May 18, 2024

11 अखाड़े आये प्रशासन की सिंहस्थ बैठक में

2 अणि अखाड़ों सहित वैष्णव सम्प्रदाय के संतों ने दिया धरना, कहा अलग करेंगे स्नान

उज्जैन 16 मार्च( इ खबरटुडे / रामचंद्र गिरी)। प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आज सिंहस्थ में आने वाले 13 अखाड़ों के प्रमुखों एवं उनके प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर सिंहस्थ आयोजन की चर्चा कर उनसे सुझाव लिये। प्रभारी मंत्री ने कहा कि सिंहस्थ के लिये सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय पर कर ली जायेगी। उन्होंने कहा कि जनवरी-2016 तक क्षिप्रा नदी के जल को आचमन योग्य बना लिया जायेगा। इसके लिये नर्मदा-क्षिप्रा लिंक, खान डायवर्शन एवं नाला डायवर्शन जैसे कार्य जारी हैं। प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आज महाकाल प्रवचन हॉल में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महन्त श्री नरेन्द्र गिरी एवं महामंत्री महन्त श्री हरि गिरी महाराज की उपस्थिति में विभिन्न 11 अखाड़ों के अध्यक्ष एवं उनके प्रतिनिधियों से विस्तार से चर्चा की।
इधर प्रशासन द्वारा बुलाई गई बैठक प्रवचन हाल में थी। हाल के बाहर मुख्य गेट पर दिगंबर अणी अखाड़े, निर्वाणी अणी अखाड़े के करीब 100 साधु संतों ने सुबह 10 बजे से लेकर 12 बजे तक भजन करते हुए धरना दिया। संतों ने प्रभारी मंत्री से बातचीत में यह तक कहा कि प्रशासन ने भेदभाव किया है। यह संतों का अपमान है। यदि सभी को बुलाया जाता तो संत सुझाव ही देते। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। संतों का अपमान सहन नहीं करेंगे। धरना स्थल पर रामादल अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत डॉ. रामेश्वर दास, भगवानदास, सचिव दिग्विजयदास सहित विभिन्न खालसों के साधु संत मौजूद थे। प्रभारी मंत्री ने बैठक के पहले संतों को मनाने की कोशिश भी की। लेकिन संत बैठक में चलने को राजी नहीं हुए।
प्रभारी मंत्री ने जब विरोध कर रहे संतों से बातचीत की तो संतों ने स्पष्ट कहा कि रामादल संप्रदाय के अखाड़ो का सिहंस्थ क्षेत्र भी अलग है उनके स्नान घाट भी अलग है अत: वैष्णव सप्रदाय अखाड़ों के तीन अणीयों में शामिल 18 अखाड़ो की व्यवस्था प्रशासन अलग से करें। हम स्नान भी अलग ही करेंगे। इधर प्रभारी मंत्री विजयवर्गीय ने पत्रकारों से बातचीत में उठे इस विषय में कहा कि शासन की नजर में सभी संत समान है। हम किसी से भेदभाव नहीें करेंगे। परपंरागत रूप से जिन 13 अखाड़ो के श्री महंतों- सचिवों अथवा उनकी अनुपस्थिति में दो दो प्रतिनिधियों को बैठक में बुलाने की परंपरा का निर्वहन किया गया है। इसी के तहत निमंत्रण भेजे गये थे। संतो के विरोध का दुख उन्हें भी है। लेकिन हम उन्हें मनायेंगे।
वहीं प्रशासन की बैठक में उक्त दोनों पदाधिकारियों के साथ निरंजनी अखाड़ा के सचिव रामनंद पूरी महाराज, महानिर्वाणि अखाड़ा के सचिव प्रकाशपूरी जी महाराज, आनंद अखाड़ा के सचिव शंकरानंदजी महाराज, निर्मोही अणी अखाड़ा के मोहनदास महाराज, श्री महंत मदनमोहन दास महाराज, निरंजनी अखाड़ा नासिक के अध्यक्ष सागरानंद सरस्वती नारायण गिरी महाराज, आहवान अखाड़ा के समुंदरगिरी महाराज, अटल अखाड़ा के उदयगिरी महाराज, बड़ा उदासीन अखाड़ा के अमरदास महाराज सहित अन्य साधु संत मौजूद थे।
इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री जैन, दक्षिण विधायक, सिंहस्थ मेला प्राधिकरण अध्यक्ष दिवाकर नार्त, संभागायुक्त डॉ.रवीन्द्र पस्तोर, आईजी वी.मधुकुमार, कलेक्टर कवीन्द्र कियावत, एसपी एम.एस.वर्मा, मेला अधिकारी अविनाश लवानिया मौर्जद थे। प्रभारी मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि यह पहला अवसर है कि जब सिंहस्थ में इतनी बड़ी तादात में स्थायी प्रकृति के काम उज्जैन में हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि लगभग 1700 करोड़ रूपये के निर्माण कार्य सिंहस्थ हेतु स्वीकृत किये गये हैं। इसके बाद मेला अधिकारी अविनाश लवानिया ने सिंहस्थ कार्यों की जानकारी दी।

