ज्यादा अनुदान और प्रोत्साहन की योजना, फसल बीमा का सफल क्रियान्वयन और कृषि सहयोगी मत्स्य पालन, पशुपालन, उद्यानिकी फसलों की खेती को बढ़ावा, रेशम पालन, बाँस उत्पादन, लाख उत्पादन, समर्थन मूल्य पर अतिरिक्त बोनस राशि देकर गेहूँ और अन्य खाद्यान्नों की खरीदी, सरकार के ऐसे प्रयास रहे हैं, जो सर्वथा किसान हितैषी रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने खेती को लाभकारी बनाने को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में न केवल शामिल किया बल्कि उसके लिये काम भी किया। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में आज लगभग 40 लाख हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध है, जो अब से 10-12 वर्ष पहले महज 7.5 लाख हेक्टेयर में थी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश देश के उन दो-तीन राज्यों में से है, जिसने खेती के लिये कम से कम 10 घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की है।

मुख्ममंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश कृषि प्रधान प्रदेश है। मैं स्वयं किसान पुत्र हूँ। मैं जानता हूँ कि खेती-किसानी और किसानों की समस्याएँ क्या हैं। मैंने इन समस्याओं के निदान के लिये हरसंभव प्रयास किये हैं। सरकार के प्रयासों को देश और विश्व में सराहा भी है। प्रदेश को एग्रीकल्चर लीडरशिप अवार्ड मिला है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश अपने किसानों की संख्या के अनुसार देश में सबसे ज्यादा राशि के अल्पकालीन और मध्यम कालीन ऋण देता है। किसान क्रेडिट कार्ड और मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण में भी प्रदेश अग्रणी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का रोड मेप न केवल मध्यप्रदेश ने सबसे पहले तैयार किया बल्कि उस पर अमल भी शुरू कर दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र का विस्तार, उन्नत बीजों का प्रसार, उन्नत कृषि तकनीकी के प्रसार, फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनियों के गठन, उद्यानिकी क्षेत्र विस्तार, जैविक खेती का विस्तार, कृषि क्षेत्र में आपदा प्रबंधन, कृषि विपणन व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण राज्य सरकार के ऐसे प्रगतिशील और प्रभावी कदम हैं, जो किसानों की हितचिन्ता में उठाये गये हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि पिछले वर्ष प्याज की समर्थन मूल्य पर खरीदी करने वाला देश में अकेला मध्यप्रदेश था। उन्होंने कहा कि आज भी किसानों की जो समस्या है, उन्हें हल करने के लिये मध्यप्रदेश सरकार तत्पर है। उन्होंने कहा कि मुझे अभी भी विश्वास नहीं है कि फसलों का सड़क पर फेंकना और दूध जैसे अमृत को सड़क पर बहाने जैसे काम प्रदेश के किसान भाई कर सकते हैं। यह कुछ निहित स्वार्थी तत्वों का किसान भाइयों, पशुपालकों को बरगलाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि हाड़-तोड़ मेहनत से उपजी फसलों और दूध की बर्बादी और वह भी मध्यप्रदेश में, उन्हें पीड़ा देती है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वे मिल-बैठकर किसानों की हर समस्या का समाधान निकालने के लिये तैयार हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किसानों से अपील की है कि वे चर्चा और संवाद के लिये आगे आयें। साथ ही अपनी उपज और दूध को बर्बाद न करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार किसानों की सरकार है और रहेगी। राज्य सरकार किसानों को आर्थिक नुकसान बरदाश्त नहीं कर सकती और न करेगी।

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