December 25, 2024

पौध रक्षकों की ट्रेनिंग करवाई जायें – कलेक्टर बीचन्द्रशेखर

News No. 685 (1)
गलत तरीके से पौध रोपण हुआ तो दुबारा कराने की जिम्मेदारी संबंधितों की होगी 
 
रतलाम 20 जुलाई(इ खबरटुडे)। कलेक्टर बी. चन्द्रशेखर ने आज जावरा जनपद पंचायत में ऑपरेशन प्राणवायु अंतर्गत होने वाले वृक्षारोपण कार्य की समीक्षा की। उन्होने बैठक में सभी को चेतावनी दी कि वृक्षारोपण कार्य के लिये जिला स्तर से जारी किये गये निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराया जाये। अभियान के अंतर्गत लगाये जाने वाले सभी पौधों की उत्तरजीविता शतप्रतिशत सुनिश्चित हो। किसी भी हाल में एक भी पौधा नष्ट नहीं होना चाहिए।

उपयंत्री मोहम्मद शाकीर को कारण बताओं सूचना पत्र
उन्होने निर्देशित किया कि पौध रोपण अंतर्गत लगाये जाने वाले पौधों की समुचित सुरक्षा के लिये नियुक्त किये जाने वाले पौध रक्षकों को प्रशिक्षित किया जाये। बैठक में ढोढर में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के उपयंत्री मोहम्मद शाकीर को बगैर तकनीकी स्वीकृति और मस्टर रोल जारी किये वृक्षारोपण कार्य के लिये गडढ्े खुदवा लेने पर कारण बताओ ंसूचना पत्र जारी करने के निर्देश दिये।
कलेक्टर ने आज जावरा जनपद पंचायत में ग्राम पंचायतवार ऑपरेशन प्राणवायु में किये जाने वाले पौध रोपण जिसमें सड़कों के दोनों किनारे वृक्षारोपण, शासकीय परिसरों में वृक्षारोपण, हितग्राहियों की निजी भूमि पर नंदन फलोद्यान और अन्य शासकीय रिक्त पड़ी भूमि पर वृक्षारोपण के कार्यो की समीक्षा की। उन्होने विभिन्न पंचायतों में किस-किस प्रकार के कितने-कितने कार्य किये जाने की गहनतापूर्वक समीक्षा की। कलेक्टर ने निर्देशित किया गया कि सभी प्रकार के कार्य प्रेक्षकों की मौजूदगी में ही करना सुनिश्चित किया जाये। यदि गलत तरीके से पौध रोपण किया जाना पाया गया तो पौधों को उखड़वाकर दुबारा पौध रोपण किया जायेगा जिसकी भरपाई संबंधित समस्त लोगों को करनी होगी। इसके अंतर्गत गड्ढों की सही माप में खुदाई, उपयुक्त मिट्टी का भराव, गुणवत्ता पूर्ण पौधों का चयन के साथ खाद एवं कीटनाशकों का उपयोग किया जाना भी सम्मिलित है। कलेक्टर ने कहा कि किसी भी हालत में एक भी पौधा मरना नहीं चाहिए। उपयंत्री की जिम्मेदारी हैं कि वह वृक्षारोपण के पूर्व समुचित प्रकार से तकनीकी स्वीकृतियॉ जारी करें। साथ ही यह भी जिम्मेदारी हैं कि उपयुक्त मिट्टी नहीं मिलने पर पौध रोपण कार्य के लिये उपयुक्त मिट्टी जहां कही भी उपलब्ध हो वहां से उपलब्ध करावें।
सड़कों के किनारे पौध रोपण में एकरूपता रहें
समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने पाया कि सड़कों के दोनों किनारे होने वाले वृक्षारोपण के लिये चयनित किये गये पौधों में एकरूपता नहीं है। उन्होने पाया कि पौध रोपण कार्य के लिये विभिन्न प्रकार के पौधों को एक साथ लिया जा रहा है। कलेक्टर ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिये हैं कि एक सड़क के दोनों किनारे होने वाले वृक्षारोपण कार्य में एक जैसे पौधे ही लगाये जाये ताकि एकरूपता बनी रहे। यदि सड़को की लम्बाई एक किलोमीटर से अधिक हैं तो एक किलोमीटर के बाद के क्षेत्र में दूसरे किस्म के पौधे लगाये जा सकते है किन्तु उन पौधों की किस्म भी एक ही होनी चाहिए। कलेक्टर ने सभी उपयंत्रियों को हिदायत दी हैं कि वे सड़कों की दूरी का वास्तविक अवलोकन कर पौध रोपण कार्य तद्ानुसार किये जाने हेतु तकनीकी स्वीकृतियॉ जारी करें।
प्रेक्षक संतुष्ठ न हो तो पौध रोपण कार्य नहीं होगा
कलेक्टर ने निर्देशित किया हैं कि सम्पूर्ण पौध रोपण कार्य प्रेक्षकों की मौजूदगी में ही होगा। उन्होने प्रेक्षकों को निर्देशित किया कि वे पौध रोपण के दौरान सभी पहलुओं का भलीभांति अवलोकन कर ले,उनको उपलब्ध कराई गई चैक लिस्ट अनुसार गढ्डे, मिट्टी, पौधों की गुणवत्ता और सुरक्षा संबंधी सभी बाते सही पाये जाने पर ही पौध रोपण कार्य करवाये। यदि वे किसी भी प्रकार की कमी पाते हैं तो पौध रोपण कार्य नहंी करवाये। उन्होने निर्देशित किया कि प्रेक्षक अपनी रिपोर्ट सीधे एसडीएम को प्रस्तुत करें।
पौध रक्षकों के लिये नियत स्थान पर पानी की व्यवस्था की जावे
कलेक्टर ने बैठक में एसडीएम एवं जनपद के सीईओ को निर्देश दिये हैं कि पौध रक्षकों के द्वारा पौधों की सिंचाई के लिये उसके क्षेत्र में किसी एक नियत स्थान पर पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जावे। उन्होने कहा कि वह नियत स्थल हेण्डपम्प हो सकता हैं, कुआं हो सकता हैं, नदी हो सकती हैं या टंेकर भी हो सकता है। प्रत्येक पौध रक्षक उस नियत स्थल से साईकिल से पानी लाकर पौधो की सिंचाई व्यवस्था करेगा। पौध रक्षकों की जिम्मेदारी पौध रोपण के दिन से ही प्रारम्भ हो जायेगी। पौध रक्षकों को पौधों की सिंचाई करने के साथ ही उनकी सुरक्षा भी करना है। आवश्यकतानुसार इसके लिये कटीली झाडि़यों की बागर अथवा बाड़ लगाकर भी किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त जिन पौधों का पालतु मवेशी नुकसान पहुचा सकते है उन पौधों पर सप्ताह में एक बार बकरियों की मेंगनी का घोल बनाकर छिड़काव करें। कलेक्टर ने कहा कि पौध रक्षकों को स्थानीय प्रबंधों के द्वारा पौधों की रक्षा करना है। उन्होनें सचिवों को निर्देशित किया कि पौध रक्षकों के लिये एक दिवसीय प्रशिक्षण क आयोजन करें।

 

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