तीन शाही स्नान 22 अप्रैल, 9 मई, 21 मई को होंगे
10 अखाड़ों की प्रवेशाई तिथि घोषित, 3 की शेष
3 उदासीन अखाड़ों ने प्रवेशाई घोषित की,
उज्जैन15 मार्च (इ खबरटुडे) । सिंहस्थ-2016 अंतर्गत सोमवार महत्वपूर्ण रहा। प्रशासन के साथ 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने बैठकर विचार-विमर्श किया। इस दौरान समस्याएं भी सामने आई और शासन-प्रशासन ने अपनी बात भी रखी।
अखाड़ा परिषद और प्रशासन की संयुक्त बैठक में 22 अप्रैल, 9 मई तथा प्रमुख शाही स्नान 21 मई 2016 को होना तय किया गया है। बैठक में 7 शैव, 3 उदासीन अखाड़ों ने प्रवेशाई (पेशवाई) की तिथि घोषित कर दी। इसकी अपेक्षा वैष्णवी अणि अखाड़ों की घोषणा अभी शेष है।
परंपरागत रुप से सोमवार को प्रशासन के आमंत्रण पर 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि और प्रमुख बैठक में पहुंचे थे। यहां उनका परंपरागत रुप से स्वागत किया गया, उपरांत सिंहस्थ केन्द्रीय समिति अध्यक्ष माखनसिंह चौहान के कार्यालय कक्ष में बैठक आयोजित की गई।
किस अखाड़े की प्रवेशाई कब?
अखाड़े का नाम प्रवेशाई दिनांक
श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा 27 मार्च
श्री पंचायती आव्हान अखाड़ा 10 अप्रैल
श्री तपोनिधि निरंजनी अखाड़ा 11 अप्रैल
श्री पंचायती अग्नि अखाड़ा 14 अप्रैल
श्री पंचायती आनंद अखाड़ा 15 अप्रैल
श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा 17 अप्रैल
श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा 18 अप्रैल
श्री पंच अटल अखाड़ा 19 अप्रैल
श्री निर्मल अखाड़ा 19 अप्रैल
श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा 20 अप्रैल
वैदिक मंत्रोच्चार से स्वागत
सिंहस्थ मेला कार्यालय उज्जैन में आयोजित बैठक में अ.भा. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्रगिरी महाराज एवं सचिव श्रीमहंत हरिगिरी महाराज के साथ 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि और प्रमुख मेला कार्यालय पहुंचे थे। उनके यहां पहुंचने पर श्री महाकालेश्वर वैदिक प्रशिक्षण संस्था के बटुकों ने वैदिक मंत्रोच्चार कर उनका स्वागत किया। प्रतिभा संगीत अकादमी की बालिकाओं ने अखाड़ा प्रतिनिधियों और प्रमुखों का तिलक लगाकर स्वागत किया। प्रभारी मंत्री भूपेन्द्रसिंह एवं केन्द्रीय सिंहस्थ समिति अध्यक्ष माखनसिंह ने पुष्पहार पहनाकर अखाड़ा परिषद सदस्यों का स्वागत किया।
ये मांग रखी गई बैठक में
बैठक में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेन्द्रगिरी महाराज ने सभी तेरह अखाड़ा के प्रतिनिधियों को अपनी-अपनी ओर से अखाड़ों की सुविधाओं के सम्बन्ध में सुझाव एवं मांग प्रस्तुत करने को कहा। सभी अखाड़ों के प्रतिनिधियों द्वारा उपयोगी सुझाव दिये गये एवं विभिन्न मांगे रखी गईं। आव्हान अखाड़े के महन्त सप्तगिरी महाराज ने कहा कि सिंहस्थ के कार्यों से वे अत्यन्त प्रसन्न हैं। उन्होंने नगर निगम द्वारा स्थायी अखाड़ों को भवन अनुमति प्रदान करने की मांग रखी।
कुंभ मेला क्षेत्र को रेखांकित कर भविष्य के लिये इसका निर्धारण कर दिया जाये
