भारत के लिए एयरक्राफ्ट की कीमत में कटौती कर सकता है जापान
नई दिल्ली,11 सितम्बर(इ खबरटुडे)।भारत और जापान जल्द ही 12 शिनमायवा यूएस-2 एम्फीबियस विमानों का सौदा तय हो सकता है। दरअसल जापान ने इस बात के संकेत दिए है कि वह भारत को बेचे जाने वाले इन विमानों की कीमतों में कटौती कर सकता है। जापान ने कहा है वह भारत से केवल आर्थिक लाभ नहीं चाहता है। एक मित्र देश होने के नाते वह भारत के साथ अपने संबंधों को अधिक महत्व देता है।
जापानी रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि 1.6 बिलियन डॉलर वाली इस एयरक्राफ्ट डील के बारे में वो कीमतें कम करने पर विचार कर रहे हैं। इसके लिए बातचीत का एक नया दौर फिर शुरू किया गया है।
चीन को संदेश देगा ये समझौता
भारत के साथ जापान की यह एयरक्राफ्ट डील हो जाती है तो इससे भारत और जापान के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग मजबूत होगा। इसके साथ ही चीन को दोनों देश अप्रत्यक्ष रूप से संदेश दे पाएंगे। दरअसल दोनों देश चीनी आक्रामता नीतियों से प्रभावित हैं।
जापानी रक्षा मंत्रालय के सूत्र के बताया कि हम कीमतों को लेकर भारत की चिंताओँ को समझते हैं। उन्होंने साफ कहा कि हम आर्थिक लाभ नहीं बल्कि भारत के साथ दोस्ताना संबंध चाहते हैं। कीमतों में भी जितना हो सकेगा उतनी कमी की जा सकती है।
साल के अंत में जापान जाएंगे मोदी
एक वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी इस साल के अंत में जापान के दौरे पर जा सकते हैं। ऐसे में जापान को उम्मीद है कि इससे पहले सौदे को लेकर सभी कवायद पूरी हो सकती है। अपनी छोटी उड़ान भरने की क्षमता के लिए मशहूर इस विमान को अंडमान निकोबार द्वीप समूह में तैनात किया जाना था।
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बीते साल प्रधानमंत्री मोदी और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बीच हुई बैठक के बाद दोनों देशों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत दोनों देश एक-दूसरे के साथ रक्षा उपकरणों से संबंधित तकनीक का आदान-प्रदान करने पर सहमत हुए थे।
तकनीक की जानकारी भी चाहता है भारत
भारत चाहता है कि इन एयरक्राफ्ट के साथ भारत को इसकी निर्माण तकनीक के बारे में भी बताया जाए। लेकिन, जापान का कहना था कि इसकी तकनीक सेंसेटिव है इसलिए वह इसे भारत के साथ साझा नहीं कर सकता। इसके अलावा भारत यह भी चाहता था कि इसका निर्माण भारत में हो, जिससे सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मेक इन इंडिया’ योजना को लाभ मिल सके।