संतों ने बैठक कर की कार्यों की समीक्षा,सामने आया कि आधे से अधिक आश्रमों में काम अधूरे पड़े
ठेकेदारों का भुगतान रोकने की मांग
उज्जैन09 जून (इ खबरटुडे)।सिंहस्थ से पहले करीब 70 स्थानीय आश्रमों के लिए स्वीकृत हुए कामों की समीक्षा के लिए चिंतामण रोड़ स्थित श्यामधाम आश्रम में संतों की बैठक का आयोजन हुआ। बैठक में सामने आया कि आधे से अधिक आश्रमों में काम अधूरे पड़े हैं और जहां कम हुए वहां गुणवत्ता से खिलवाड़ हुआ।
स्थानीय आश्रमों में अधूरे पड़े काम, जहां हुए उनमें गुणवत्ता की कमी
परमहंस डॉ. अवधेशपुरीजी महाराज की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में संतों ने अपनी पीड़ा जाहिर की। स्थानीय आश्रम के प्रणवानंदजी महाराज, कमलेशजी महाराज, श्याम बाबा राधे-राधे, प्रज्ञानंदजी, कांताचार्यजी, रामनिवासाचार्यजी, निर्मोलानंदजी, परमानंदजी, वासुदेवानंदजी, रामशरणदासजी, हनुमानदासजी, रूपकिशोरदासजी महाराज आदि ने बताया कि अभी आधे से अधिक काम अधूरे पड़े हुए हैं और जो हुए हैं उनमें भी गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ किया गया है।
संतों ने कहा कि हम स्थाई रूप से यहां रहने वाले संत हैं ठेकेदार तथा जितने भी इंजीनियर इस कार्य में लगे हुए हैं। उन सभी लोगों को प्रशासन एक बार बैठाकर उन्हें ठीक से समझाएं और गुणवत्ता के साथ काम करायें। जब तक ठेकेदार काम पूरा नहीं करते उनका पेमेंट नहीं किया जाए। करीब 70 आश्रमों में काम चल रहा है वे सारे कार्य जब तक पूर्णता को प्राप्त नहीं हो जाते तब तक ठेकेदारों का कोई भुगतान नहीं किया जाए। बारिश भी सर पर आ गई है इनक कार्यों को खत्म किया जाए। बैठक में स्थानीय आश्रमों का मुद्दा उठाने पर अवधेशपुरीजी महाराज का सम्मान भी संतों द्वारा किया गया।
करोड़ों खर्च कर दिए फिर भी क्षिप्रा दुर्दशा की शिकार
अवधेशपुरीजी महाराज के अनुसार क्षिप्रा की स्थिति दोबारा से ज्यों की त्यों होने लगी है खान नदी और गंदे नालों का पानी अभी भी क्षिप्रा में आ रहा है। सिंहस्थ में क्षिप्रा शुध्द करने पर करोड़ों खर्च हुए इस पर बजट भी बने लेकिन जब ऐसी ही दुर्दशा होनी थी तो इसका मतलब क्या रहा।