मोदी कैबिनेट के नए मंत्रियों ने ली शपथ, जावड़ेकर का हुआ प्रमोशन
नई दिल्ली,05 जुलाई(इ खबरटुडे)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में आज बहुप्रतीक्षित फेरबदल हो गया। मोदी कैबिनेट में 19 नए मंत्रियों को शामिल किया गया। राष्ट्रपति भवन पर सुबह 11 बजे शुरू हुए मंत्रिमंडल विस्तार कार्यक्रम के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी, अरुण जेटली, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी समेत उनके अधिकांश मंत्री मौजूद थे। राष्ट्रगान के बाद मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह शुरू हुआ।
पर्यावरण मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की जिम्मेदारी संभाल रहे प्रकाश जावडेकर का दर्जा बढ़ाकर उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। सभी नए चेहरों को राज्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई। आज की कवायद को दलितों और ओबीसी को लुभाने के भाजपा के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है, जिनके वोट उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में भाजपा के चुनावी भाग्य के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
विजय गोयल और फग्गन सिंह कुलस्ते को छोड़कर सभी नए चेहरे हैं। वहीं, इनमें से कुछ चेहरे भाजपा शासित राज्य सरकारों में मंत्री रह चुके हैं। राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले सांसदों में अजय टम्टा, अर्जुन राम मेघवाल, कृष्णा राज, रामदास अठावले, रमेश सी जिगाजिनागी शपथ लेने वाले दलित सांसदों में शामिल हैं।
मोदी सरकार में शामिल किए गए अन्य मंत्रियों में अनुप्रिया पटेल, एस एस अहलूवालिया, पी पी चौधरी, सी आर चौधरी, एम जे अकबर, जसवंत भाभोर, पुरषोत्तम रूपाला, मनसुखभाई मंडाविया, एस आर भामरे, महेंद्र नाथ पांडेय, अनिल माधव दवे और राजन गोहैन शामिल हैं। अठावले भाजपा के सहयोगी दल आरपीआई से आते हैं, वहीं बाकी भाजपा से हैं। कुल 19 नए चेहरों में से तीन उत्तर प्रदेश, तीन गुजरात और तीन मध्य प्रदेश से हैं, जबकि राजस्थान से चार लोगों को शपथ दिलाई गई।
सबसे पहले प्रकाश जावड़ेकर ने शपथ ली उन्हें प्रमोशन देकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया। इसके बाद फग्गन सिंह कुलस्ते शपथ लेने आए, फिर एसएस अहलूवालिया ने शपथ ली। अहलूवालिया 4 बार राज्यसभा सांसद रहे हैं। कर्नाटक के बीजापुर से सांसद रमेश चनप्पा, राजस्थान से राज्यसभा सांसद विजय गोयल ने भी मंत्रिपद की शपथ ली। इसके बाद आरपीआई के सांसद रामदास अठावले असम के नौगांव से सांसद राजन गोहेन ने भी शपथ ली।
मई 2014 में सत्ता संभालने के बाद मोदी मंत्रिमंडल में यह सबसे बड़ा फेरबदल है। कैबिनेट में शामिल किए जा रहे नामों का चयन अपने विकास के विजन, गुड गवर्नेंस और केंद्र की गांव, गरीब और किसान की नीतियों को ध्यान में रखते हुए किया है।
खास बात ये है कि इस कैबिनेट विस्तार में चुनावी राज्यों को खास के अलावा जातीय समीकरण को भी तवज्जो दी गई है। पीएम मोदी ने 19 नामों का पीएम मोदी ने अपने कैबिनेट के लिए चयन किया है वो 10 राज्यों से किया है। इसके अलावा जातीय समीकरण के हिसाब से एसटी से 2 मंत्री, एससी कोटे से 5 मंत्री इसके अलावा अल्पसंख्यक कोटे से 1 और महिला कोटे से 2 को मंत्री पद मिला।
यह हैं मंत्री
अजय टम्टा- उत्तराखंड के अल्मोड़ा से सांसद। उत्तराखंड में बड़ा दलित चेहरा। 12वीं पास टम्टा पहली बार केंद्रीय मंत्री बने। 2007 में पहली बार विधायक बने।
सीआर चौधरी– राजस्थान न के नागौर से सांसद। पहली बार सांसद बने और केंद्रीय मंत्री का दर्जा मिला। सरकारी नौकरी से राजनीति में आए।
