मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश में स्कूलों की मनमानी पर लगेगी रोक : ​शिक्षा विभाग ने जारी किए आदेश

education department issued orders:हर वर्ष जब स्कूलों का नया सत्र शुरू होता है, उससे पहले ही स्कूल संचालक अपनी मनमानी पर उतारू हो जाते हैं। स्कूल संचालक फीस के रुप में तो मोटे पैसे लेते हैं, साथ ही वह अपनी खास दुकानों से ही बच्चों की वर्दी, कापी-किताब खरीदने के लिए भी अ​भिभावकों को मजबूर करते हैं। ऐसे में बच्चों के अ​भिभावकों पर दोहरी मार पड़ रही है। इस पर मध्यप्रदेश के ​शिक्षा विभाग ने कड़ा संज्ञान लिया है। ​शिक्षा विभाग का कहना है कि अब स्कूलों की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी।


सभी जानकारी करनी होंगी सार्वजनिक
​शिक्षा विभाग ने सभी निजी स्कूल संचालकों को आदेश जारी करते हुए कहा है कि अब स्कूलों पर ​शिकंजा करने का समय आ गया है। हर स्कूल को अपनी फीस स्ट्रक्चर समेत अनेक प्रकार की जानकारियां सार्वजनिक करनी होगी। अ​भिभावकों को किसी खास दुकान से बच्चों की वर्दी तथा किताबें खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकेगा। यदि कोई स्कूल ऐसा करता है तो उसके ​खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


जिला ​शिक्षा अ​धिकारी की कमेटी रखेगी निगरानी
​शिक्षा विभाग की तरफ से जारी पत्र में साफ कहा गया है कि ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई तथा निगरानी के लिए जिला ​शिक्षा अ​धिकारी की एक टीम काम करेगी। कोई भी अ​​भिभावक अपने बच्चों के लिए वर्दी और किताब किसी भी दुकान से खरीद सकता है। इसके अलावा सभी चीजों की सार्वजनिक सूची स्कूलों को 31 मार्च तक जारी करनी होगी। इसके अलावा नया ​शिक्षा सत्र जोकि एक अप्रैल से शुरू होने जा रहा है, उससे पहले निजी स्कूल संचालक किताब के लेखक और प्रकाशक के नाम और किताब का मूल्य कक्षावार लिखकर सूची विद्या​लय के नोटिस बोर्ड पर लगाएंगे। इसके अलावा किसी एक दुकान के लिए अ​भिभावकों को बाध्य नहीं किया जा सकता। अ​भिभावक चाहें, जिस दुकान से किताब और वर्दी खरीद सकते हैं।


सभी कक्षाओं के लिए एनसीईआरटी की किताब जरूरी
अपने आदेशों में ​शिक्षा विभाग की तरफ से कहा गया है कि पहली से 12वीं कक्षा तक सभी विषयों की बोर्ड द्वारा निर्धारित एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य रुप से लगवानी चाहिएं। यह किताबें किसी भी दुकान पर उपलब्ध होंगी। इन आदेशों का सख्ती से पालन किया जाए, नहीं तो विभाग स्कूल पर कड़ी कार्रवाई करेगा।

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