नोटबंदी के खिलाफ भारत बंद का खास असर नहीं, यूपी-बिहार में रोकी गईं ट्रेनें
नई दिल्ली/पटना,28 नवंबर (इ खबरटुडे)। नोटबंदी के खिलाफ विपक्ष ने सोमवार (28 नवंबर) को भारत बंद का ऐलान किया है. पीएम मोदी ने कालेधन पर लगाम लगाने के लिए 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए थे. सभी विपक्षी दल पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ हैं और फैसले को वापस लेने की मांग कर रही है. भारत बंद के तहत बिहार के दरभंगा में सीपीआई (एमएल) ने ट्रेन रोक दिया और प्रदर्शन करने लगे.सपा ने भी लखनऊ में ट्रेन रोककर नारेबाजी की. नोटबंदी के फैसले के विरोध में विपक्ष संसद में भी हंगामा कर रही है, जिसके कारण संसद का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है.वहीं, नोटबंदी के खिलाफ आज केरल में राज्यव्यापी हड़ताल होगी. राज्य में सत्ताधारी सीपीएम ने फैसला लिया है कि हड़ताल के दौरान बैंक, शादियां, अस्पताल, दूध और अखबार विक्रेताओं को छूट रहेगी.
पीएम ने विपक्ष पर साधा निशाना
रविवार को पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में नोटबंदी पर बात की थी. कुशीनगर रैली में भी उन्होंने कहा ये मुद्दा उठाया. विपक्ष के भारत बंद करने पर उन्होंने कहा था कि एक तरफ हम कालेधन और भ्रष्टाचार का रास्ता बंद करने में लगे हैं और वो (विपक्ष) भारत बंद करने में लगी है. फिर शाम को कांग्रेस की तरफ से बयान आया कि वह भारत बंद नहीं कर रही, बल्कि नोटबंदी का विरोध कर रही है.
पश्चिम बंगाल में 12 घंटे के बंद का ऐलान
नोटबंदी के मुद्दे पर विरोध जताने के तौर-तरीकों को लेकर विपक्ष में मतभेद उभर आए हैं. माकपा और भाकपा सहित वामपंथी पार्टियों ने नोटबंदी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए पश्चिम बंगाल में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है जबकि ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस इस बंद में शामिल नहीं होगी और सिर्फ विरोध प्रदर्शन करेगी. वहीं यूपी में समाजवादी पार्टी ने भी भारत बंद के फैसले से खुद को अलग कर लिया.
‘भारत बंद’ से जेडीयू का किनारा
जदयू ने अपनी राष्ट्रीय के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नोटबंदी का समर्थन किए जाने पर निर्णय लिया है कि वह इसके विरोध में विपक्ष के कल प्रस्तावित ‘भारत बंद’ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी द्वारा आगामी 30 नवंबर को पटना दिए जाने वाले धरना कार्यक्रम से अपने को अलग रखेगी.
टीएमसी ने भी बदला अपना रास्ता
तृणमूल कांग्रेस ने नोटबंदी के खिलाफ वाम दलों द्वारा सोमवार 28 नवंबर को बुलाई गई 12 घंटे की हड़ताल का विरोध किया. वहीं वाम मोर्चे ने बंद को उचित ठहराते हुए कहा कि यह नोटबंदी के खिलाफ विरोध जताने के लिए आवश्यक है. तृणमूल कांग्रेस के महासचिव सुब्रत बख्शी ने कहा कि वाम मोर्चा असल में नोटबंदी पर भाजपा की मदद करने की कोशिश कर रहा है इसलिए उन्होंने लोगों की परेशानियां बढ़ाने के लिए यह हड़ताल बुलाई है, उन्हें हड़ताल बुलाने से बचना चाहिए था. बता दें, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने ही विपक्ष का भारत बंद का आइडिया दिया था.
नोटबंदी से लोगों को हो रही है परेशानी
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 8 नवंबर को ऐलान किया था कि 500 और 1000 के नोट प्रचलन से बाहर कर दिए गए हैं. इसके बाद देशभर के लोग अपने-अपने पैसों को बदलवाने के लिए बैंकों में लाइन में लगे हैं. नोटबंदी को लेकर सरकार हर दिन नए-नए फैसले और ऐलान कर रही है. ममता बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी लगातार इस मुद्दे पर आक्रामक हैं. सरकार अपने पक्ष में सर्वे के जरिए दावा कर रही है कि देश की जनता नोटबंदी के फैसले के समर्थन में है. सरकार का कहना है कि नोटबंदी के फैसले से आतंकवाद और नक्सलियों की फंडिंग रूकी है. साथ ही जाली नोट और कालाधन रखने वालों को भी नुकसान झेलना पड़ा है. खुद पीएम नरेंद्र मोदी भी अपने रूख पर कायम हैं.