श्रमिक हितों-निवेश प्रोत्साहन के लिये हुआ श्रम कानूनों में संशोधन
स्वत: पंजीयन
मध्यप्रदेश दुकान एवं स्थापना अधिनियम में संशोधन का लाभ प्रदेश की साढ़े आठ लाख स्थापनाओं को मिला है। पंजीयन सुविधा आसान हुई है। अब यदि किसी दुकान या व्यावसायिक संस्थान द्वारा अधिनियम में पंजीयन या नवीनीकरण संबंधी आवेदन को 30 दिन में स्वीकृत नहीं किया जाता है और कोई आपत्ति नहीं दर्ज करवायी जाती है तो इसे स्वत: पंजीकृत माना जाता है।
श्रमायुक्त अनुमति बिना निरीक्षण नहीं
दस से कम श्रमिक वाली स्थापनाओं का किसी भी श्रम अधिनियम में अब बिना श्रमायुक्त की पूर्व अनुमति के निरीक्षण नहीं किया जा सकता है। अधिनियम में निर्धारित पंजी एवं अन्य अभिलेख कम्प्यूटर या डिजिटल फार्मेट में रखने की अनुमति भी दी गयी है। इस अधिनियम का उल्लंघन करने वाले प्रकरणों का भी न्यायालय के स्थान पर कार्यालय में ही समझौता शुल्क देकर निराकृत किया जा रहा है।