बारिश की खेंच से फसलें नष्ट होने के कारण फीकी रहेगी अन्नादाता की दीपावली
खंडवा 24 अक्टूबर(इ खबरटुडे) ।बारिश की खेंच से फसलें नष्ट होने के कारण आर्थिक संकट झेल रहे अन्नादाता को सरकार की ओर से फिलहाल किसी तरह की राहत नहीं मिली है। जिला प्रशासन की ओर से किसानों के लिए करीब 143 करोड़ रुपए के मुआवजा प्रकरण बनाकर राज्य सरकार को भेजे हैं लेकिन दीपावली से पहले किसानों को यह राहत राशि मिलना संभव नहीं है। ऐसे में इस बार जिले के किसानों की दीपावली फीकी रह सकती है।
भारतीय किसान संघ के बैनर तले धरने और हड़ताल पर बैठे किसानों ने राज्य शासन के आश्वासन के बाद करीब एक सप्ताह पहले आंदोलन वापस ले लिया था। किसानों को उम्मीद थी कि जिला प्रशासन द्वारा दोबारा खेतों का सर्वे कराया जाकर उन्हें मुआवजा राशि जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाएगी। प्रशासन की ओर से सर्वे प्रक्रिया और मुआवजा प्रकरण बनाने का काम तो पूरा कर दिया गया लेकिन अब इस बात की जवाबदारी लेने को कोई तैयार नहीं है कि मुआवजा राशि का वितरण कब तक होगा।
विदित हो कि जिला प्रशासन द्वारा पहले महज 70 हजार किसानों के लिए मुआवजा प्रकरण बनाए थे। सर्वे में कम किसानों की फसल का आंकलन करने पर भारतीय किसान संघ ने करीब 15 दिन तक धरना-आंदोलन दिया। शासन तक अपनी मांगों को पहुंचाने के लिए किसानों को दूध-सब्जी की आपूर्ति बंद करने का रास्ता अपनाना पड़ा था। आंदोलन और हड़ताल का ही असर रहा कि शासन की ओर से पीड़ित किसानों की संख्या 70 हजार से बढ़ाकर 1 लाख 85 हजार कर दी। इन सभी किसानों के मुआवजा प्रकरण शासन को भेजे गए हैं।
पूजा में रखने के लिए भी नहीं बची फसल
जिले के कई ऐसे किसान हैं जो लक्ष्मी पूजन के दिन उस उत्साह और उमंग से त्योहार नहीं मना सकेंगे जैसा वे हर वर्ष मनाते हैं। दो से तीन बार कर्ज के बाद भी फसल नष्ट होने से किसानों की आर्थिक स्थिति इतनी भी नहीं है कि वे बच्चों के लिए पटाखे और नए कपड़े खरीद सकें। ऐसे में यदि शासन की ओर से मुआवजा राशि मिल जाती है तो किसानों के मायूस चेहरे खिल सकते हैं। सांवखेड़ा के किसान हरिराम मारूतिराव ने बताया कि इस बार गांव में अधिकांश किसानों के पास लक्ष्मी पूजन के दौरान पूजा में रखने तक के लिए फसल नहीं बची। ग्राम मलगांव दातासाहब के किसान प्रेमसिंह नत्थू ने कहा कि इस बार घर-आंगन में दीपक जलाकर ही त्योहार मनाने की मजबूरी रहेगी। भारतीय किसान संघ के प्रांतीय सदस्य रामचंद्र चाचरिया ने शासन से मांग की है कि दीपावली से पहले किसानों को राहत राशि का वितरण किया जाए।
पांच किसानों की हो चुकी है मौत
भारतीय किसान संघ का दावा है कि पिछले एक माह में फसल बर्बादी से त्रस्त चार किसान आत्महत्या कर चुके हैं जबकि कर्ज से परेशान एक किसान की हृदयाघात से मौत हुई है। कृषक राधेश्याम पिता गजराज चौहान (45) निवासी डुल्हार, रामचंद्र कन्हैया (38) निवासी अंबापाट, लक्ष्मण पिता रूपसिंह (40) निवासी गुयड़ा तथा लक्ष्मीनारायण पिता कैलाश (28) निवासी अतर की कीटनाशक पीने से मौत हुई थी, जबकि बावड़िया काजी के किसान सुरेश पिता माधव (44) की मौत हृदयाघात से हुई थी। इधर प्रशासन द्वारा अब तक यह पुष्टी नहीं की गई है कि किसानों ने कर्ज के बोझ के कारण आत्महत्या की है।
राशि मिलने पर करेंगे वितरित
जिले के 1 लाख 85 हजार किसानों के मुआवजा प्रकरण शासन को भेज दिए गए हैं। इसमें सोयाबीन के साथ ही उड़द, मिर्च, तुअर सहित अन्य उद्यानिकी फसलों की नुकसानी वाले किसान शामिल हैं। 143 करोड़ रुपए मुआवजे के लिए शासन से मांगे हैं। हमारा काम सर्वे कर डिमांड करने का था। अब यह राशि कब मिलेगी इसकी जानकारी नहीं है। -महेश अग्रवाल, कलेक्टर