पहली बार एक साथ बने दो ग्रीन कॉरिडोर इंदौर में
इंदौर 8 नवम्बर(इ खबरटुडे)।जिंदगी बचाने के लिए पहली बार शहर में एक साथ दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। पहला ग्रीन कॉरिडोर चोइथराम अस्पताल से एयरपोर्ट और दूसरा चोइथराम अस्पताल से बॉम्बे हॉस्पिटल के बीच बना। 11.45 बजे अंगों को बाहर निकाला गया। 11.47 बजे एंबुलेंस से इन्हें रवाना कर दिया गया। इस बीच पलसीकर, कर्बला, 11.50 पर महूनाका, रामचंद्रनगर से होकर अंगों को 11.55 पर एयरपोर्ट पहुंचाया गया।
डोनर का नाम रमेश असरानी है जिनकी ब्रेन डेथ हुई है। वे शहर की पलसीकर कॉलोनी के रहने वाले बताए गए हैं। दिमाग संबंधित बीमारी के चलते उन्हें आनंद हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, जहां से उन्हें चोइथराम अस्पताल रैफर कर दिया गया। डॉक्टरों द्वारा ब्रेन डेथ घोषित करने के बाद उनके परिजनो ने अंगदान का फैसला लिया। लीवर ग्रीन कॉरिडोर से होकर दिल्ली भेजा गया, वहीं एक किडनी इंदौर के ही बॉम्बे हॉस्पिटल में ट्रांसप्लांट होगी। मेदांता अस्पताल की टीम ही इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
गौरतलब है कि इससे पहले 7 अक्टूबर को शहर में पहली बार ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। तब चोइथराम अस्पताल में भर्ती खरगोन जिले के बरूड़ गांव निवासी ब्रेन डेड मरीज रामेश्वर खेड़े का लीवर निकालकर विमान से गुड़गांव ले जाया गया था।
आठ मिनट में तय की थी 10.4 किमी की दूरी
इस काम में शहरवासियों ने तो सहयोग किया ही, ड्राइवर की काबीलियत भी काम आई थी। एम्बुलेंस के आगे-आगे पुलिस की गाड़ी माइक पर अनाउंस करती जा रही थी और सड़क पर चलने वाले लोग रास्ता देते जा रहे थे ताकि एम्बुलेंस समय पर एयरपोर्ट पहुंच सके।
एयरपोर्ट पर भी लिए थे केवल 5 मिनट
तब लीवर को नियमित उड़ान से ही दिल्ली (गुड़गांव) भेजा गया था। लीवर वाले बॉक्स को एक्सरे जांच में रियायत दी गई थी। जेट की उड़ान भी तय समय से 10 मिनट पहले दिल्ली पहुंच गई थी।
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