नहीं होगा आबकारी ठेकों का नवीनीकरण
पन्द्रह प्रतिशत राशि बढाने को तैयार नहीं है आबकारी ठेकेदार,टेण्डर से होगा दुकानों का फैसला
रतलाम,15 फरवरी (इ खबरटुडे)। जिले के आबकारी ठेकों का नवीनीकरण नहीं होगा। जिले के किसी भी आबकारी ठेकेदार ने इसमें रुचि नहीं दिखाई है। कोई ठेकेदार पन्द्रह प्रतिशत राशि बढाकर ठेका लेने को तैयार नहीं है। ऐसी स्थिति में अब दुकानों के लिए टेण्डर बुलवाए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की आबकारी नीति के अनुसार यदि आबकारी ठेकेदार वर्तमान राशि से पन्द्रह प्रतिशत राशि बढाकर ठेका लेना चाहते है,तो उनकी दुकानों का नवीनीकरण कर दिया जाता है। लेकिन जिले के किसी भी ठेकेदार ने ठेके के नवीनीकरण में रुचि नहीं दिखाई है।
सहायक आबकारी आयुक्त यूएस जावा के अनुसार लायसेंस नवीनीकरण के प्रस्ताव के लिए 16 फरवरी अंतिम तिथी निर्धारित की गई है। यदि इस अवधि में ठेकेदारों के प्रस्ताव प्राप्त नहीं होते है,तो ऐसी स्थिति में शासन के निर्देशों के अनुसार दुकानों के लिए टेण्डर आमंत्रित किए जाएंगे।
आबकारी विभाग के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में जिले की देशी व विदेशी मदिरा दुकानों की कुल लायसेंस फीस 130 करोड 99 लाख रु.से अधिक थी। शासन की नीति के अनुसार आगामी वर्ष के लिए पन्द्रह प्रतिशत की वृध्दि के साथ लायसेंस फीस 149 करोड 92 लाख से अधिक हो जाएगी। शासन की नीति के मुताबिक कुल लायसेंस फीस का कम से कम अस्सी प्रतिशत के नवीनीकरण प्रस्ताव प्राप्त होने पर दुकानों का नवीनीकरण किया जा सकता है। जिले में आबकारी विभाग द्वारा देशी व विदेशी मदिरा दुकानों के कुल 31 समूह बनाए गए है। इन इकतीस समूहों में विदेशी मदिरा की कुल 26 दुकानें तथा देशी की कुल 74 दुकानें,इस तरह कुल सौ दुकानें है।
लायसेंस नवीनीकरण के प्रस्ताव के लिए अंतिम तिथी 16 फरवरी निर्धारित की गई है,लेकिन अब तक विभाग को एक भी प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। आबकारी ठेकेदारों का कहना है कि पिछले छ: वर्षों में लायसेंस फीस में 360 प्रतिशत की बढोत्तरी हो चुकी है। ऐसे में प्रतिवर्ष पन्द्रह प्रतिशत की वृध्दि ठेकेदारों के बास की नहीं है। चालू वर्ष में कई ठेकेदार कम बिक्री के चलते अपनी लायसेंस फीस भी नहीं निकाल सके है और घाटे में दुकानों का संचालन कर रहे है।
प्रस्ताव नहीं आने की स्थिति में अब २९ फरवरी तक दुकानों के लिए टेण्डर आमंत्रित किए जाएंगे। 29 फरवरी को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में कलेक्टर बी चन्द्रशेखर की अध्यक्षता में गठित समिति इन टेण्डरों को खोलेगी।
आबकारी व्यवसाय से जुडे जानकार सूत्रों के मुताबिक टेण्डर आमंत्रित होने पर ठेकेदारों द्वारा लायसेंस फीस में न्यूनतम वृध्दि के टेण्डर प्रस्तुत किए जाने की संभावना है और इससे शासन द्वारा अपेक्षित पन्द्रह प्रतिशत की वृध्दि प्राप्त नहीं होगी। ऐसी स्थिति में टेण्डरों को अंतिम निर्णय के लिए आबकारी आयुक्त को भेजा जाएगा। दरें अत्यन्त कम आने की स्थिति में मदिरा दुकानों को शासन द्वारा संचालित किए जाने का निर्णय भी लिया जा सकता है।