साधु-सन्तों ने उपयोगी सुझाव दिये

बैठक में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महन्त नरेन्द्र गिरी महाराज ने कहा कि मेला प्रमुख रूप से अखाड़ों का है। उन्होंने मेला क्षेत्र से अतिमण हटाने, मेला अवधि में अच्छे शौचालयों का निर्माण करने, सीवर लाईन व्यवस्थित करने तथा अखाड़ों में स्थायी प्रकृति के निर्माण करवाने की बात रखी। साथ ही उन्होंने सिंहस्थ अवधि में कत्लखाने बन्द रखने की मांग रखी। इसी तरह अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महन्त श्री हरि गिरी महाराज ने भी अखाड़ों के लिये आवश्यक सुविधाएं विकसित करने एवं सिंहस्थ में श्रध्दालुओं से सम्मानजनक व्यवहार करने, उनके आवागमन की सुविधा विकसित करने की बात कही। बैठक में सभी प्रमुख अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने भी अपनी-अपनी बात रखी।

धार्मिक नगरी पर सिर्फ सिहंस्थ का आश्वासन

साधु संतों ने बैठक के दौरान उज्जैन को पूर्णत: धार्मिक नगरी घोषित करने तथा धार्मिक क्षेत्र में अण्डा, मांस, शराब आदि विक्रय प्रतिबंधित करने की मांग रखते हुए उदाहरण दिया कि उत्तरप्रदेश में प्रभारी मंत्री मुस्लिम होने के बाद भी उन्होेंने बूचड़खाने बंद करवा दिये तो फिर उज्जैन में यह क्यों नहीं हो सकता। प्रभारी मंत्री ने कहा कि अगली बैठक में इस संबंध में बात करने लेंगे लेकिन पिछले सिहंस्थ में पूरे माह तोपखाना में मुस्लिम लोगों ने अण्डा मांस विक्रय बंद रखा। इस बार भी उनसे बात कर लेंगे।

 अतिक्रमण पर अंकुश नहीं

निरंजनी अखाड़ा के सचिव रामानंदपूरी महाराज ने कहा कि दिनोंदिन सिहंस्थ क्षेत्र अतिक्रमण बड़ रहे है। प्रशासन अंकुश नहीं लगा पा रहा है यदि ऐसे निर्माण चलते रहे तो सिहंस्थ कहा होगा। उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र में तो कुंभ क्षेत्र की भूमि पर निर्माण पूरी तरह कानूनन प्रतिबंधित है और वहां निर्माण भी नहीं होते फिर यहां कानून की सख्ती क्यों नहीं।

 सिहंस्थ प्राधिकरण अध्यक्ष को अधिकार दो

अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरिगिरी ने कहा कि जब सिहंस्थ प्राधिकरण अध्यक्ष हे तो उन्हें अधिकार दिये जाने चाहिये कि ताकि छोटे मोटे कार्य की स्वीकृति वे ही कर सके। ज्ञातव्य है कि अध्यक्ष दीवाकर नातू को अभी तक शासन स्तर पर र्कोई अधिकार नहीं दिये गये हैं। कईं बार मीडिया में यह मामला गर्माया है।

हर अखाड़े व कैम्प से जुड़े सीवर लाईन

संतो महंतों ने कहा कि पिछले सिहंस्थ में हर अखाड़े में शौचालय की परेशानी खड़ी हो गई थी तथा सीवर लाईन न होने से बेहद बदबू तथा अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा था। सभी अखाड़ो व महामण्डलेश्वरों के कैम्प से सीवर लाईन जोड़ी जाये। यदि सीवर लाईन नहीं बनाई गई है तो सीवर लाईन का कार्य शुरू कराया जाये।