इसी तरह बड़ा उदासीन अखाड़े के श्री मोहनदासजी महाराज ने कहा कि सिंहस्थ-2016 की सफलता के लिये सभी कार्य तत्परता के साथ किये जायें एवं कुंभ मेला क्षेत्र को रेखांकित कर भविष्य के लिये इसका निर्धारण कर दिया जाये। निर्मल अखाड़े के श्री गोपालसिंहजी ने कहा कि सिंहस्थ के जो भी काम हो रहे हैं, वे अच्छे हो रहे हैं। निर्मोही अणि अखाड़े के श्री महंत राजेंद्रदासजी महाराज ने कहा कि सिंहस्थ मेले की बहुत अच्छी शुरूआत हुई है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं महामंत्री को राज्य अतिथि का दर्जा दिया जाये। महन्त कैलाशपुरीजी महाराज ने ओंकारेश्वर में जूना अखाड़े की जमीन को अधिग्रहण से मुक्त करने की मांग रखी।
ये उपस्थित थे अखाड़ा परिषद की ओर से
बैठक में श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के श्रीमहन्त उमाशंकर भारती, श्रीमहन्त अभयपुरी, श्री पंचायती आव्हान अखाड़े के श्रीमहन्त सत्यगिरी, श्रीमहन्त जयविजय भारती, पंचायती अग्नि अखाड़ा के श्रीमहन्त गोविंदानंद, श्रीमहन्त सुदामानंद, पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा के श्रीमहन्त कैलाश भारती, श्रीमहन्त दयापुरी, पंच अटल अखाड़ा के श्रीमहन्त प्रेमगिरी, श्री तपोनिधि निरंजनी अखाड़ा के श्रीमहन्त रवीन्द्रपुरी, श्रीमहन्त आशीषगिरी, श्री पंचायती आनंद अखाड़ा के श्रीमहन्त जगदीशगिरी, श्रीमहन्त धनराजगिरी, श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा के श्रीमहन्त मोहनदास, श्रीमहन्त श्यामदासजी, श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा के श्रीमहन्त भगतराम, श्रीमहन्त त्रिवेणीदास, श्री निर्मल अखाड़ा के श्रीमहन्त गोपालसिंह, श्रीमहन्त अमनदीपसिंह, निर्मोही अणि अखाड़ा के श्रीमहन्त अयोध्यादास, श्रीमहन्त राजेंद्रदास, श्री दिगंबर अणि अखाड़ा के श्रीमहन्त कृष्णदास, श्रीमहन्त रामकिशोरदास तथा श्री निर्वाणी अणि अखाड़ा के श्रीमहन्त दिग्विजयदास व श्रीमहन्त प्रेमदास खाकी मौजूद थे।
ये उपस्थित थे प्रशासन की ओर से
प्रभारी मंत्री भूपेन्द्रसिंह, केन्द्रीय सिंहस्थ समिति के अध्यक्ष माखनसिंह, सिंहस्थ मेला प्राधिकरण अध्यक्ष दिवाकर नातू, संभागायुक्त डॉ.रवीन्द्र पस्तोर, एडीजी व्ही.मधुकुमार, डीआईजी राकेश गुप्ता, कलेक्टर कवीन्द्र कियावत, एसपी मनोहरसिंह वर्मा, मेला अधिकारी लवानिया मौजूद थे।
दीवार और दरवाजे पर लगे गुलाब
अखाड़ा परिषद की बैठक के लिये मेला कार्यालय को किसी दुल्हन के घर की तरह सजाया गया था। मेला कार्यालय के अंदर केन्द्रीय समिति अध्यक्ष कार्यालय कक्ष के द्वार पर अंग्रेजी गुलाब के पुष्प सज्जित किये गये थे। यही नहीं पूरे मेला कार्यालय की दीवारों पर भी गुलाब के पुष्प से दीवारों को सजाया गया था।
अंदर बैठक द्वार पर बड़ी संख्या में पुलिस
सिंहस्थ मेला कार्यालय के अंदर प्रशासन संतों के साथ बैठक कर रहा था। इस दौरान मेला कार्यालय प्रांगण में प्रवेश के दोनों द्वार पर बड़ी संख्या में संतरी पहरा दे रहे थे। हर आने-जाने वाले को बगैर पहचान के अंदर प्रवेश नहीं दिया गया। यहां तक कि प्रेसकर्मियों को भी पहचान के उपरांत ही अंदर प्रवेश मिल सका।