November 16, 2024

रतलाम / शहर में अपना खौफ दिखाने के लिए तीन लोगों की हत्‍या करने और आरोपी की मदद करने के मामले में पुलिसकर्मी समेत 7 आरोपियों को उम्र कैद

रतलाम,19 जुलाई(इ खबर टुडे)। शहर में अपना खौफ दिखाने के लिए करीब पौने आठ वर्ष पहले राजीव नगर मुक्तिधाम के सामने हुई दो भाइयों सहित तीन युवकों की हत्या के बहुचर्चित मामले में न्यायालय ने अभियुक्त अंकित उर्फ जटा, राहुल उर्फ ताई, अंकित राठौर, सुमेरसिंह उर्फ नाना, मनोज उर्फ नेपाल, गोविंदा उर्फ नरेंद्र व उज्जैन जिले के खाचरौद थाने पर पदस्थ तत्कालीन आरक्षक कुलदीप को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

इनमें से तीन अभियुक्तों अंकित उर्फ जटा, राहुल उर्फ ताई व गोविंदा को तीहरे आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया गया है। फैसला अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के विशेष न्यायालय (न्यायाधीश प्रयाग लाल दिनकर) ने सुनाया।

अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी विजयकुमार पारस ने बताया कि 27 वर्षीय दौलत पुत्र खेमचंद्र चावड़ा निवासी राजीवनगर, उसका छोटा भाई 24 वर्षीय आनंद, साथी 25 वर्षीय धर्मेश राठौर उर्फ कालू उर्फ अंडा पुत्र रतनलाल राठौर निवासी इंद्रलोक, फरियादी धर्मेंद्र चावड़ा व दुर्गेश 7 नवंबर 2026 की रात करीब 10.30 बजे मुक्तिधाम के सामने स्थित मंदिर के पास बैठकर सिगरेट पी रहे थे।

तभी अभियुक्त अंकित उर्फ जटा, राहुल उर्फ ताई दो अन्य साथियों के साथ दो बाइकों से पहुंचकर साथ गाली-गलोच करते हुए उनसे कहा था कि यहां कैसे बैठे हो, बड़े तीस मारखां बनते हो। आनंद ने गाली-गलोच करने से मना किया तो अभियुक्त राहुल ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी थी। इसी बीच राहुल के साथी ने आनंद ने पकड़ लिया था तथा अंकित उर्फ जटा ने आनंद पर चाकू से वार किए थे।

दौलत चावड़ा बीच-बचाव करने गया तो उस पर भी चाकू से वार किए गए थे। धर्मेश राठौर व दुर्गेश को अभियुक्तगण मारने के दौड़े तो वे वहां से भागे। तभी चारों अभियुक्तों ने पकड़कर धर्मेश के साथ मारपीट की थी। चाकू के वार व मारपीट से दौलत चावड़ा, आनंद व धर्मेश गंभीर रूप से घायल हो गए थे तथा अभियुक्तगण वहां से बाइकों पर सवार होकर भाग गए थे।

घायलों को जिला अस्पताल ले जाने पर डॉक्टर ने तीनों को मृत घोषित किया था। औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने धर्मेद्र चावड़ा की रिपोर्ट पर अंकित, राहुल व उनके साथियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर विवेचना के बाद न्यायालय में चालान पेश किया था। प्रकरण में शासन की तरफ से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी गोविंदप्रसाद घाटिया, अतिरिक्त जिला लोक अभियोजक विजयकुमार पारस व तत्कालीन विशेष लोक अभियोजक नीरज सक्सेना ने की।

ट्रेन से जाते समय किया था गिरफ्तार
पुलिस ने एक सप्ताह बाद जयपुर-इंदौर इंटरसिटी एक्सप्रेस से कहीं जाते समय अभियुक्त अंकित उर्फ जटा पुत्र राजेश सोलंकी निवासी सज्जन मिल रोड, राहुल उर्फ ताई पुत्र रमेशचंद्र, अंकित राठौर पुत्र मनोहरलाल राठौर, सुमेरसिंह उर्फ नाना पुत्र लालसिंह, गोविंदा उर्फ नरेंद्र पुत्र बहादुर सिंह व आक्षक कुलदीप पुत्र ओमप्रकाश पांचों निवासी जवाहर नगर तथा मनोज उर्फ नेपाल पुत्र सत्यनायारण निवासी काला पत्थर उज्जैन को नागदा रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था।

पूछताछ में उन्होंने बताया था कि वे घटना के बाद फोरलेन पर सालाखेड़ी के आगे पहुंचे थे। कुलदीप उन्हें कार में बैठाकर काला पत्थर क्षेत्र उज्जैन में अपने रिश्तेदार मनोज उर्फ नेपाल पुत्र सत्यानारायण के घर ले गया था। अभियुक्तों में एक नाबालिग लड़का भी शामिल था। उसे 10 फरवरी 2023 को बाल न्यायालय द्वारा तिहरे आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया जा चुका है।

किसे क्या सजा दी
अभियुक्त गोविंदा उर्फ नरेंद्र, राहुल उर्फ ताई व अंकित उर्फ जटा को भादंवि की धारा 302 (तीन शीर्ष में) सहपठित धारा 34 के तहत प्रत्येक शीर्ष के लिए आजीवन कारावास व पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना। धारा 120 ख में तीनों को आजीवन कारावास व पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना। धारा 323 सहपठित धारा 34 में छह-छह माह का कारावास एक-एक हजार रुपये का जुर्माना।

कुलदीप चावंड व मनोज उर्फ नेपाल को भादंवि की धारा 120 ख में आजीवन कारावास व पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना तथा धारा 212 में चार-चार वर्ष का सश्रम कारावास व दो-दो हजार रुपये का जुर्माना। सुमेरसिंह व अंकित राठौर को धारा 120 ख में आजीवन कारावास व पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना।

सभी सजा साथ चलेगी
कुलदीप व मनोज उर्फ नेपाल को को धारा 120 ख में आजावीन कारासाव व 5 हजार रुपये धारा 212 में चार वर्ष, व दो हजार रुपए सुमेरसिंह व अंकित को 120 ख में आजीवन कारावास व पांच हजार रुपये सभी सजा साथ चलेगी।

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