प्रभारी मंत्री का वादा झूठा निकला
16 मार्च को शिप्रा नहीं पटी नर्मदा के जल से
त्रिवेणी पर डबरी भरी हुई, न ही पूरी नदी का पानी साफ हुआ
उज्जैन,17 मार्च (इ खबरटुडे) प्रभारी मंत्री का वादा झूठा निकला है। उनके वादे के मुताबिक 16 मार्च को शिप्रा नर्मदा के जल से पटने वाली थी। ऐसा कुछ नहीं हुआ।
त्रिवेणी पर शिप्रा डबरी के रुप में भाग-भाग में भरी हुई है। आगे का जल भी साफ नहीं है। देवास से मिलने वाला पानी भी छोडऩे की उम्मीद अधिकारी जता रहे हैं।
प्रभारी मंत्री ने अपने दौरे के समय विश्वास दिलाया था कि 16 मार्च को नर्मदा के जल से शिप्रा को पाट दिया जायेगा। पूरी तरह शिप्रा में नर्मदा का जल बहेगा। इसके विपरीत 16 मार्च की देर रात तक नर्मदा के जल से न तो शिप्रा पटी थी और न ही शिप्रा का जल त्रिवेणी से लेकर सिद्धवट तक कहीं बहता दिखाई दे रहा था। इस संबंध में पीएचई के अधीक्षण यंत्री दीपक रत्नाकर से हुई चर्चा के मुताबिक उनका कहना था, पानी छोडऩे का था लेकिन अब तक कोई सूचना उन तक नहीं पहुंची है।
4 एमसीएम पानी की जरुरत
पीएचई के तकनीकी सूत्रों से हुई चर्चा के मुताबिक त्रिवेणी से लेकर सिद्धवट तक शिप्रा में बहाव की स्थिति बनाने में नर्मदा के करीब 4 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) पानी की आवश्यकता जताई जा रही है। देवास के शिप्रा जल आवर्धन योजना की क्षमता 14 फीट गहरी और करीब डेढ़ कि.मी. लंबी है। इसमें नये और पुराने बेराज के बीच में करीब डेढ़ कि.मी. का अंतर है। इस स्थिति के चलते शिप्रा जल आवर्धन से भी अधिकतम 2.5 एमसीएम पानी ही एक साथ छोड़ा जा सकता है। इसके बाद रुकावट के साथ यह पानी छोड़ा जाएगा।