आठ मिनट में कलेक्टर ने आठ साल पुराना भुगतान कराया
कलेक्टर ने जन सुनवाई में शिकायतों का मौके पर किया निराकरण
रतलाम,02 फरवरी (इ खबरटुडे)।कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में प्रतिमंगलवार आयोजित होने वाली जन सुनवाई में लोगों की समस्याओं का मौके पर ही निराकरण किया। उन्होने ग्रामीण विकास विभाग की समस्याओं को निराकृत करने के लिये जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हरजिन्दरसिंह को निर्देश दिये।
विद्युत मण्डल संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिये अधीक्षण यंत्री धर्मेन्द्र पाटीदार को निर्देशित किया गया। कलेक्टर ने शहर की समस्याओं के निराकरण के लिये नगर निगम आयुक्त सोमनाथ झारिया व रतलाम शहर एसडीएम सुनील झा को निर्देश दिये। इसके अतिरिक्त अन्य विभागों की समस्याओं को समयसीमा तय करते हुए विभागीय अधिकारियों को निराकरण्ा हेतु निर्देशित किया गया।
चौबीस घण्टे में स्वीकृति और मुआवजे का चेक मिलेगा
कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने जन सुनवाई में आज जावरा में फोरलेन की मुआवजा राशि के आठ साल पुराने लम्बित प्रकरण का आठ मिनट में निराकरण कर दिया। उन्होने जावरा निवासी विनित चौरड़िया के द्वारा 31 दिसम्बर 2007 को पारित अवार्ड राशि का भुगतान करने के लिये निर्देश दिये।
जावरा तहसीलदार को तत्काल कार्यवाही हेतु निर्देशित किया
कलेक्टर ने कहा कि आज ही संबंधित की नस्ती को कार्यालय बुलाया गया है ताकि सायंकाल तक मुआवजा राशि की स्वीकृति प्रदान कर संबंधित को चेक प्रदाय किया जा सके। कलेक्टर ने जावरा तहसीलदार को तत्काल कार्यवाही हेतु निर्देशित किया। उल्लेखनीय हैं कि लिपिकीय त्रुटिवंश विनित का नाम अभिलेख में दिलीप अंकित हो गया था इस कारण तहसीलदार कार्यालय के बाबु के द्वारा प्रकरण को अभी तक लटकाये जाने की शिकायत संबंधित के द्वारा की गई।
निर्वाचन कार्य में घायल संविदा शिक्षक को मानदेय दे
कलेक्टर ने लोकसभा उप निर्वाचन 2015 में कर्तव्य निर्वहन के दौरान घायल होने वाले संविदा शिक्षक गिरीश इंदौरकर को विशेष प्रकरण मानते हुए मानदेय प्रदान करने के निर्देश डीपीसी को दिये। उन्होने उप जिला निर्वाचन अधिकारी एवं संयुक्त कलेक्टर विनय कुमार धोका को भी निर्वाचन आयोग को इस संबंध में पत्र प्रेषित करने को कहा है ताकि निर्वाचन कार्य में संलग्न प्रत्येक कर्मचारी को दुर्घटना बीमा का लाभ मिल सके।
उल्लेखनीय हैं कि निर्वाचन कार्यो के दौरान होने वाली दुर्घटना संबंधी बीमा का लाभ संविदा कर्मीयों को प्रदाय किये जाने संबंधी प्रावधान नहीं होने से गिरीश की बुर्जुग माता को आर्थिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। श्रीमती प्रतिभा इंदौरकर ने आज अपनी शिकायत में बतलाया कि परिवार में वह दोनों ही हैं पीड़ित गिरीश ही एक मात्र सहारा है।