November 8, 2024

1200 लाईटों से जगमगायेगा क्षिप्रा तट

 सिंहस्थ के लिये 435 एमवीए के ट्रांसफार्मर लगेंगे, 50 जनरेटर सेट, 27 उपकेन्द्र भी

उज्जैन 28 अप्रैल(इ खबरटुडे)।  सिंहस्थ-2016 के लिये क्षिप्रा तट पर बनाये गये सभी घाटों पर रोशनी के लिये 1200 लाईटें लगाई जायेंगी। इस कार्य के लिये ई एण्ड एम द्वारा कार्यवाही की जा रही है। इसी तरह सभी घाटों पर डिजास्टर मैनेजमेंट की कार्यवाही के लिये होमगार्ड द्वारा कार्य योजना बनाई गई है। यह जानकारी सिंहस्थ-2016 के दौरान जल संसाधन विभाग द्वारा की जा रही कार्यों की समीक्षा के दौरान बैठक में दी गई। बैठक मेला अधिकारी अविनाश लवानिया की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
इधर सिंहस्थ-2016 में विद्युत विभाग द्वारा विद्युत सप्लाई के लिये मांग से अधिक कुल 435 एमवीए क्षमता के ट्रांसफार्मर स्थापित किये जा रहे हैं। इससे मेला क्षेत्र एवं शहर में सुचारू एवं निरन्तर विद्युत प्रदान की जा सकेगी। विद्युत मण्डल के कार्यपालन यंत्री श्री गुप्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सिंहस्थ-2016 के लिये विद्युत सप्लाई की व्यापक व्यवस्थाएं विद्युत विभाग द्वारा की जा रही है। प्रमुख स्थानों पर 50 सेट जनरेटर भी स्थापित किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि विद्युत विभाग द्वारा विद्युत सप्लाई हेतु सिंहस्थ-2016 में 22013233 केवी के चार उपकेन्द्रों से विद्युत सप्लाई किया जायेगा। नवीन स्थापित होने वाले पॉवर ट्रांसफार्मरों से कुल क्षमता 435 एमवीए हो जायेगी, जबकि शहर का भार 100 एमवीए एवं मेला क्षेत्र का भार 110 एमवीए आंकलित किया गया है। इस तरह मांग से अधिक क्षमता विकसित करने से यदि कोई उपकेन्द्र कभी फेल भी हो जाता है तो र्दसरे उपकेन्द्र से तुरन्त विद्युत सप्लाई की जा सकेगी। यही नहीं 3311 केवी के 27 उपकेन्द्र उजैन शहर व मेला क्षेत्र को विद्युत प्रदाय करेंगे, जिनकी क्षमता 308 एमवीए है। मेला क्षेत्र में 200 केवी के कुल 400 ट्रांसफार्मर लगाये जायेंगे और 230 किलो मीटर एलटी लाईन खींची जायेगी।
बैठक में उप मेला अधिकारी गोपाल डाड, एस.एस.रावत एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। बैठक में मेला अधिकारी ने जल संसाधन विभाग को निर्देश दिये कि त्रिवेणी घाट पर पानी का फ्लो बराकर बनाये रखने के लिये अधीक्षण यंत्री द्वारा निरीक्षण किया जाये। बैठक में घाटों के निर्माण की गति एवं खान नदी के डायवर्शन कार्य की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया गया। बैठक में निर्देश दिये गये कि सिंहस्थ मेले के दौरान सदावल ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता से अधिक पानी निकलने पर उक्त पानी को खान नदी डायवर्शन पाईप लाईन से जोड़ा जाये। बैठक में जलकुंभी की सफाई तथा गऊघाट से लाल पुल तक बनने वाले नये घाटों का कार्य भी शीघ्र प्रारम्भ करने के निर्देश दिये गये।

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