Muskaan Success story:रोजाना मात्र 8 घंटे पढ़ाई कर क्रैक की यूपीएससी परीक्षा–सोलन शहर की मुस्कान बनी युवाओं के लिए प्रेरणा

Muskaan Success story:हिमाचल प्रदेश के सोलन शहर की रहने वाली मुस्कान ने पहली बार में ही यूपीएससी की परीक्षा क्रैक की। परीक्षा कठिन होने के बावजूद मुस्कान ने अपना ध्यान बनाए रखकर अनुशासन के साथ पढ़ाई की। इसका परिणाम ये हुआ कि वह पहली ही प्रयास में अच्छे अंकों के साथ सफल रहीं। मुस्कान सीबीएसई बोर्ड के कक्षा 10वीं में पूरे 10 सीजीपीए अंक और कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 96 प्रतिशत अंक हासिल किए। इसके बाद भी मुस्कान का सफर नहीं रुका और उन्होंने चंडीगढ़ के पंजाब यूनिवर्सिटी के एसडी कॉलेज से बी.कॉम (ऑनर्स) की डिग्री करते हुए अपने बैच में 5वें स्थान पर रहीं। ग्रेजुएशन के बाद मुस्कान ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। मुस्कान जिंदल की जिंदगी और उनकी कहाननी ना सिर्फ यूपीएससी के उम्मीदवारों को प्रेरित करती है, बल्कि यह भी सिखाती है कि करियर का चुनाव अपने लक्ष्यों और रुचियों के हिसाब से करना चाहिए, भले ही वह रास्ता थोड़ा मुश्किल ही क्यों न हो।
मुस्कान ने एनसीईआरटी की किताबों और स्टैंडर्ड रेफरेंस बुक्स से तैयारी की। सिलेबस पूरा होने के बाद उन्होंने अपनी तैयारी जांचने के लिए टेस्ट पेपर हल किए। मुस्कान रोजाना लगभग 7-8 घंटे पढ़ाई करती थीं। अपनी तैयारी में मुस्कान ने सेल्फ स्टडी और कोचिंग दोनों तरीकों को अपनी रणनीति में शामिल किया। सिलेबस को अच्छे से समझने के लिए उन्होंने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों करने के अलावा सेल्फ स्टडी पर भी पूरा ध्यान दिया। मुस्कान ने हफ्ते के हिसाब से पढ़ाई का टारगेट सेट किया और उसे पूरा करती गई।
मोबाइल और सोशल मीडिया से दूर रहना भी जरूरी नहीं
सोशल मीडिया जैसी ध्यान भटकाने वाली चीजों के बारे में मुस्कान का मानना है कि वह खुद को पूरी तरह अलग करने के बजाय, इसके सीमित इस्तेमाल और आत्म-अनुशासन पर जोर देती हैं। उनका मानना था कि सिर्फ जरूरत पडऩे पर ही मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से पढ़ाई में ध्यान बना रहता है।
कोचिंग संस्थानों से मार्गदर्शन लेने की सलाह
मुस्कान का यूपीएससी परीक्षा में इंटरव्यू स्टेज को लेकर कहना है कि ईमानदारी और संतुलित नजरिया बनाए रखने पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कोचिंग संस्थानों से मार्गदर्शन लेने की सलाह दी, लेकिन यह भी कहा कि उनकी सफलता में सेल्फ स्टडी का सबसे बड़ा योगदान रहा।