December 26, 2024

सुषमा ने कहा- इमरान इतने उदार हैं तो मसूद को सौंपें, आतंकवाद खत्म करें तभी रिश्ते सुधरेंगे

Sushma-Swara

नई दिल्ली,14 मार्च( ई खबर टुडे) विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक बार फिर पाकिस्तान को फटकार लगाई। सुषमा ने ‘इंडियाज वर्ल्ड: मोदी गवर्नमेंट्स फॉरेन पॉलिसी’ कार्यक्रम में कहा कि इमरान को बहुत बड़ा स्टेट्समैन बताया जा रहा है। लेकिन मैं कहना चाहती हूं कि अगर इमरान वाकई उदार हैं तो मसूद अजहर को हमें सौंप दें। भारत-पाक के रिश्ते उसी शर्त पर सुधर सकते हैं जब वह अपने आतंकियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे और भारत के खिलाफ अपनी धरती से आतंकी गतिविधियां बंद करें।

सुषमा ने कहा– पाक कहता है कि आतंकवाद पर बात होनी चाहिए लेकिनजैश 40 जवानों की हत्या करके चला गया’पाक हर बार अपने आतंकी को लेने से मना करता है,लेकिन आतंकी पाया वहीं जाता है’

सुषमा का सवाल- जब एयर स्ट्राइक में न तो सिविलियन मरे और न ही सैनिक जख्मी हुए तो क्या पाक जैश की तरफ से लड़ने आया?

आतंकवाद और बातचीत साथ नहीं हो सकते’
सुषमा ने कहा कि बातें बहुत बार हो चुकीं और बहुत बार रुक चुकीं। हम साफतौर पर कह चुके हैं कि आतंकवाद और बातचीत साथ नहीं हो सकते। आप (पाक) कहते हैं कि शांति और बातचीत चाहते हैं तो इसके लिए माहौल बनाइए। आप कहते हैं कि आतंकवाद पर बात होनी चाहिए लेकिन आपके यहां का आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पुलवामा में 40 वीर जवानों की हत्या करके चला गया।

विदेश मंत्री ने कहा- पुलवामा हमले के चंद मिनटों बाद जैश ने जिम्मेदारी भी ले ली। आपके विदेश मंत्री कहते हैं कि मसूद अजहर पाक में है। लेकिन वह इतना बीमार है कि घर के बाहर नहीं निकल सकता। चंद दिन बाद पाक के आर्मी प्रवक्ता कहते हैं कि मसूद तो पाक में है ही नहीं। ओसामा बिन लादेन भी आपके यहां नहीं था। कसाब के बारे में पाक कहता है कि कौन कसाब, कैसा कसाब।

सुषमा के मुताबिक- हर बार आप अपने आतंकी को लेने से मना करते हैं, उसे पाक का होने से खारिज करते हैं लेकिन वह पाया वहीं जाता है। बाद में तो पाक का ये बयान भी आया कि जैश ने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली ही नहीं। आप लोग कितना और किस-किस के सामने झूठ बोलेंगे।

उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के बाद हमने 10 दिन इंतजार किया। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी जैश पर कार्रवाई करने बात कही। लेकिन पाक की तरफ से कुछ नहीं हुआ। 26 फरवरी को भारत ने एयर स्ट्राइक की लेकिन इसका मकसद साफ था- कार्रवाई में नागरिकों और सैनिकों की जान नहीं जाएगी। हमने तय कर लिया था कि कार्रवाई वहीं होगी जिस संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। लड़ाकू विमान के पायलटों से कह दिया गया था कि टारगेटेड कैंप पर निशाना लगाने के बाद चले आओ।

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