सिंहस्थ के प्रचार-प्रसार पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक खर्च
उज्जैन,11 जनवरी,(इ खबरटुडे)।सिंहस्थ के लिये पहली बार 3 हजार करोड़ का बजट। इसके बावजूद असंतुष्टि सामने है। संतों की असंतुष्टि के साथ ही कड़े रुख की ओर कदम सवाल खड़े कर रहे हैं।
दो अखाड़ों ने सीधे-सीधे मुद्दे की बात रखते हुए सिंहस्थ में आने पर ही प्रश्नवाचक चिन्ह लगाकर छोड़ दिया है।सिंहस्थ-1992 में 75 लाख यात्रियों के मान से व्यवस्थाएं की गई थी। सिंहस्थ-2004 में 2 करोड़ यात्रियों के के आगमन के अनुमान से व्यवस्थाएं जुटाई गई।
13 अखाड़ों में आवश्यक निर्माणों के लिये 50 लाख रुपये की राशि स्वीकृत
सिंहस्थ-2016 के लिये 5 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन का आंकलन करते हुए व्यवस्थाएं जुटाई जा रही हैं। स्थायी प्रकृति के काम किये जा रहे हैं। शहर में14 ब्रिज बनाये जा रहे हैं। सौंदर्यीकरण को लेकर तमाम कार्य किये जा रहे हैं। 13 अखाड़ों में आवश्यक निर्माणों के लिये 50 लाख रुपये की राशिस्वीकृत की गई है। इसके अतिरिक्त खान डायवर्सन योजना में खान की गंदगी को शिप्रा में मिलने से रोकने के लिये 90 करोड़ का खर्च किया जा रहा है। शहर के 11 गंदे नालों का पानी शिप्रा में मिलने से रोकने का जतन अंतिम दौर में है।
हाल ही में सिंहस्थ मेला अधिकारी और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने अ.भा. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरीजी एवं परिषद के महामंत्री एवं जूना अखाड़ा के संरक्षक महामंत्री हरिगिरीजी के साथ 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों को साथ लेते हुए निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया था। इसी निरीक्षण के दौरान बैठक में जूना अखाड़ा संरक्षक एवं अ.भा. अखाड़ा परिषद महामंत्री हरिगिरीजी ने सिंहस्थ मेले में अखाड़े के आगमन को लेकर 18 जनवरी को नासिक में विचार-विमर्श के उपरांत निर्णय की स्थिति बयान की थी। जूना अखाड़े में हाल के निर्माण को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष उनकी नाराजगी सामने आई थी।
जूना अखाड़े की ओर से यह पक्ष आने के बाद अधिकारी सकते में आ गये थे। अभी इस स्थिति से वे उबर भी नहीं सके थे कि दिगंबर अखाड़े की ओर से अपनी बात रखते हुए सिंहस्थ में आने के फैसले का एक और झटका सामने आ गया। अखाड़ों की ओर से उठाये गये सवाल और कार्यों पर असंतुष्टि का बड़ा सवाल इसके चलते खड़ा हो गया है। 3 हजार करोड़ के बजट के बावजूद प्रमुख अखाड़ों और संतों की ओर से असंतुष्टि दर्शाने के साथ ही निर्माण कार्यों में कमियांसामने लाना अपने आप में ही व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर रहा है।
1992, 2004 में किये गये खर्च के मुकाबले सिंहस्थ-2016 में स्थायी प्रकृतिके निर्माण भरपूर किये जा रहे हैं
खास बात तो यह है कि जूना अखाड़े की ओर से पूर्व में 21 जनवरी को अखाड़े के नगर प्रवेश की अपनी घोषणा की जा चुकी है। इसके बाद इस तरह की स्थिति बनने को लेकर प्रशासन की मुसीबतें आगामी दिनों में बढ़ सकती है। नगर निगम 12 साल संधारण कर सकेगा?असंतुष्टि का सवाल और उस पर चर्चाएं शहर के श्रद्धालुओं में और प्रबुद्ध वर्ग में मु य मुद्दा है। इसके साथ ही एक बड़ा मुद्दा यह भी खड़ा हो रहा है कि सिंहस्थ 1992, 2004 में किये गये खर्च के मुकाबले सिंहस्थ-2016 में स्थायी प्रकृतिके निर्माण भरपूर किये जा रहे हैं। 14 ब्रिज सहित अन्य निर्माण इसमें