52वें धर्मगुरू की मंशा पर समाजजनों के जीवन स्तर सुधार की बत्रडी कवायद,बोहरा समाज के लोगों के उत्थान के लिए 12 कमेटियां गठित
28 दिसंबर 2018 – सैयदना साहब की 75वीं सालगिरह पर विशेष
उज्जैन ,26 दिसम्बर (इ खबरटुडे/ब्रजेश परमार )। बोहरा समाज के 52वें धर्मगुरू सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब (र.ज.) की मंशा थी कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति व्यक्ति के जीवन स्तर में सुधार आये। इतना ही नहीं वह सामाजिक तथा आर्थिक रूप से इतने सक्षम हो जाये कि समाज के अन्य जरूरतमंद लोगों की मदद कर सकें। उनकी इस मंशा को 53वें धर्मगुरू डॉ. सैयदना आलीकदर मुफद्दल सैफुद्दीन साहब (तउश) पूरा करने जा रहे है। इसके लिए 12 कमेटियों का गठन भी हो चुका है।
बोहरा समाज के 52वें धर्मगुरू सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब की मंशा थी कि बोहरा समाज में प्रत्येक व्यक्ति का सामाजिक और आर्थिक रूप से जीवन स्तर सुधरे। इतना ही नहीं समाज के ऐसे लोग सामाजिक और आर्थिक स्तर पर इतने सक्षम हो जाये कि वे समाज के अन्य जरूरतमंद लोगों की मदद के काबिल बन जाये। उन्होंनें इसके लिए करीब डेत्रढ एक दशक पहले पहल करना भी शुरू कर दिया था। तब उन्होंने अपने 92वें जन्मदिवस के अवसर पर इच्छा जाहिर की थी कि समाजजनों 9200 मकान बने। जिसका असर बोहरा समाज में नज़र भी आने लगा था। इसके अनुरूप शहर के बोहरा बाहुल्य इलाकों में कई मकानों ने मूर्तरूप भी लिया। इतना ही नहीं 52वें धर्मगुरू ने समाजजनों के आवास की व्यवस्था के साथ साथ उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, रहन सहन से लेकर तमाम उन आवश्यकताओं के सुधार को जरूरी बताया था जो किसी भी व्यक्ति के दैनिक जीवन में जरूरी होती है। आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य के अलावा सैयदना साहब चाहते थे कि बोहरा समाजजनों के आन्तरिक मामलों का भी समाज में ही उचित निदान हो। सभी के पास उचित रोजगार हो। इसके माध्यम से उनकी आय इतनी हो जाये कि वे अपना जीवन यापन करने के साथ साथ उसका कुछ हिस्सा समाज के अन्य जरूरतमंद लोगों को देने में सक्षम हो जाये। इसके अतिरिक्त समाज में ही अपने लोगों के कानूनी मसले भी सुलझाने में मदद हो सकें। बोहरा समाज के अलावा समाजजन अन्य समाजों से भी आपसी समन्वय के साथ मिलजुलकर व्यापार व्यवसाय कर सकें। 53वें धर्मगुरू सैयदना आलीकदर मुफद्दल सैफुद्दीन साहब (तउश) ने उनकी इस मंशा को धर्मगुरू का पदभार ग्रहण करते ही अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया था। इसके लिए उन्होंने पिछले चार सालों से ईदमिलादुन्ननबी से लेकर 52वें धर्मगुरू के जन्मदिन तक चालीस के अन्दर ऐसे पांच दिन निर्धारित किये जिसमें सैयदना साहब के परिवार के सदस्यों से लेकर उनके मातहत हर शहर के सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी, समाज के स्कूली विद्यार्थी से लेकर सैयदना साहब के प्रधान कार्यालय के सभी पदाधिकारी देश तथा दुनिया में उन सभी जगह अलग अलग टीमों में पहुंचे जहां सैयदना साहब के अनुयाई निवास करते हैं। उज्जैन शहर में करीब सैयदना साहब ने करीब 30 लोगों की टीम को भेजा था। इनके साथ मिलकर स्थानीय समाजजन और पदाधिकारियों की 200 लोगों की टीम को सर्वे में लगाया गया था।
