बच्चों को स्कूल भेजो, योजनाओं का लाभ मिलेगा – कलेक्टर
जन सुनवाई में नागरिकांे की समस्याओं का निराकरण हुआ
रतलाम,11 अप्रैल(इ खबरटुडे)।कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर ने आज जन सुनवाई में बच्चों को लेकर आये आवेदनकर्ताओं से पहले बच्चों की पढ़ाई लिखाई के बारे में जानकारी ली। उन्हे नियमित रूप से स्कूल भेजने की समझाईश दी। कलेक्टर ने आश्वस्त किया कि उनके आवेदन पत्रों पर नियमानुसार प्रशिक्षण किया जायेगा। पात्रताधारी होने पर सभी को अनिवार्य रूप से लाभ भी दिया जायेगा।
जन सुनवाई में आज आवास योजना, पेंशन योजना, आर्थिक सहायता, चिकित्सा सहायता की मांग संबंधी आवेदन पत्रों के साथ ही नामाकंन, बटवारे में लापरवाही संबंधी शिकायतें भी प्राप्त हुई। कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर और एडीएम डाॅ. कैलाश बुन्देला ने जनता की समस्याओं के निराकरण के लिये संबंधित कार्यालय प्रमुखों को समयसीमा निर्धारित करते हुए प्रकरणों की समस्याओं का निराकरण करने के निर्देश दिये। आज जन सुनवाई में 120 शिकायतों का निराकरण हुआ।
जन सुनवाई में आज धौंसवास की श्रीमती माया कैलाश ने आवास योजना में लाभ नहीं मिलने की शिकायत की। शिकायत करते हुए बताया कि हितग्राहियों की पात्राता सूची मंे उसका नाम नहीं है। कलेक्टर ने उसकी माली हालत को देखते हुए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हरजिन्दरसिंह को शिकायत का परीक्षण करने के निर्देश दिये है। उन्होने के कहा हैं कि क्या आवेदिका का नाम सामाजिक, आर्थिक, जनगणना 2011 (एसीसी) की सूची में दर्ज हैं यदि नहीं हैं तो उसका नाम जोड़े जाने हेतु कार्यवाही की जाये। कलेक्टर ने आवेदिका के साथ आयी हुई दोनों बालिकाओं पायल और जमना से स्कूल जाने के बारे में पुछताछ की। पायल ने बताया कि वह कक्षा चैथी में पढ़ती हैं जबकि जमना कक्षा तीसरी में प़ढती है। कलेक्टर ने आवेदिका माया को आवास योजना का लाभ दिलाने को आश्वस्त किया। साथ ही अपेक्षा की कि वह बच्चों की नियमित रूप से स्कूल भेजे। एक अन्य आवेदिका हेमा चैहान के द्वारा उसके बच्चें को विध्यालय नहीं भेजने पर कलेक्टर ने समझाया कि वह यदि वह गरीब हैं और अपने बच्चों को प्राईवेट स्कूल में नहीं पढ़ा सकती हैं तो वह अपने बच्चों को शासकीय स्कूल में क्यांे नहीं भेजती। शिक्षा से वंचित रखकर वह अपने बच्चें का जीवन कैसे उज्जवल बनाना चाहती है। हेमा ने विश्वास दिलाया कि वह बच्चे को स्कूल भेजेगी।
जीते जी माॅ को निकाला, मकान हड़पा
जन सुनवाई में आज श्रीमती कमलाबाई कचरूमल देवड़ा ने शिकायत की कि उसके बेटे नरेन्द्र कुमार ने दुरूव्यवहार कर उसे घर से निकाल दिया है। पति स्व. कचरूमल ने मृत्यु के पूर्व जुलाई 2009 में ही लिखी वसीयत में पति-पत्नि दोनों की मृत्यु के उपरांत मकान नरेन्द्र कुमार को देने का उल्लेख किया था। पति की मृत्यु के बाद कमलाबाई अपने बेटे नरेन्द्र कुमार के साथ रह रही थी किन्तु बेटे ने उसके साथ दुरूव्यवहार किया। बिमारी होने के बाद भी उसका ईलाज भी नहीं कराया और उसे घर से निकाल दिया। घर से निकालने के बाद नरेन्द्र कुमार ने बांगरोद में माॅ के जीवित होने के बाद भी कतिपय लोगों से मिलीभगत कर अपने नाम मकान का नामांतरण करा लिया। कमलाबाई ने गुहार लगाई कि उसके साथ न्याय किया जाये और मकान को पुनः उसके नामे करवाया जाये। प्राप्त शिकायत पर कार्यवाही करते हुए एसडीएम रतलाम ग्रामीण को माता-पिता भरण पोषण अधिनियम अंतर्गत आवश्यक कार्यवाही कर संबंधित को मकान पुनः दिलाने के निर्देश दिये गये।
चार महिने से मध्यान्ह भोजन हेतु गेंहू नहीं, उपलब्ध करायें
जन सुनवाई में बाजना तहसील के ग्राम भडानकलां के कृष्णा स्वसहायता समूह की अध्यक्ष मगनबाई एवं सचिव बालुबाई ने मध्यान्ह भोजन बनाने के लिये विगत चार माह से गेंहू नहीं मिलने की शिकायत की। उसने बताया कि शासकीय उचित मूल्य की दुकान से गेंहू प्राप्त नहीं होने के कारण मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम को संचालित करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शिकायत में बताया गया कि औसतन प्रतिमाह दो क्विंटल गेंहू समूह को प्राप्त होता है। विगत दिसम्बर 2016 से मार्च 2017 तक एक भी किलो गेंहू राशन दूकान से प्राप्त नहीं हुआ है। जनपद पंचायत बाजना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को शिकायत की जाॅच कर अविलम्ब स्वसहायता समूह को गेंहू उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये।
स्टोव्ह में जले हाथ-पैर आर्थिक सहायता मिलेगी
रावटी के ग्राम रानीसिंग के रूगनाथ मूलचंद्र गामड़ को मुख्यमंत्री आर्थिक सहायता योजनान्तर्गत राशि उपलब्ध कराई जायेगी। आज जन सुनवाई में उसने उपचार और आजीविका उपार्जन के लिये आर्थिक सहायता की मांग की। रूगनाथ ने बताया कि गत माह में घर में खाना बनाते समय स्टोव्ह में से आग की लपटे निकलने के कारण शारीरिक रूप से जल जाने से वह मजदूरी भी नहीं कर पा रहा हैं और भरण पोषण का संकट उत्पन्न हो गया है। आर्थिक सहायता मिलने पर वह अपना उपचार करा सकेगा साथ ही रोजी-रोटी भी कमा सकेगा। एसडीएम सैलाना आर.पी.वर्मा को शिकायत का परीक्षण कर मुख्यमंत्री आर्थिक सहायता में प्रकरण तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये।