November 16, 2024

सरकार के 24 घंटे बिजली सप्लाई के दावे को आइना,चिमनी के उजाले में कराई दो महिलाओं की डिलेवरी

श्योपुर,16 जुलाई(इ खबरटुडे)।सरकार के 24 घंटे बिजली सप्लाई के दावे को आइना दिखाने वाली घटना बीती रात कराहल के दूरस्थ गांव बरगवां में हुई। भयंकर बिजली संकट से जूझ रहे बरगवां गांव के उप स्वास्थ्य केन्द्र में गुस्र्वार-शुक्रवार की रात दो महिलाओं के प्रसव चिमनी के उजाले में करवाने पड़े, क्योंकि अस्पताल की बिजली ही गुल थी।

बरगवां की ही रहने वाली रानी (27) पत्नी सिरमौर गुर्जर और रामवती (22) पत्नी तुलसीराम आदिवासी को प्रसव पीड़ा के बाद गुस्र्वार की शाम को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। गुस्र्वार की शाम से ही बरगवां की बिजली गुल थी। अस्पताल में न तो इन्वर्टर था नहीं उजाले का कोई अन्य इंतजाम।
दोनों महिलाएं एवं उनके नवजात पूरी तरह स्वस्थ
रात 11 बजे के करीब रानी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। रानी की बिगड़ती हालत देख आनन-फानन में चिमनियों के उजाले में डॉक्टर वृजेन्द्र सिंह गिल ने प्रसव करवाना शुरू कर दिया। रानी ने लड़के को जन्म दिया। इसके कुछ देर बाद ही रामवती आदिवासी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। डॉक्टर गिल ने उसी चिमनी के उजाले में रामवती का भी प्रसव कराया। रामवती ने बालिका को जन्म दिया। अच्छी बात यह रही कि, दोनों महिलाएं एवं उनके नवजात पूरी तरह स्वस्थ हैं।
24 में से 5 घंटे भी नहीं मिल रही बिजली
आदिवासी विकास खण्ड कराहल के दूरस्थ गांव बरगवां में बिजली की किल्लत से जिला प्रशासन और बिजली कंपनी के अफसर अच्छी तरह वाकिफ हैं। सरकार 24 घंटे बिजली का दावा कर रही है। जबकि हकीकत यह है कि, बरगवां में 24 में से बमुश्किल 5 या 7 घंटे ही बिजली मिल पाती है।
चिमनी में प्रसव कराने वाले डॉक्टर गिल के अनुसार उन्हें पदस्थ हुए तीन महीने हो गए। बिजली कटौती के कारण ऐसी किल्लत कई बार आई। डॉ. गिल के अनुसार अस्पताल में बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए कई बार आला अध्ािकारियों से कहा, लेकिन हर बार बजट की कमी बताकर टाल दिया जाता है।

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