Indore: नर्मदा साहित्य मंथन में बोले वक्ता- सनातनी धर्म-संस्कृति से ही मार्क्सवादी हमलों से बचाव संभव
इंदौर,01 फरवरी (इ खबर टुडे)। इंदौर में नर्मदा साहित्य मंथन के दूसरे दिन शनिवार को पहले सत्र में विचारक डा. पवन विजय ने ’कल्चरल मार्क्सवाद का परिवारों पर प्रभाव’ विषय पर अपने विचार रखे। डाॅ.विजय ने कहा कि भारतीय समाज की चार प्रमुख इकाईयां है, जिसे हम विचार, धर्म, परिवार और समाज कहते है। इन चारों पर मार्क्सवादी लगातार हमले कर रहे है और इन हमलों का उद्देश्य केवल भारतीय समाज को कमजोर करना है, बल्कि लैंगिक असमानता, समलैंगिकता और फैमिनिज्म जैसे मुद्दों को समाज में स्थापित करने की कोशिश हो रही है।
साहित्य से लेकर फिल्मों को इसके लिए माध्यम बनाया जा रहा है। मार्क्सवादी हमारी संस्कृति के विरोध करने वाले तत्वों को सामाजिक व्यवस्था में एक एजेंडे के साथ स्थापित करने में लगे हुए है। मार्क्सवाद वास्तव में स्थापित व्यवस्था के खिलाफ बात करता है, जिसमें परिवारों को तोड़ना भी शामिल है।
मार्क्सवाद हमलों से हमें केवल हमारा धर्म, संस्कृति, मर्यादा, त्याग, धर्म, परंपरा ही बचा सकती है। परिवारों के मुखिया की भूमिका इसमें सबसे महत्वपूर्ण है। संचालन चेतन मीणा ने किया। अतिथि स्वागत अमित पवार और राकेश डांगी ने किया।