November 22, 2024

सर्वसमाज को समर्पित रहा जैनाचार्यश्री का जीवन – सन्त श्री नर्मदानन्दजी

जयन्तसेन पुण्योत्सव में स्मृतियों का स्मरण

रतलाम,14 मई (इ खबर टुडे )। दिवंगत आचार्य लोकसन्त श्री जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. के आत्मश्रेयार्थ तीन दिवसीय जयन्तसेन पुण्योत्सव का समापन गुरू गुणानुवाद सभा के साथ पूज्य सन्तश्री नर्मदानन्दजी महाराज के सांनिध्य में हुआ। अतिथि वक्ता केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गेहलोत व मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता रहे। जिन्होंने कहा कि लोकसन्तश्री के विचारों और उपदेशों को आचरण में लाने से ही विश्व मानव समाज के समग्र कल्याण की भावना साकार होगी।
नवोदित तीर्थ जयन्तसेन धाम पर लोकसन्तश्री के नूतन पट्टधर आचार्यश्री नित्यसेन सूरीश्वरजी म.सा. एवं आचार्यश्री जयरत्न सूरीश्वरजी म.सा. की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से रविवार को जयन्तसेन पुण्योत्सव आयोजित हुआ। यहां अतिथिगण के साथ ज्ञानी मानसिंहजी, आयोजक, राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष, रतलाम विधायक एवं श्री जयन्तसेन धाम चेतन्य काश्यप जैन श्वेताम्बर तीर्थ पेढ़ी के चेतन्य काश्यप, त्रिस्तुतिक श्रीसंघ के राष्ट्रीय महामंत्री सुरेन्द्र लोढा, प्रदेश अध्यक्ष शांतिलाल दसेड़ा, रतलाम श्रीसंघ अध्यक्ष डॉ. ओ.सी. जैन, पूर्व विधायक धुलजी चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष कान्हसिंह चौहान, पूर्व जिलाध्यक्ष बजरंग पुरोहित, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रमेश मईड़ा, सी.सी. बैंक अध्यक्ष अशोक चौटाला, निगम अध्यक्ष अशोक पोरवाल सहित विभिन्न जैन श्रीसंघों के पदाधिकारी मंचासीन रहे।
पूज्यसन्त श्री नर्मदानन्दजी महाराज ने कहा कि अपने लिए तो सभी जीवन जीते है, लेकिन लोकसन्तश्री ने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज के उत्थान के लिए न्यौछावर किया। वे पूर्णता के प्रतीक थे। गत वर्ष चेतन्य काश्यप परिवार द्वारा उनका रतलाम चातुर्मास पूरे भारत के लिए सौगात रही। ऐसे महापुरूष का स्मरण करके हम स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते है। आपने चातुर्मास के समय भेंट के दौरान लोकसन्तश्री द्वारा मॉ नर्मदा के जीवन पर कविता व आत्मकथा की चर्चा का संस्मरण भी सुनाया।
अतिथि वक्ता केन्द्रीय मंत्री श्री गेहलोत ने कहा कि लोकसन्तश्री ने धर्म संस्कृति की पताका फहराने का संदेश दिया। गुणानुवाद उनकी स्मृतियों को स्मरण करने का एक अवसर है। लोकसन्तश्री के गुणों व आशीर्वचनों को अंगीकार करने के बाद उन्हें आचरण में उतारने का प्रयास भी करना चाहिए। उनकी वाणी का अनुसरण कर हम सन्त नहीं बन सके, लेकिन सच्चे भक्त तो बन सकते है। लोकसन्तश्री ने धर्म, संस्कृति और समाज उत्थान के लिए अपना समग्र जीवन समर्पित किया, इससे प्रेरणा लेकर अपना जीवन उन्नत करें। आपने कहा कि लोकसन्तश्री का रतलाम चातुर्मास ऐतिहासिक बन गया है। इसकी स्मृतियों को चिरस्थाई बनाए रखने के लिए चेतन्य काश्यप आगे भी प्रयास करेंगे।

विचार और साहित्य मार्गदर्शन करेंगे – श्री गुप्ता

सांसद सुधीर गुप्ता ने कहा कि ग्लोबलाईजेशन के इस दौर में जहां व्यक्ति को परमार्थ, संयम, सद्गुण, सदाचार और संस्कारों का पाठ पढ़ाना बहुत मुश्किल कार्य है। इसी दौर में लोकसन्तश्री ने इन कार्यों को बखूबी करते हुए समाज के धर्ममय जीवन का निर्माण किया। उनके द्वारा रचित 200 से अधिक पुस्तकें कलियुग में समाज का मार्गदर्शन करती रहेंगी। लोकसन्तश्री दिव्य शक्ति के रूप में हमारे बीच थे। हम उनके बताए मार्ग पर चलकर ही हम बदलाव ला सकते है।

जीवन का प्रत्येक क्षण समाज उत्थान को समर्पित – श्री लोढा

श्रीसंघ के राष्ट्रीय महामंत्री सुरेन्द्र लोढा ने कहा कि लोकसन्तश्री आध्यात्मिक बसन्त थे। उन्होंने अपने जीवन का प्रत्येक क्षण समाज के उत्थान के लिए समर्पित किया। अध्यात्म और आराधना के प्रति समर्पित इस दिव्य विभूति को हम पुण्योत्सव में शत्-शत् नमन् करते है। आपने कहा कि एक शताब्दी के इतिहास में ऐसे जैनाचार्य मिलना असंभव है। जिन्होंने अपने 175 से अधिक साधु-साध्वी के बीच से महाप्रयाण किया हो।

लोकसन्तश्री का आशीर्वाद अनमोेल धरोहर – श्री काश्यप

आयोजक चेतन्य काश्यप ने कहा कि रतलाम के प्रति लोकसन्तश्री के मन में विशेष कृपाभाव था। यह मेरे परिवार का सौभाग्य था कि मुझे लोकसन्तश्री का 63वॉ अंतिम चातुर्मास रतलाम में जयन्तसेन धाम पर करवाने का अवसर मिला। उनकी प्रेरणा व निश्रा में जयन्तसेन धाम तीर्थ की स्थापना हुई। रतलाम के सर्वसमाज ने उनके प्रति श्रद्धाभाव रखते हुए धर्म-आराधना एवं उपदेशों का लाभ लिया। यही सामाजिक समरसता का नव अभ्युदय का मॉडल है। इसी पर चलते हुए हम सामाजिक समरसता को नई ऊॅचाईयॉ देंगे। उनका एक ही भाव था कि दादा गुरूदेव श्री राजेन्द्र सूरीश्वरजी की स्थापित परम्परा को यतीन्द्र सूरीश्वरजी के आशीर्वाद से आगे बढ़ाए। इसी भाव को लेकर अंतिम समय तक वे समाज और धर्म के कार्यों में संलग्न रहे। आपने कहा कि लोकसन्तश्री का मुझे 40 वर्षों से अधिक समय तक सांनिध्य मिला। उनके उपदेश और आशीर्वाद हमारे जीवन की अनमोल धरोहर है।
समारोह में सकल जैन श्रीसंघ के अध्यक्षगण चन्दनमल छाजेड़, शैलेष पीपाड़ा, अशोक लुनिया, अशोक बरमेचा, मोहनलाल पिरोदिया, अशोक बम्बोरी, जयन्त बोहरा, राजकुमार अजमेरा, राजेश जैन भुजियावाला आदि मंचासीन थे।
संस्मरण का लोकार्पण – यहां लोकसन्तश्री के रतलाम चातुर्मास की स्मृतियों पर दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित पत्रिका ‘‘संस्मरण’’ का अतिथिगण ने लोकार्पण किया। यहां दैनिक भास्कर रतलाम सम्पादक प्रशान्त कालीधर, युनिट हेड कुलदीपसिंह परिहार उपस्थित थे। युवा संगीतकार सिद्धार्थ काश्यप एवं साथियों ने गुरू गुणानुवाद भक्ति की प्रस्तुतियॉ दी। पुण्योत्सव में लघु फिल्म ‘‘गुरूवर तुमको प्रणाम’’ का प्रसारण किया गया। संचालन अब्दुल सलाम खोकर एवं आभार सिद्धार्थ काश्यप ने माना। इस मौके पर नगर के सकल जैन श्रीसंघ व आमंत्रितजनों के स्वामीवात्सल्य (सहभोज) में शहर के जैन श्रीसंघों के 40 से अधिक संगठनों व संस्थाओं ने सेवाएं दी। पुण्योत्सव में नगर के अन्य समाजों व धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक संगठनों के पदाधिकारी, सदस्यगण व आमंत्रितजन, मीडियाकर्मी उपस्थित थे।

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