January 30, 2025

Illegal Madrasa : जिले में फिर मिला अवैध मदरसा,बच्चों को सिखा रहे हैैं कट्टरता,बाल संरक्षण आयोग के सदस्यों के निरीक्षण में मिली कई अनियमितताएं {देखिए लाइव विडीयो}

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रतलाम,28 जनवरी (इ खबरटुडे)। कुछ समय पहले शहर के समीप लडकियों का एक अवैध मदरसा पकडे जाने के बाद जिले में फिर से एक अवैध मदरसा मिला है। बिना मदरसा बोर्ड की मान्यता के चलाए जा रहे इस अवैध मदरसे में दूर दूर के इलाकों से बच्चों को लाकर उन्हे मजहबी कट्टरता सिखाई जा रही है। मदरसा संचालकों ने बच्चों की स्कूली शिक्षा बन्द करवा कर उन्हे सिर्फ मजहबी कट्टरपंथी शिक्षा देना पारंभ किया है। मदरसा संचालक बगैर अनुमति के छात्रावास भी संचालित कर रहे हैैं।

इ खबरटुडे को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक यह अवैध मदरसा पिपलौदा तहसील की ग्र्राम पंचायत बरगढ के उमटपालिया गांव में संचालित किया जा रहा है। पिछले दिनोंं रतलाम के प्रवास पर आए म.प्र. बाल अधिकार आयोग के सदस्य डा. निवेदिता शर्मा और ओंकारसिंह मरकाम ने महिला एवं बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ इस मदरसे का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मदरसे की कई अनियमितताएं सामने आई।

उक्त मदरसे का संचालन दावते इस्लामी हिन्द ट्रस्ट इन्दौर द्वारा अताए रसूल उपरवाडा के नाम से किया जा रहा है। मदरसे में कुल 66 बच्चों को दीनी तालीम दी जा रही है,लेकिन मदरसा बोर्ड से इस मदरसे को कोई मान्यता प्राप्त नहीं है। मदरसे में रहने वाले बच्चों की स्कूली शिक्षा बन्द करवा दी गई है और उन्हे सिर्फ मजहबी कïट्टरवाद की शिक्षा दी जा रही है। आयोग सदस्य डा. निवेदिता शर्मा ने जब मदरसे के बच्चों से सवाल जवाब किए तो पता चला कि वे पूरी तरह जिहादी मानसिकता वाले हो चुके है। जब बच्चों से पूछा गया कि वे बडे होकर क्या बनना चाहते है? तो सभी का एक स्वर में उत्तर था कि वे बडे होकर हाफिज बनना चाहते है,ताकि उन्हे जन्नत मिल सके।

आयोग सदस्यों ने मदरसे में मौजूद मदरसे के प्रधानाचार्य और शिक्षक से पूछताछ की तो पता चला कि मदरसे के प्राचार्य मोहम्मद शोएब बदायूं उत्तरप्रदेश के है और ट्यूशन पढाने वाले मोहम्मद शहजाद झारखण्ड के हैैं। इसी तरह यहां रहने वाले बच्चे भी कई दूर दराज की जगहों से लाए गए हैैं। इनमें से लगभग सभी बच्चे गरीब परिवारों की पृष्ठभूमि के है। इनमें मध्यप्रदेश के मन्दसौर,उज्जैन और इन्दौर के अलावा ,राजस्थान के बांसवाडा और चित्तोडगढ के बच्चे भी है। इन बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित किया गया है। किसी भी बच्चे को स्कूली शिक्षा नहीं दी जा रही है। आयोग सदस्यों ने जब मदरसा संचालकों से इस बारे में पूछताछ की तो वे बगलें झांकने लगे। निरीक्षण के दौरान यह तथ्य भी सामने आया कि मदरसे का संचालन जिस भूमि पर किया जा रहा है,उसके पीछे कब्रस्तान है। यह संभावना है कि उक्त मदरसा कब्रस्तान की भूमि पर ही संचालित किया जा रहा है।

्डा.निवेदिता शर्मा ने इ खबरटुडे से चर्चा में बताया कि उक्त मदरसे के निरीक्षण में ढेरों अनियमितताएं मिली है। उन्होने कहा कि मदरसा संचालन के लिए मदरसा बोर्ड से मिली मान्यता वर्ष 2021 में ही समाप्त हो गई थी,परन्तु इसके बाद मान्यता का नवीनीकरण ही नहीं कराया गया। मदरसा संचालकों द्वारा वर्ष 2022 में नवीनीकरण के लिए दिए गए आवेदन में ही स्पष्ट किया गया है कि यह मदरसा आवासीय नहीं है,परन्तु निरीक्षण के दौरान यह आवासीय प्रकार का पाया गया,जो कि नियमों का गंभीर उल्लंघन है। बच्चों को उनकी स्कूली शिक्षा से वंचित कर दिया गया है यह भी गंभीर प्रकृति का कृत्य है। डा. निवेदिता शर्मा ने बताया कि निरीक्षण के दौरान मिली गडबडियों पर कार्यवाही करने के लिए स्थानीय प्रशासन को निर्देशित किया जाएगा,साथ ही उक्त मदरसे को बन्द करने के निर्देश भी जारी किए जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कुछ समय पहले रतलाम शहर के समीप ही अवैध रुप से चलाए जा रहे लडकियों के मदरसे की पोल खोली थी। अब फिर से जिले में दूसरा अवैध मदरसा मिला है। जिले में और भी कई स्थानों पर नन्हे बच्चों को कïट्टर बनाने की इस तरह की अवैध फैक्ट्रिया चलाई जा रही है। नन्हे बच्चों को कïट्टरता सिखाने वाले इस तरह के अवैध संस्थानों पर त्वरित रुप से कठोर कार्यवाही जरुरी है। साथ ही इस तरह के अवैध संस्थान चलाने वालों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाना चाहिए वरना वह दिन दूर नहीं जब हमारे शांत क्षेत्रों में भी जेहादी आंतक की घटनाएं जन्म लेने लगेगी।

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