November 8, 2024

आर्थिक तंगी से निपटने सरकार ने लिया 3500 करोड़ का कर्ज

भोपाल 15 नवंबर (इ खबरटुडे)। आर्थिक तंगी से निपटने राज्य सरकार ने खुले बाजार से 3500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। इसके चलते अब सरकार पर 1 लाख 14 हजार 363 करोड़ का कर्ज हो गया है। इध्ार सरकार ने प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट भी रोक दिए हैं। इस संबंध में निर्माण विभागों में 2000 करोड़ के बजट में कटौती कर दी है। दरअसल मप्र को अब तक केंद्र से किसी भी तरह की आर्थिक सहायता का कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है।

राज्य सरकार ने केंद्र से सॉफ्ट लोन के रूप में 5000 करोड़ स्र्पए मांगे थे

अभी केंद्रीय अध्ययन दल प्रदेश में सूखा प्रभावित 10 जिलों का दौरा करके गया है, लेकिन उनकी रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार कितनी आपदा राशि राज्य को देगी अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं है। इसके अलावा राज्य सरकार ने केंद्र से सॉफ्ट लोन के रूप में 5000 करोड़ स्र्पए मांगे थे, इस पर भी केंद्र ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है। इन सब हालातों को देखते हुए अब राज्य सरकार अपने संसाधनों के आधार पर ही अपनी वित्तीय स्थिति को बिगड़ने से बचाने की कवायद में जुटी है। इसके लिए वह कई वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाने की तैयारी में लगी हुई है।

प्रति व्यक्ति 490 कर्ज बढ़ा

वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण राज्य सरकार पिछले 6 माह से हर दूसरे माह बाजार से कर्ज उठा रही है। इस अवधि में प्रदेश के हर व्यक्ति पर 490 स्र्पए का अतिरिक्त कर्ज बढ़ा है। आज की स्थिति में हर व्यक्ति पर 15,470 और प्रदेश पर कुल 1 लाख 14 हजार 363 करोड़ का कर्ज हो गया है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने जून में 1000 करोड़, जुलाई में 1500 करोड़ और अगस्त में 1500 करोड़ और हाल ही में 11 सितंबर को 1000 करोड़ और 13 नवंबर को 3500 करोड़ का कर्ज लिया है।

किसानों के लिए फंड जुटाने की कोशिश

प्रदेश के किसान परेशानी में है। सरकार उनके साथ खड़ी है। हम सारे खर्चे रोक कर किसानों के आंसू पांेछने का प्रयास कर रहे हैं। हमने केंद्र से अन्य जरूरी मदद के साथ कम ब्याज पर 5 हजार करोड़ का कर्ज देने का आग्रह किया है। जयंत मलैया, वित्त मंत्री

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