उज्जैन में दूसरे दिन भी पानी की रेलमपेल
36 घंटे से गंभीर के गेट खुले हुए, दूसरे दिन भी स्कूलों में अवकाश की घोषणा, रात से फिर बढ़ने लगा जल स्तर, बड़े ब्रिज पर 5 फीट पानी, निचली बस्तियों में खतरा जारी
उज्जैन 21 जुलाई( इ खबरटुडे)। पिछले 36 घंटों से जिले में हो रही लगातार बारिश से ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के रहवासियों का जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हुआ है। बड़नगर रोड के बड़े पुल पर 36 घंटों से पानी 5 फीट ऊपर बह रहा है। शहर की निचली बस्तियों में एक बार फिर से जल स्तर बढ़ने की स्थिति बनी है। गंभीर बांध से पिछले 36 घंटे से पानी छोड़ने का क्रम जारी है। श्री महाकाल मंदिर में दूसरे दिन भी लगातार पानी का रिसाव जारी रहा। कोटितीर्थ कुण्ड से पानी उलीचने पर भी कोई फर्क नहीं पड़ा। सोमवार को कलेक्टर कविन्द्र कियावत ने अतिवृष्टि के चलते राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर राहत कार्य तेजी से करने सहित सर्वे के निर्देश दिये हैं। लगातार दूसरे दिन भारी वर्षा को देखते हुए मंगलवार को भी 12वीं तक के विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए अवकाश घोषित किया गया है।
उज्जैन शहर में अतिवृष्टि के कारण क्षिप्रा नदी में आई बाढ़ से कई क्षेत्रों के रहवासी पानी से घिर गये थे। शहर की कई निचली बस्तियों के घरों में पानी भरने से लोगों के जीवन संकट में आ गये थे। जिला प्रशासन ने त्वरित कार्यवाही करते हुए होमगार्ड के तैराकों के माध्यम से लोगों को बाढ़ से निकाला तथा राहत कैम्पों में उनको पहुंचाया। स्थानीय निवासियों ने भी बचाव कार्य में सराहनीय योगदान दिया। क्षिप्रा नदी में आई बाढ़ में आज दोपहर बाद उतार देखा गया था। तैराकों द्वारा बताया गया कि बड़नगर रोड स्थित बड़े पुल पर जहां पहले 5 फीट पानी था, अब घटकर दोपहर में 1 बजे तक करीब 2 फीट रह गया था। यह स्थिति रात 8 बजे बाद फिर पलटी है और बड़े पुल पर 5 से 6 फीट के लगभग पानी बह रहा था। जिला कमांडेंट होमगार्ड सुमित जैन ने बताया कि 19 जुलाई की सुबह से प्रारम्भ हुए रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान शहर के 600 व्यक्तियों को होमगार्ड के तैराकों ने बोट की सहायता से बचाया। बचाव कार्य में होमगार्ड के 110 तैराक नगर सैनिक निरन्तर लगे हुए हैं तथा बहादुरी से कठिन से कठिन स्थान पर पहुंचकर लोगों को सहायता पहुंचा रहे हैं। इस कार्य में होमगार्ड द्वारा 2 मोटर बोट, मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम की 6 पैडल बोट, 2 डोंगी, रस्से, लाइफ जैकेट आदि का प्रयोग करते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। होमगार्ड के सैनिक लगातार शिफ्टवाइज डयूटी कर इस कार्य को अंजाम देने में लगे हुए हैं।
संभागायुक्त पहुंचे निगम कंट्रोल रुम
सोमवार रात संभागायुक्त डॉ. रविन्द्र पस्तौर आकस्मिक रुप से नगर निगम कंट्रोल रुम फायर ब्रिगेड पर पहुंच गये। उनके साथ प्रशासनिक अमला भी था। उन्होंने यहां बाढ़ से बचाव और आपदा प्रबंधन से संबंधित संसाधनों की जानकारी हासिल की। उन्होंने कंट्रोल रुम सहित फायर ब्रिगेड के विभिन्न संसाधनों का बारीकी से निरीक्षण किया और अधिकारियों से जानकारी ली। इसके बाद कंट्रोल रुम पर बैठक के लिये संभागायुक्त रवाना हुए थे।
जलमग्न हुई रूद्रसागर के पास की बस्तियां
चारधाम से हरिफाटक ब्रिज की ओर जाने वाली नवनिर्मित सड़क की ऊंचाई अधिक होने और निकासी का रास्ता नहीं दिये जाने के कारण रूद्रसागर की आधा दर्जन निचली बस्तियां जलमग्न हो गई। दो दिनों की बारिश ने कई घरों को बर्बाद कर दिया। रिलायबल ग्रुप ने जनसहयोग से यहां के परेशान रहवासियों को निकाला तथा प्रशासन से मांग की है कि प्रभावितों को मुआवजा दिया जाए।
नंदी गृह में दूसरे दिन भी पानी
लगातार हो रही बारिश के चलते महाकालेश्वर मंदिर परिसर स्थित कोटितीर्थ कुण्ड का पानी ओव्हर फ्लो होकर नंदी गृह तक पहुंच गया है। मंदिर समिति द्वारा मोटर लगाकर पानी को लगातार बाहर फेका जा रहा है।
13 कैम्पों में से मात्र कुछ में जमे रहे रहवासी
प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के रहवासियों के लिये 13 राहत शिविर शुरु किये थे। इनमें से मात्र कुछ में ही रहवासी जमे हुए हैं। शेष की स्थिति यह बताई जा रही है कि राहत शिविर में पंजीयन कराने के बाद वहां से लोग अपने परिचितों और रिश्तेदारों के यहां लौट रहे हैं। मॉडल स्कूल राहत शिविर पर पेपाबाई और बसंतीबाई ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रशासनिक स्तर पर रविवार को खाद्य सामग्री दी गई थी, इससे उन्होंने आटा और आलू दिये गये थे साथ ही अन्य सामग्री भी थी, जिससे उन्होंने रोटी और सब्जी तैयार की। सोमवार को सुबह पुड़ी-सब्जी और दोपहर में ब्रेड शिविर में दिये गये थे। यहां पानी के लिये एक टैंकर भी खड़ा किया गया है। खास बात यह है कि इस कैम्प में करीब 250 के लगभग लोग रुके हुए हैं। इनके साथ ही 20 से 25 बकरा-बकरी भी कैम्प के एक किनारे में थे।
मुल्लापुरा क्षेत्र से 50 व्यक्तियों को निकाला गया
अत्यधिक बारिश के कारण पानी में फंसे लगभग 50 व्यक्तियों को मुल्लापुरा क्षेत्र से जवानों ने सुरक्षित बाहर निकाला और राहत कैम्प में ले गये। मॉडल स्कूल में बनाये गये राहत शिविर में लगभग 150 व्यक्तियों को रूकवाया गया है। इनके रूकने पीने के पानी आदि की सभी व्यवस्थाएं वहां की गई हैं।
कलेक्टर के निर्देश, अतिवृष्टि पीड़ितों को तुरन्त दें सहायता
कलेक्टर कवीन्द्र कियावत ने सोमवार को बृहस्पति भवन में आयोजित बैठक में राजस्व अधिकारियों को ये निर्देश दिये। बैठक में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी रुचिका चौहान, ए.डी.एम. अवधेश शर्मा, एस डी एम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित सभी राजस्व अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में वी सी के माध्यम से जिले के अन्य तहसीलों के राजस्व अधिकारी भी शामिल हुए।
सर्वे तुरंत प्रारंभ करने के निर्देश
कलेक्टर ने निर्देश दिये कि राजस्व अधिकारी बारिश से नुकसानी का सर्वे दल बनाकर तुरन्त प्रारंभ कर दें। सर्वे पूर्ण उदारतापूर्वक तथा मानवीय दृष्टिकोण से किया जाये। कार्य पूर्ण पारदर्शी हो तथा राजस्व अधिकारी बिना किसी दबाव अथवा प्रलोभन के कार्य करें। सर्वे के दौरान किसी का आतिथ्य अथवा स्वागत स्वीकार न किया जाए। सर्वे के दौरान पंचनामा बनायें तथा फोटो लें। पीड़ित परिवार के मुखिया का खाता मांक अवश्य लिया जाए। यथा संभव एक वार्ड अथवा एक ग्राम का एक सामूहिक प्रकरण बनाया जाए।
पानी घुसा नुकसान हुआ तो मुआवजा
सम्पत्ति की हानि के विषय में कलेक्टर ने बताया कि किसी व्यक्ति के मकान में बारिश का पानी घुसा और नुकसान हुआ हो तो उसे मुआवजा दिया जाए। दुकान सह मकान क्षतिग्रस्त होने पर भी मुआवजा दिया जाए।
सात दिन में हो जाएगा सर्वे
सर्वे के संबंध में पूछे जाने पर राजस्व अधिकारियों ने बताया कि उजैन नगर के सभी 54 वार्डो में सर्वे का काम एक सप्ताह में पूर्ण कर लिया जाएगा।
उज्जैन, नागदा, खाचरौद में अधिक नुकसान
कलेक्टर ने बताया कि अतिवृष्टि से उज्जैन नगर, नागदा एवं खाचरौद में सम्पत्ति का अधिक नुकसान हुआ है। जिले में केवल बड़नगर से जनहानि का समाचार है। पशु हानि का कहीं से समाचार नहीं है।
अंचलों में लगातार बारिश जारी
पिछले 36 घंटो से जिले में सतत् बारिश जारी है। जिले में 19 जुलाई की सुबह 8 बजे से लेकर 20 जुलाई की सुबह 8 बजे तक कुल 145.5 मिली मीटर वर्षा 5.72 इंच दर्ज की गई। सभी तहसीलों में स्थापित वर्षा मापी केन्द्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इसी अवधि में उजैन तहसील में 137 मि.मी. 5.39 इंच, घटिया तहसील में 120 मि.मी. 4.72 इंच, खाचरौद में 272 मि.मी. 10.70 इंच, नागदा में 153 मि.मी. 6.02 इंच, बड़नगर में 158.4 मि.मी, 6.22 इंच, महिदपुर में 81 मि.मी., 3.18 इंच और तराना में 97 मि.मी. 3.18 इंच वर्षा दर्ज की गई है। इसी तरह 1 जुन से लेकर 20 जुलाई की सुबह 8 बजे तक जिले में कुल 56.2 मि.मी. 22.21 इंच वर्षा हुई है। गौरतलब है कि विगत वर्ष 20 जुलाई तक 187.8 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई थी।
लगातार बारिश, विद्यार्थियों को आज छुट्टी
अत्यधिक बारिश की वजह से कलेक्टर ने उज्जैनजिले के सभी प्राथमिक, माध्यमिक एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में 21 जुलाई मंगलवार को अवकाश घोषित किया है। यह अवकाश निजी विद्यालयों पर भी लागू होगा। इसी के साथ आंगनवाड़ियों में भी अवकाश रहेगा। यदि किन्हीं स्कूलों में प्रायोगिक परीक्षा या शैक्षणिक कार्य के अलावा अन्य गतिविधियां स्कूल प्रशासन द्वारा निर्धारित की गई हों तो वे यथावत निर्बाध रूप से संचालित होगी। स्कूलों में केवल शैक्षणिक कार्य नहीं किये जायेंगे। जिला शिक्षा अधिकारी संजय गोयल ने इस संबंध में कहा कि मंगलवार को पुन: स्थिति की समीक्षा की जायेगी। फिलहाल लगातार बारिश के चलते स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है। इस दायरे में सीबीएससी के स्कूल भी सम्मिलित है। वहां भी पूरी तरह अवकाश रहेगा।
सुबह 8 बजे तक 5 गेट खुले रहे
गंभीर डेम में लगातार पानी की आवक को देखते हुए रातभर 5 गेट की मदद से पानी बहाया गया। सुबह 8 बजे इसमें से 3 गेट पानी की आवक कम होने पर बंद किये गये थे। इसके बाद शाम 6 बजे तक 2 गेट से पानी बहाया जा रहा था। स्थिति की समीक्षा करते हुए पीएचई ग्रामीण के अधिकारियों ने शाम 6 बजे एक गेट और बंद कर दिया गया था। रात 9 बजे के लगभग पानी की आवक बढ़ने पर एक बार फिर से दो गेट खोल दिये गये। 3-3 मीटर खोलकर गेट से पानी बहाने का क्रम जारी था। समाचार लिखे जाने तक पानी की आवक बढ़ने की स्थिति बनी हुई थी। इसे देखते हुए तीसरा और चौथा गेट खोलने के हालात बने हुए थे। देर रात डेम का जल स्तर 482.60 मीटर और क्षमता 1800 एमसीएफटी बनी हुई थी। पीएचई ग्रामीण के अधिकारी सतत रुप से डेम में पानी की आवक की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। खास बात यह है कि डेम के उज्जैन और इंदौर केचमेंट एरिया से सतत रुप से पानी की आवक बन रही है। इंदौर में भी निरंतर बारिश होने से यशवंत सागर के गेट भी खुलने की स्थिति बन गई है। ऐसे में पानी की आवक और बढ़ेगी। जिसके चलते गंभीर डेम के अधिक गेट खोले जा सकते हैं। पिछले 36 घंटों में डेम की क्षमता के मुकाबले करीब 3 गुना पानी बहाने की स्थिति बनी हुई है।
कई मकानों की हालत खस्ता
शहर में पुराने बने हुए एक दर्जन के करीब मकानों की हालत भारी बरसात में खस्ता हो चली है। कभी भी ऐसे मकान भरभरा कर गिर सकते हैं। खास बात यह है कि इन मकानों के आसपास नगर निगम के आलसी अमले ने अब तक सूचना बोर्ड भी दुरुस्त नहीं करवाये हैं। न ही उनके मकान मालिकों को नोटिस ही हालिया स्थिति में दिये गये हैं।
साहेबखेड़ी में 488.85 एमसीएफटी पानी
पीएचई कंट्रोल रुम के मुताबिक सोमवार रात गऊघाट पाले पर 34.9 फीट पानी बना हुआ था। त्रिवेणी पाले पर शिप्रा 30 फीट ऊपर से बह रही थी। साहेबखेड़ी तालाब में 488.85 एमसीएफटी पानी का संग्रहण था। उण्डासा तालाब 13 फीट भर चुका है।
निगम कंट्रोल रुम पर 55 शिकायतें
नगर निगम के कंट्रोल रुम पर रविवार रात से सोमवार रात तक 55 शिकायतें दर्ज होने की जानकारी अटेंडर द्वारा दी गई है। उनके मुताबिक इन शिकायतों में पानी घुसने, विस्थापन और बाढ़ की समस्याओं से संबंधित ही शिकायतें आई हैं।
गुरुद्वारा में फंसे लोग! प्रशासन में घबराहट
इधर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार देर शाम कालिदास उद्यान क्षेत्र से 23 लोगों को बाढ़ में फंसे होने की स्थिति से बाहर निकाला गया है। होमगार्ड और अन्य संसाधनों की मदद से इस रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। इस ऑपरेशन को पूरा करने के कुछ देर बाद ही सूचना सामने आई कि दत्त अखाड़ा क्षेत्र में गुरुनानक घाट गुरुद्वारा में कुछ लोग फंसे हुए हैं। इनकी संख्या सामने नहीं आ पाई थी। सूचना मिलने के बाद प्रशासन की सांसें फूल गई थी। स्थिति को देखते हुए तत्काल ही राहत कार्यों के लिए टीम रवाना की गई थी लेकिन यहां स्थिति बिल्कुल विपरीत बनी हुई है। शिप्रा पूरे रौद्र रुप में बह रही है। उस ओर पहुंचना टेढ़ी खीर बना हुआ है। समाचार लिखे जाने तक यहां की स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी थी।
उमरिया खालसा का तालाब फूटा
इधर जिलेभर से भारी बारिश की सूचनाएं मिल रही हैं। टंकारिया तालाब में रिसाव की स्थिति बनी हुई है। बामोरा तालाब भी खतरे की स्थिति में है। ग्राम उमरिया खालसा के तालाब के फूटने की जानकारी सामने आ रही है।
वृन्दावनपुरा-भैरवगढ़ में नहीं होगा जलप्रदाय
नगर निगम पीएचई मंगलवार को जलप्रदाय करेगा। पानी में आने वाली गाद सोमवार को शांत रही जिसके चलते अंबोदिया और गऊघाट वाटर फिल्टर प्लांट के पंप निरंतर चलाये गये। इसके चलते शहर की 34 में से 32 टंकियां पूरी भरी हैं। इधर बताया जा रहा है कि शिप्रा के श्मशान से होकर निकली पाइप लाइन और भैरवगढ़ पुल दोनों स्थानों पर भरपूर पानी होने के चलते पाइप लाइन में डेमेज हुआ है। यह डेमेज कहां हुआ है, इसकी स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। इस कारण से वृन्दावनपुरा और भैरवगढ़ टंकी नहीं भर पाई है, जिसके चलते इन दोनों क्षेत्रों में मंगलवार को जलप्रदाय किया जाना संभव नहीं हो सका है। पीएचई सूत्रों के अनुसार भैरवगढ़ पुल के पास सिंहस्थ के लिये लाइन डाली जा रही थी, जिसके पाइप बहने की जानकारी प्राथमिक तौर पर सामने आ रही है। अभी से लेकर पूरी तरह से अधिकृत स्थिति सामने नहीं आई है।