December 25, 2024

पीएचई अधिकारियों और तापी कंपनी ने नगर निगम को लगाई 6 करोड़ की चपत

logo NEW

उज्जैन 04 फरवरी(इ खबर टुडे)। शहर में नागरिकों को स्वच्छ जल मिले इस हेतु तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने करोड़ों रूपये नगर निगम को प्रदान किये थे। योजना के अनुसार शहर की समस्त जलप्रदाय पाइप लाईन को बदलकर एवं उपभोक्ताओं को नवीन जल कनेक्शन प्रदान करना थे। परंतु योजना की आधी राशि 30 करोड़ रूपये लेकर भी तापी कंपनी ने प्रमुख समस्या को दूर नहीं यि। उक्त कंपनी के कार्य करने की समय सीमा 2012 में समाप्त हो चुकी थी।

टेंडर शर्तों के अनुसार कार्य समय सीमा में पूर्ण नहीं करने पर कुल लागत 60 करोड़ का 10 प्रतिशत जुर्माना स्वरूप तापी कंपनी से वसूल किया जाना था जो लगभग 6 करोड़ होता है। तत्कालीन आयुक्त महेशचंद्र चौधरी द्वारा वसूली हेतु निर्देश दिये गये थे जिसे पीएचई के अधिकारी घोल कर पी गए। वर्तमान में लगातार बिना पूर्ण कार्य के नागरिकों को कनेक्शन दिये बगैर ही तापी को लगातार भुगतान किया जा रहा है।

 

इस संबंध में लगातार शिकायतें करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होने पर कांग्रेस नेता रवि राय ने बताया कि उनकी शिकायत पर अब भारत सरकार के महानियंत्रक लेखा के निर्देश पर तापी कंपनी की जांच ऑडिट विभाग ग्वालियर कर रहा है। प्रमुख सचिव नगरी प्रशासन के निर्देश पर एक जांच कमेटी का गठन किया गया जिसकी जांच अधीक्षण यंत्री नगरीय प्रशासन विभाग इंदौर संभाग की अध्यक्षता में होगी। उक्त जांच अवधि 15 दिवस में तय की गई है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने महापौर एवं निगम आयुक्त से आग्रह किया है कि समस्त जवाबदार अधिकारियों एवं तापी कंपनी से अनुबंध की शर्तों अनुसार राशि वसूल करे।
टाटा कंपनी से वसूले थे 5 करोड़
रवि राय ने कहा कि उनकी ही शिकायत पर पूर्व में टाटा कंपनी ने समय पर बस प्रदत्त नहीं करने पर पेनल्टी के रूप में लगभग 5 करोड़ की राशि को निगम खजाने में समायोजित किया गया था। परंतु वर्तमान अधिकारी तापी से 6 करोड़ की राशि वसूल नहीं कर पा रहे हैं। राय ने कहा कि उक्त राशि की वसूली हेतु शीघ्र ही शासन की अन्य एजेंसियों को भी शिकायत की जाएगी।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds