जिंदा का कर दिया पीएम, मृतक का नहीं दे रहे डेथ सर्टिफिकेट
डॉक्टरों की लापरवाही का खामियाजा पूरा परिवार भुगत रहा है
कटनी16 मार्च(इ खबरटुडे)। जिला अस्पताल में लापरवाही के किस्से आम हैं, लेकिन लापरवाही की हद पार तब हो गई जब डॉक्टरों ने जिंदा व्यक्ति का ही डेथ सर्टिफिकेट बना डाला। सर्टिफिकेट में इसी व्यक्ति का ही पीएम होना भी दर्शा दिया। जबकि मृत्यु उसके भाई की हुई थी। अब वह खुद का जिंदा बताकर भाई का डेथ सर्टिफिकेट लेने अस्पताल के चक्कर लगा रहा। डेथ सर्टिफिकेट न मिलने से बीमा समेत अन्य क्लेम के कार्य रुके हैं।
कुठला थाना अंतर्गत चाका मॉडल रोड पर 11-12 फरवरी दरमियानी रात बाइक सवार युवक ट्रक की चपेट में आ गया था। घटनास्थल पर ही युवक की मौत हो गई थी। पुलिस ने पूछताछ के दौरान युवक की शिनाख्त शैलेंद्र परोहा पुत्र रामनाथ परोहा निवासी मोहनिया गांव थाना स्लीमनाबाद के रूप में हुई थी। शैलेंद्र कुठला स्थित प्रचंड इंटरप्राइजेज कोयला प्लांट में काम करता था। डॉक्टरों की लापरवाही के चलते शैलेंद्र की बजाय उसके सगे भाई राममोहन परोहा का लिखापढ़ी में पीएम कर दिया। डॉक्टरों की लापरवाही का खामियाजा पूरा परिवार भुगत रहा है।
मामले में सिस्टम पर उठ रहे सवाल
जिला अस्पताल के डॉक्टरों कार्यप्रणाली और उनके सिस्टम पर सवालिया निशान उठ रहे है। पुलिस ने लिखापढ़ी में शैलेंद्र का ही जिक्र किया था। अभिलेख में सब कुछ सही होने के बाद डॉक्टरों ने पीएम रिपोर्ट में मृतक शैलेंद्र की बजाय उसके जिंदा भाई राममोहन का पीएम कर सर्टिफिकेट थमा दिया। इसके पूर्व जिला अस्पताल एक डॉक्टर ने जिंदा बच्चे को मृत घोषित कर दिया था। परिजनों ने निजी चिकित्सालय में इलाज कराया तो बच्चा जीवित निकला। कुछ दिनों पूर्व ही इस मामले ने तूल पकड़ा था। जिससे बाद जिला अस्पताल की काफी किरकिरी हुई थी।
आला अफसरों को सुनाई आपबीती
जिंदा भाई राममोहन अस्पताल में चक्कर लगाकर परेशान हो रहा है। उधर डॉक्टर राममोहन से आईडी प्रूफ सहित अन्य कागजात बी जमा करा लिए। इतना ही नहीं राममोहन कलेक्टर, सीएमएचओ, सिविल सर्जन समेत अन्य अफसरों को भी अपनी आपबीती सुनाई, लेकिन सब एक दूसरे पर टाल रहे हैं। राममोहन की कहानी सुनने के बाद कुछ लोग हंसकर सरकारी सिस्टम को कोस रहे हैं। डेथ सर्टीफिकेट न मिलने से परिजनों को बीमा सहित अन्य क्लेम के लिए भटकना पड़ रहा है।