दिल्ली नगर निगम चुनाव – एक्जिट पोल्स के मुताबिक बीजेपी का लहराएगा परचम, आप का सूपड़ा होगा साफ
नई दिल्ली,23 अप्रैल (इ खबरटुडे)। दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए रविवार को हुए मतदान के बाद एक्जिट पोल्स में बीजेपी की शानदार जीत का अनुमान लगाया गया है और उसे 200 से अधिक सीटें मिलने की संभावना जताई गई है. हालांकि रविवार को हुए मतदान के दौरान दिल्लीवासियों ने उत्साह नहीं दिखाया और 54 फीसदी वोटिंग ही दर्ज की गई. इन चुनावों को आम आदमी पार्टी की दो साल पुरानी अरविंद केजरीवाल सरकार के रिपोर्ट कार्ड के रूप में देखा जा रहा है. दिल्ली नगर निगम पर एक दशक से बीजेपी का कब्जा है. एमसीडी चुनाव के प्रचार में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, राजनाथ सिंह और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया था.
इंडिया टुडे-एक्सिस पोल के एक्जिट पोल में बीजेपी को 202 से 220 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. वहीं आम आदमी पार्टी को 23 से 35 सीटें और कांग्रेस को 19-31 सीटें मिलने की उम्मीद जताई गई है. सी-वोटर-एबीपी के एक्टिज पोल के अनुसार बीजेपी को 218 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि आम आदमी पार्टी को 24 और कांग्रेस को 22 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है. दोनों एक्जिट पोल के औसत के आधार पर बीजेपी को 216 सीटें, आम आदमी पार्टी को 25 सीटें और कांग्रेस को 26 सीटें मिलने की उम्मीद है.
पंजाब और गोवा विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद एमसीडी चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए बेहद अहम है. अभी पिछले ही दिनों राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई थी. इस सीट पर बीजेपी ने कब्जा जमाया. दो साल पहले ही आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनावों में अभूतपूर्व जीत हासिल करते हुए 70 में से 67 सीटों पर अपना परचम लहराया था.
रविवार को हुए मतदान में उत्तरी निगम के 103, दक्षिणी निगम के 104 और पूर्वी निगम के 63 वार्ड के लगभग 13 हजार उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई है. इनमें भाजपा के 266, आप के 262, कांग्रेस के 267 और स्वराज इंडिया के 109 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.
मतदान के दौरान कई जगह ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें भी मिली हैं. इसके अलावा मतदान के स्तर से जुड़े आंकड़े राज्य निर्वाचन आयोग के कंट्रोल रूम तक पहुंचाने में भी देरी का मामला सामने आया है. आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कंट्रोल रूम तक मतदान के आंकड़े पहुंचाने में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा.