8वीं पास आधे बच्चे स्कूलों से गायब!
प्राचार्यों की बैठक में आया मामला सामने, नये सिरे से होगी खोज
उज्जैन,18 जुलाई (इ खबर टुडे )। स्कूल चलो अभियान पर एक नया मुद्दा खड़ा हो गया है। जिले में इस शिक्षा सत्र में 8वीं पास होकर करीब 20 हजार विद्यार्थी 9वीं में प्रवेशित हैं। उनमें से मात्र 9 हजार 200 विद्यार्थियों ने ही 9वीं में प्रवेश लिया है। शेष 10 हजार 800 विद्यार्थी न तो शासकीय विद्यालयों में और न ही निजी विद्यालयों में पहुंचे हैं। यह मामला प्राचार्यों की बैठक में गुरुवार को सामने आया है। नये सिरे से अब इन विद्यार्थियों की तलाश शुरु होगी।
गुरुवार को शिक्षा विभाग के हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी के प्राचार्यों की बैठक जालसेवा निकेतन में दोपहर 12 बजे से हुई। बैठक में हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी के 153 प्राचार्यों ने भागीदारी की है। इस बैठक में विशेष मुद्दा यह सामने आया कि स्कूल चलो अभियान के तहत विद्यार्थियों को स्कूल ले जाया जा रहा है। जिले में 8वीं कक्षा पास इस वर्ष 20 हजार बच्चों का प्रवेश नई कक्षा में होना था। इसकी अपेक्षा मात्र 9 हजार 200 विद्यार्थियों ने ही 9वीं कक्षा में प्रवेश लिया है। 55 फीसदी से अधिक बच्चों ने 9वीं कक्षा में प्रवेश नहीं लिया है। इस प्रकार करीब 10 हजार 800 विद्यार्थी 8वीं कक्षा के पश्चात ही न तो निजी विद्यालयों में पहुंचे हैं और न ही शासकीय विद्यालयों में। बैठक में यह तर्क भी दिया गया कि इससे अभियान का मतलब क्या निकलेगा? बैठक में चिंता जताते हुए प्राचार्यों के ग्रुप ऐसे सभी करीब 10 हजार 800 विद्यार्थियों के संबंध में जानकारी जुटाएंगे। बैठक में सायकल वितरण की समीक्षा भी की गई। इसमें यह जानकारी दी गई कि जिले में इस सत्र में अब तक 84 लाख 76 हजार रुपये मिले थे। यह राशि 70 स्कूलों में बांटी गई है जबकि जिले को करीब 6 करोड़ रुपये की आवश्यकता बताई जा रही है। बैठक में सभी स्कूलों से पात्रता की सूची अपेक्षित की गई है। पाठयपुस्तक वितरण की समीक्षा भी बैठक में की गई। प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी रमा नाहटे, उत्कृष्ट विद्यालय प्राचार्य अभय तोमर, जिला योजना अधिकारी एन.एस. सोलंकी सहित हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी के प्राचार्य उपस्थित थे।
निगम सभापति ने जनजागरण की अपील की
बैठक में नगर निगम सभापति सोनू गेहलोत भी पहुंचे थे। उन्होंने पर्यावरण के प्रति जनजागरण बढ़ाने और शहर में पोलीथिन के उपयोग पर बंदिश के लिये प्राचार्यों से सहयोग की अपील की। उन्होंने प्राचार्यों से कहा कि प्रतिदिन जागृति के लिये विद्यार्थियों में इसका पाठ पढ़ाया जाये। पोलीथिन के नुकसान के संबंध में विद्यार्थियों को जागृत किया जाये। जिससे कि पर्यावरण प्रदूषण के प्रति जनजागृति लाकर इससे बचा जा सके।