पीपी चौधरी– राजस्थान के पाली से सांसद। 2014 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीते और कैबिनेट में शामिल हुए। मारवाड़ के पहले मंत्री। सीरवी जाति के हैं। पेशे से वकील चौधरी को संविधान की काफी जानकारी है।
सुभाष भामरे– महाराष्ट्र के धुले से सांसद। पेशे से डॉक्टर भामरे पहली बार सांसद बने और अब कैबिनेट में मंत्री का दर्जा मिला। भामरे कैंसर स्पेशलिस्ट हैं।
अर्जुनराम मेघवाल– बीकानेर से सांसद। राजस्थान में पार्टी का दलित चेहरा। राज्य के पार्टी उपाध्यक्ष रहे। राजनीति में आने से पहले मेघवाल कलेक्टर रह चुके हैं।
अनिल माधव दवे– राज्यसभा सांसद, मध्य प्रदेश। 2009 से राज्यसभा सांसद हैं। कई किताबें लिख चुके हैं।
पुरुषोत्तम रुपाला– राज्यसभा सांसद, गुजरात। गुजरात में कृषि मंत्री रहे। पहली बार राज्यसभा सांसद बने और केंद्रीय मंत्री बने। गुजरात की राजनीति का बड़ा चेहरा और पटेल नेता। मोदी के करीबी हैं रुपाला।
एमजे अकबर– राज्यसभा सांसद, मध्य प्रदेश। पेशे से पत्रकार भाजपा के प्रवक्ता रहे हैं। अकबर ने कई बड़े अखबरों के संपादक के पद पर काम किया है। 1989 में पहली बार सांसद बने। अहलुवालिया के बाद मंत्रिमंडल दूसरे अल्पसंख्यक नेता।
एसएस अहलुवालिया- पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग से सांसद। 1986 से 2012 तक राज्यसभा सांसद रहे। इससे पहले केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। अहलुवालिया ने नगरीय विकास के अलावा संसदीय कार्यमंत्री का पद भी संभाला है। 2012 में राज्यसभा चुनाव हारने के बाद लोकसभा सांसद बने। कैबिनेट में अल्पसंख्यक चेहरा।
फग्गन सिंह कुलस्ते– मध्य प्रदेश के मंडला से सांसद। वाजपेयी सरकार में राज्यमंत्री रह चुके हैं। मध्य प्रदेश में आदिवासी चेहरा। 1996 में लोकसभा सांसद बने। कुलस्ते 11वीं, 12वीं, 13वीं व 14 वीं लोकसभा में लगातार चुनकर गए थे। इसके अलावा 2012 में राज्यसभा सांसद रहे।
रमेश चंदप्पा– सांसद, बीजापुर कर्नाटक, पांच बार लोकसभा सांसद, 1998 में पहली बार सांसद बने, दलित चेहरा। कर्नाटक के गृहमंत्री रहे।
विजय गोयल- राज्यसभा सांसद, राजस्थान, वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे। 1977 से राजनीति की शुरुआत। 1996 से लगातार तीन बार राज्यसभा सांसद रहे। दिल्ली में भाजपा का बड़ा चेहरा।
रामदास अठावले– महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद।, 3 बार लोकसभा सदस्य रहे। राज्य मंत्री रह चुके हैं और पहली बार केंद्रीय मंत्री बने। सांगली से हैं और दलित चेहरा। रिपब्लिकन पार्टी के नेता।
राजेन गोहेन- नगांव असम से सांसद, नगांव भाजपा अध्यक्ष रहे। पहली बार केंद्र में मंत्री बन रहे हैं। 1999 से लगातार सांसद हैं।
जसवंत सिंह भभोर– गुजरात के दाहोद से सांसद। 1995 से 2014 तक 5 बार विधायक रहे। आदिवासी समुदाय से आते हैं। गुजरात में आदिवासी विकास मामलों के मंत्री रह चुके हैं।
महेंद्र नाथ पांडे- यूपी के चंदौली से सांसद। पहली बार सांसद और केंद्रीय मंत्री बने। यूपी में शहरी विकास मंत्री रहे हैं।
कृष्णा राज- यूपी के शाहजहांपुर से लोकसभा सांसद। दो बार यूपी में विधायक रहीं। सक्रिय नेता कहीं जाती हैं। दलित समुदाय का चेहरा। दूसरी दलित महिला जिन्होंने शपथ ली।
मनसुख मंडाविया- गुजरात से राज्यसभा सांसद। 2010 से राज्यसभा सांसद रहे हैं। 2002 में पहली बार विधायक बने। भावनगर के रहने वाले हैं।
अनुप्रिया पटेल- यूपी के मिर्जापुर से सांसद। अपना दल की सांसद हैं। कुर्मी जाति के बड़े नेता की बेटी हैं। 2012-14 तक विधायक रहीं।