12 आधार पर हुआ सर्वे, 12 कमेटियां बनाई
बोहरा समाज के मीडिया प्रभारी मोहम्मद मेहदी हुसैन दारूगत्रढ वाला ने बताया कि 52वें धर्मगुरू सैयदना साहब की मंशा थी कि बोहरा समाज का एक-एक व्यक्ति सामाजिक, आर्थिक दृष्टि से सक्षम हो। इसके लिए उन्होंने समाज के जरूरतमंद लोगों के घर जाकर 12 आधार पर सर्वे के लिए कहा था। इसमें दिनी उमर (धार्मिक कार्य), तालिम (शिक्षा), दाखिलिया (आन्तरिक मामले), खारिजा (पब्लिक रिलेशन), अल मलाक़ (वक्फ तथा ट्रस्ट सम्पत्ति के मामले), अल मुअरदलबशरिया (मानव संसाधन), इक्तशादिया (आर्थिक और व्यवसायिक विकास), अलकज़ा (आपसी विवादों का समाधान), अलमराफिक़ बुरहानिया (वेलफेयर के माध्यम से जीवन स्तर सुधार कार्य), मालिया (बजट निर्धारण एवं धन की व्यवस्था), अल सेहत (स्वास्थ्य, खेल एवं सांस्कृतिक गतिविधियां), फैजुलमआवईद बुरहानियां (प्रतिदिन समाजजनों के घर भोजन पहुंचाने की व्यवस्था) शामिल है। इन सभी कार्यों को सर्वे के आधार पर व्यवस्थित रूप से पूर्ण करने के लिए सभी की एक-एक कमेटी का गठन किया गया है। इसमें प्रत्येक कमेटी में 5 से 8 समाजजनों को सदस्य बनाकर उनकी जवाबदारी तय की गई है। प्रत्येक कमेटी के सदस्य समाज के जरूरतमंद लोगों के घर जाते हैं तथा वहां जाकर उक्त सभी आधार पर समाज के व्यक्ति के रहन सहन से लेकर उसके खानपान और घर के हालत पर अपनी रिपोर्ट तैयार करते हैं। इसमें टीम के सदस्य यह भी देखते हैं कि व्यक्ति की आय का स्त्रोत क्या है? अगर उसके पास परिवार चलाने लायक रोजगार या आय के साधन नहीं है तो इसे भी नोट किया जाता है। ताकि आगे जाकर उसे सैयदना साहब की मंशानुरूप उचित रोजगार और आय के साधन की व्यवस्था सामाजिक सहयोग से की जा सकें। समाज के किसी जरूरतमंद व्यक्ति के घर में अगर कोई सदस्य गंभीर बीमारी से पीत्रिडत है तथा उपचार में आर्थिक परेशानी आ रही है तो उसकी व्यवस्था की अनुशंसा भी कमेटी के सदस्य करते हैं। इतना ही नहीं जरूरतमंद परिवार जिस घर में रह रहा है उसका स्ट्रेक्चर भी समिति सदस्यों द्वारा जांचा जाता है। सदस्यों को अगर वहां समाज के व्यक्ति के घर में जरूरत के हिसाब से छोटी मोटी मरम्मत या नये सिरे से निर्माण की आवश्यकता महसूस होती है तो इनकी अनुशंसा भी कमेटी द्वारा की जाती है। कुल मिलाकर समाजजनों के रहने के स्थान से लेकर उसके भोजन, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा से लेकर अन्य सामाजिक मामलों और जरूरतों का सर्वे टीम के सदस्य करते हैं और जिस प्रकार की मदद की दरकार संबंधित व्यक्ति होती है उसकी पूरी रिपोर्ट सैयदना साहब के प्रधान कार्यालय को भेजी जाती है वहां से उचित दिशा निर्देश मिलने के बाद संबंधित व्यक्ति के घर से लेकर जीवन स्तर तक सुधार की कवायद स्थानीय कमेटी के पदाधिकारी मौके पर खत्रडे रहकर शुरू करवाते हैं। इससे बोहरा समाजजनों का जीवन स्तर धीरे धीरे बदलने लगा है तथा वह दिन दूर नहीं जब समाज का एक एक व्यक्ति 52वें धर्मगुरू की कल्पना के मुताबिक न केवल स्वयं आर्थिक और सामाजिक स्तर पर सक्षम बनेगा बल्कि जल्द ही वह इस काबिल हो जायेगा कि वह अपने जैसे समाज के अन्य जरूरतमंद लोगों की मदद कर सकें।