आपातकाल की घटनाओं को नहीं भुलाया जा सकता-श्री कोठारी
वीर सांवरकर मंच ने मीसा बंधुओं का सम्मान किया तथा बच्चों को कॉपियां वितरित की
रतलाम,15 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। वीर सांवरकर मंच द्वारा लोकतंत्र रक्षक (मीसा) बंधुओं का सम्मान समारोह तथा कापियां वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें वित्त आयोग के अध्यक्ष हिम्मत कोठारी ने कहा कि आपातकाल के दौरान जो पीड़ा कार्यकर्ताओं ने भोगी वह तो असहनीय थी ही उनके परिजनों तथा गुप्त रूप से कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं को भी अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसका प्रतिफल भले ही हमें सत्ता के रूप में मिला हो लेकिन इन घटनाओं को हम कभी नहीं भूल सकते। सरस्वती शिशु मंदिर काटजू नगर में आयोजित इस कार्यक्रम में कई मीसा बंधुओं ने अपने संस्मरण सुनाए और आपातकाल की यादों को ताजा किया। श्री कोठारी ने कहा कि हमने आपातकाल में यह सीखा की परिस्थितियों से घबराएं नहीं तभी हम समय और परिस्थितियों से मुकाबला कर सकते हैं। आज की पीढ़ी को भी यही अनुसरण करना चाहिए विशेषकर बच्चों को तभी वह अपने जीवन को स्वर्णिम बना सकते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदीजी और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि सबका साथ और सबको साथ देने के पक्के इरादे से समाज का नवनिर्माण किया जा सकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मालवा प्रान्त के सह व्यवस्था प्रमुख माधव काकानी ने कहा कि संघ जीवन में अनुशासन और संघर्ष की भावना सीखाता है। वहीं इस बात की भी चिंता करता है कि समाज कैसे आगे बढ़े। समाज के विभिन्न क्षेत्रों में संघ से जुड़ी संस्थाएं लोगों को यही संदेश देती है। इससे राष्ट्रभक्ति, सद्भाव व समन्वय को भी मजबूत बनाने में मदद मिलती है। पत्रकार तथा रतलाम जागरूक मंच के संयोजक शरद जोशी ने कहा कि हम समस्याओं से संघर्ष करना सीखें तभी हम समाज की सही तरीके से सेवा कर सकते हैं। समाज के हर क्षेत्र में काम करने वाले लोग आज सम्मान के भागीदार हैं। उनको सम्मान देना हमारार् कत्तव्य है, तभी हम लोगों को सही नेतृत्व दे सकेंगे। उन्होंने वीर सांवरकर मंच के कार्यों की सराहना की और कहा कि प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को भी सफल बनाने में रतलाम जागरूक मंच को सहयोग करें तभी स्वच्छ रतलाम बन सकेगा। भाजपा के जिलाध्यक्ष बजरंग पुरोहित ने भी मीसा के दौरान जेल में व्यतीत अपने अनुभव को सुनाया और कहा कि मीसा बंधुओं का सम्मान प्रशंसनीय कदम है। इनके सम्मान से समाज का सम्मान होता है। क्योंकि स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों के समान ही इन लोगों ने भी काफी पीड़ा भोगी। जिसका असर इनके परिवार पर पड़ा और आज भी इसका अनुभव यह लोग कर रहे हैं। सरस्वती शिशु मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेन्द्र सुरेका ने कहा कि आज यह आयोजन तीन पीढ़ियों के बीच का संदेश दे रहा है। आने वाली पीढ़ी को मीसा बंधुओं द्वारा भोगी गई पीड़ा को अनुभव कराना जरूरी है ताकि उन्हें ज्ञात हो सके कि मीसा बंधुओं को आजाद भारत में भी कितनी पीड़ा भोगनी पड़ी। प्रारम्भ में मंच के अध्यक्ष प्रभु नेका ने मंच द्वारा संचालित गतिविधियों से अवगत कराया और कहा कि वर्षों से यह मंच रचनात्मक गतिविधियों में सक्रिय है। विद्यालय के बच्चों को पुस्तकें वितरित करने के साथ ही समाज के प्रतिभाओं का भी यह मंच सम्मान करता है। इस वर्ष सरस्वती शिशु मंदिर के विद्यार्थियों को कापियां वितरित की जा रही है।