मंत्रों से माता की आराधना पूर्ण, अब दो दिन तंत्र पूजा
नवरात्रि में आज सप्तमी तो कल अष्टमी-नवमी साथ में
उज्जैन,20 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। । छठ की आराधना के साथ ही नवरात्रि महापर्व में मंत्रों की पूजा पूर्ण हुई। अब तंत्र पूजा के तहत माता की प्रसन्नता के लिये भक्त हवन आदि की आहुति देंगे। कई जगह बलि की मान्यता भी है लेकिन इस बार आज सप्तमी के अलावा कल अष्टमी और नवमी तिथि साथ होने से तीन दिनों की यह आराधना महज दो दिनों में पूर्ण हो जायेगी।
शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर में कल सुबह 5 बजे देवी का हवन होगा। जो सुबह 9 बजे तक चलेगा। इसके अलावा कल चौबीस खम्बा माता, गढक़ालिका माता, भूखी माता, संतोषी माता, नगरकोट की महारानी व चामुण्डा माता आदि मंदिरों पर भी हवन के साथ नवरात्रि उत्सव पूर्ण होगा। हालांकि कुछ उपासक सूर्योदय में नवमी तिथि गुरुवार को मानते हुए गुरुवार को भी माता के हवन करेंगे लेकिन शास्त्रोक्त रुप से कल अष्टमी-नवमी संयुक्त है। सुबह 9 बजे से नवमी तिथि लग जायेगी। 13 अक्टूबर से घट स्थापना के साथ नवरात्रि पर्व में माता की आराधना आरंभ हुई। इस बार दूज तिथि दो दिनों तक होने के कारण एक दिन की बढ़ोत्तरी हुई लेकिन अष्टमी-नवमी तिथि साथ में होने से पुन: एक दिन घट गया। अत: नौ दिनों में ही नवरात्रि उत्सव पूर्ण हो रहा है। 22 अक्टूबर को विजया दशमी उत्सव मनाया जायेगा। कल रात ही माता के जवारे विसर्जन होंगे, इसी के साथ नवरात्रि उत्सव सम्पन्न होगा। देवी आराधक अब हवनात्मक आहुतियों की तैयारी कर रहे हैं। इधर भूखी माता मंदिर पर बलि की मान्यता है। कई भक्त यहां बलि भी देकर नवरात्रि में माता की प्रसन्नता का जतन करते हैं। पूर्व में चौबीस खम्बा माता पर भी बलि प्रथा थी किन्तु कालांतर में उसे बंद कर दिया गया।
लगता है मदिरा भोग
भूखी माता, चौबीस खम्बा माता, गढक़ालिका माता आदि मंदिरों में कई देवी भक्त माता को मदिरापान कराते हैं। चैत्र नवरात्र की अष्टमी को तो स्वयं प्रशासन ही नगर में मदिरा की धार लगाते हुए पूजा सम्पन्न करता है। धार्मिक नगरी में पूजा विधान के विविध नजारे देखने को मिल रहे हैं।
माता को श्रवण करा रहे चण्डी पाठ
दुर्गा शप्त शति, चण्डी पाठ आदि का देवी महात्म्य माता को श्रवण कराया जा रहा है। माता नवरात्रि में महात्म्य सुनकर भक्त पर प्रसन्न होती है। शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर में करीब 100 ब्राह्मण हॉल, पीछे टीन शेड, दोनों बंगलों आदि में बैठकर जप, पाठ आदि कर रहे हैं। विभिन्न भक्तों के मनोरथ पूर्णता के लिये यह जाप, पाठ, अनुष्ठान किये जा रहे हैं। गढक़ालिका मंदिर में भी पाठ, जप करने वालों की संख्या काफी है।
गरबों से प्रसन्न होती है माता
नवरात्रि में माता की आराधना और गरबों की परंपरा हालांकि गुजरात से प्रारंभ हुई है लेकिन अब मालवांचल में भी ऐसा कोई क्षेत्र अछूता नहीं है, जहां नवरात्रि में माता के गरबे न हों। देसाई नगर में भी दुर्गा मण्डल के संयोजन में आकर्षक गरबे किये जा रहे हैं। इसके अलावा सेठीनगर माता मंदिर पर भी रंगारंग गरबों के आयोजन जारी हैं। विशेष रुप से नन्ही बालिकाएं यहां गरबों के माध्यम से माता की आराधना कर रही हैं। इसके अलावा शुभाश्रय गार्डन इंदौर रोड पर भी रंगारंग प्रगति रास डांडिया में माता की आराधना के साथ गरबा प्रस्तुति के लिये बड़ी संख्या में नित्य भीड़ जुट रही है। सोमवार को भी कपल डांडिया के साथ व्यक्तिगत रुप से डांडिया के लिये लोगों में उत्साह बना रहा। आज सप्तमी तथा कल अष्टमी पर भी डांडिया के साथ माता की भक्ति के लिये लोगों ने उल्लास दिखाया है।
बंगाली कॉलोनी में छठ से शुरु हुई देवी पूजा
बंगाली समुदाय और नवदुर्गा पूजा की अपनी विशिष्टता है। यह कालिका माता की विशेष आराधना की जाती है। छठ से लेकर दशमी तक आराधना का दौर चलता है। बंगाली समुदाय विशेष रुप से तंत्र पूजा में विश्वास करता है। छठ के साथ बंगाली समाज ने नवदुर्गा पूजा आरंभ की। घरों में देवी के चरण चिन्ह अंकित किये गये। आंगन में तोरण सजाये गये हैं। विशेषकर वेणी लगाकर सोलह श्रृंगार किये बंगाल महिलाओं ने माता की आराधना की। काली बाड़ी बंगाली कॉलोनी में दशमी तक माता की विशिष्ट आराधना का दौर चलेगा। यहां का दृश्य पूरे पश्चिम बंगाल की तस्वीर प्रस्तुत कर रहा है। माता को विविध रुपों में आकर्षक रुपों से सजाया गया है। नित्य पकवान बनाकर माता को भोग लगाया जा रहा है। वहीं कुल की परंपरानुसार गुप्त पूजन भी किया जा रहा है। घरों में जवारे बोकर ज्योत जलाई गई है।