October 7, 2024

रोटा वायरस का वेक्सिन सभी सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क उपलब्ध होगा

जिला स्तरीय प्रशिक्षण सम्पन्न

रतलाम 20 जनवरी(इ खबरटूडे)। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि रतलाम जिले में शुन्य से दो वर्ष तक के बच्चों को रोटा वायरस से होने वाले दस्त रोग से बचाव के लिये रोटा वायरस का टीका अप्रैल 2017 माह से प्रारम्भ किया जायेगा। अभी इसके लिये प्रारम्भिक चरण में विभागीय अमले को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अभी तक यह वेक्सिन निजी अस्पतालों में ही उपलब्ध थी किन्तु अब भारत सरकार द्वारा यह वेक्सिन सभी स्वास्थ संस्थाओं पर उपलब्ध रहेगी।

विगत दिनांे डाॅ. तृप्ति शिदे जेएसआई, मंदीप मण्डलोई, सम्भागीय परियोजना अधिकारी युएनडीपी, मौसम जायसवाल, परियोजना अधिकारी इंदौर डिवीजन ने जिला स्तरीय एवं ब्लाॅक स्तरीय चिकित्सकों एवं विषेषज्ञों को रोटा वायरस वेक्सिन दिये जाने के विषय में प्रषिक्षण दिया। प्रषिक्षण में बताया गया कि रोटा वायरस वेक्सिन की तीन खुराके बच्चों को क्रमंषः छः सप्ताह, दस सप्ताह एवं चैदह सप्ताह में दी जायेगी। इस प्रकार वेक्सिन की पाॅच बुन्द मुंह से पिलायी जायेगी। वेक्सिन का रंग हल्का गुलाबी होकर इसका वी.वी.एम वेक्सिन वायल के टाप पर रहेगा। एक वायल में दस बच्चों को दवा पिलायी जा सकेगी। इस वेक्सिन के प्रयोग से बच्चों में दस्त रोग से होने वाली मृत्यु के प्रकरणांे में चालीस प्रतिशत तक कमी लायी जा सकेगी।

भारत में हर वर्ष लगभग 78 हजार बच्चों की मौत रोटा वायरस के कारण होना अध्ययन में बताया गया है। उल्लेखनीय हैं कि वर्तमान में केवल हरियाणा, हिमाचल प्रदेष एवं आंध्रप्रदेष, उड़ीसा में यह वेक्सिन दी जा रही थी। अब इसका प्रयोग अप्रेल माह से मध्यप्रदेष में प्रारम्भ होगा। रोटा वायरस का वेक्सिन के एक डोज की कीमत निजी अस्पतालों में लगभग छः सौ 80 रूपये आकी गई है। इस प्रकार शासकीय अस्पतालों मंे वेक्सिन निःशुल्क मिलने से सुलभता रहेगी। जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ. वर्षा कुरील ने बताया कि क्षेत्र के सेक्टर सुपरवाईजर एवं चिकित्सा अधिकारियों द्वारा माॅनीटरिंग नहीं की जा रही है।
इस क्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी ने रतलाम जिले के सभी चिकित्सा अधिकारियों को प्रति शनिवार सेक्टर बैठक आयोजित कर स्वास्थ कार्यकर्ताओं द्वारा किये जा रहे टीकाकरण की समीक्षा करने के लिये निर्देशित किया। उन्होने स्पष्ट किया हैं कि सभी विकासखण्डों मंे एक चिकित्सा अधिकारी को विकासखण्ड टीकाकरण अधिकारी के रूप मंे नामांकित किया जाये। इसके साथ हर सप्ताह किये गये टीकाकरण की फिल्ड में जाकर निगरानी की जाये। सभी स्वास्थ कार्यकर्ताओं को टीकाकरण के चार महत्वपूर्ण संदेषों की जानकारी देने के साथ टीकाकरण शतप्रतिशत कर ‘‘कोई भी बच्चा छुटे ना’’ की स्थिति प्राप्त कर ली जाये। उन्होने बैठक के दौरान 29जनवरी 2017 को आयोजित होने वाले पल्स पोलियो अभियान एवं नौ फरवरी 2017 को आयोजित होने वाले कृमि मुक्ति दिवस के लिये सभी विकासखण्डों में प्रशिक्षण आयोजित कर कार्यक्रम की सफलता के लिये निर्देशित किया।

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