बिहार के नतीजों से बढेगी की बीजेपी की चिन्ताएं
करारी हार से कार्यकर्ताओं की निराशा बढने का खतरा
रतलाम,8 नवंबर (इ खबरटुडे)। वैसे तो रतलाम का बिहार से कोई सीधा ताल्लूक नहीं है,लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे यहां भाजपा की चिन्ता बढाने के लिए पर्याप्त है। बिहार की करारी हार,कार्यकर्ताओं की निराशा बढाने में सक्षम है। पहले से ही उदासीन भाजपा कार्यकर्ताओं को लगा यह जोर का झटका संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव पर भी असर डालता दिख रहा है।
21 नवंबर को होने वाले संसदीय उपचुनाव में अब मात्र बाहर दिन शेष बचे हैं। इनमें से भी कम से कम चार दिन दीपावली में गुजर जाएंगे और चुनाव प्रचार के लिए महज आठ दिन मिलेंगे। भाजपा के अन्दरुनी सूत्रों की मानें तो स्थानीय स्तर पर गुटीय विवादों के चलते भाजपा कार्यकर्ता पहले से ही बेहद उदासीन बने हुए थे। शहर के कार्यकर्ता सम्मेलन और बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सभाओं में बेहद कम उपस्थिति से यह पहले ही नजर आ रहा था कि कार्यकर्ता उदासीन है। ऐसे में बिहार की हार भाजपा के लिए समस्या बढाने वाली साबित होगी।
दूसरी ओर बिहार में कांग्रेस की मौजूदगी भले ही नगण्य थी,लेकिन महागठबन्धन की जीत से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नए उत्साह का संचार हुआ है। बिहार के नतीजे आते ही कांग्रेस जनों ने पटाखे फोडकर इस उत्साह का इजहार भी किया। कार्यकर्ताओं का मनोबल चुनावी जंग में बडी भूमिका निभाता है। यदि कार्यकर्ताओं का मनोबल बढा हुआ होता है,तो पार्टी का प्रदर्शन भी अच्छा होता है। ऐसे में बिहार के नतीजे दोनो ही पार्टियों पर अलग अलग असर डालते दिखाई दे रहे हैं।
बिहार केनतीजे,चुनाव प्रचार में भी खासा दखल रखेंगे। कांग्रेस की तमाम सभाओं में इस जीत का जोरशोर से जिक्र किया जाएगा.जबकि भाजपा के पास इस बात का कोई जवाब नहीं होगा। बहरहाल आने वाले बारह दिनों में प्रचार अभियान देखना बेहद रोचक रहेगा।