खटास मिटनी चाहिये

प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बैठक के अंत में सभी 11 अखाड़ों के प्रमुखों को साष्टांग प्रणाम करते हुए कहा कि बाहर बैरागी अखाडों के साधु विरोध स्वरूप धरने पर बैठे थे। अच्छा नहीें लगा। आप के मत मतांतर के दो पाटों में हम न पीस जाये। करबध्द निवेदन है कि सामजंस्य बैठाए। संतों ने आश्वस्त किया कि बातचीत कर ली जायेगी।

प्रत्येक 3 माह में बैठक होगी

साधु-सन्तों से चर्चा के बाद प्रभारी मंत्री ने कहा कि सन्तों के साथ प्रत्येक तीन माह में बैठक आयोजित होगी तथा सन्तों का मेला क्षेत्र का भ्रमण करवा कर उनसे सुझाव लिये जायेंगे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं सन्तों ने उनकी ओर से र्पर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

 90 करोड़ से इंदौर का प्रदूषण हटेगा

इंदौर से खान नदी का जो गंदा पानी आ रहा है उसे रोकने के लिये 90 करोड़ रूपये की कार्ययोजन के बारे में प्रभारी मंत्री ने कहा कि दिसंबर 2015 तक यह कार्य हो जायेगा। इसी प्रकार उज्जैन में क्षिप्रा में जो गंदे नाले मिल रहे हैं उसके लिये करीब 6 करोड़ रूपये की कार्य योजना है और दिसंबर 2015 तक भी यह कार्य हो जायेगा।

अखाड़ों में होगी बैंकिंग

अखाड़ा परिषद के नव निर्वाचित महामंत्री हरिगिरी महाराज ने प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से कहा कि भोजन भण्डारे और समष्टी भोज के दौरान लाखों रूपये की जरूरत पड़ती है और शहर से अखाड़्े तक रूपया लाना तथा बैंक में जमा कराना खतरे से खाली नहीें है अत: बैंकिंग सुविधा अखाड़ों में की जाये। इस पर प्रभारी मंत्री ने आश्वस्त किया कि बैंक मैनेजर खुद अखाड़े में आकर लेनदेन जैसी सुविधा उपलब्ध करायेंगे। आप निश्चिंत रहे।

गर्मी और आग से बचाव

बैठक में महंत हरिगिरी ने कहा कि उज्जैन सिहंस्थ में गर्मी तथा आग का प्रभाव रहता है। टेन्ट में पंखा, कूलर अथवा टीन शेड में व्यवस्था बहुत पैचीदगीभरी होती है। अत: हर अखाड़ा कैम्प में 20#40 आकार के पक्के शेड बनाकर दें। साथ ही हर अखाड़ा कैम्प में पानी की पक्की टंकी की व्यवस्था की जाये।

 दोगुनी चाहिये जमीन

बैठक में संतों ने कहा कि आबादी के मान से भक्तों की संख्या भी बढ़ी है तथा साधु संतों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। पिछले सिहंस्थ के मान से अब साधु संताेंं के कैम्प, महामण्डलेश्वर कैॅम्प को दोगुनी जमीन चाहिये। शासन इसकी व्यवस्था करें। प्रभारी मंत्री ने कहा वर्ष 2004 की तुलना में इस बार दोगुना क्षेत्रफल सिहंस्थ के लिये आरक्षित किया गया है। जितनी जमीन चाहिये हम देंगे।

 शहर के बाहर जाना चाहते हैं अखाड़े

बैठक में अखाड़ा परिषद के नवनिर्वाचित अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी महाराज व महामंत्री हरिगिरी महाराज ने कहा कि जूना अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा सहित अन्य अखाड़े शहर से बाहर रूकना चाहते हैं उनके प्रस्ताव अनुरूप शहर के बाहर जमीन उपलब्ध कराने की व्यवस्था शासन करें।

 प्रभारी मंत्री बोले, कान पकड़ लेना महाराज

प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सिहंस्थ में अच्छी व्यवस्था देने का भरोसा दिलाते हुए यहां तक कहा कि मैं आपसे कभी भी मंत्री की हेसियत से या मंत्री के भाव से नहीं मिलूंगा बल्कि सेवक के रूप में आपके बीच रहुंगा। कहीं कोई कमी रह जाये तो आप मैरे कान भी पकड़ सकते हैं यह अधिकार आपको हैं।

 दो माह पहले नर्मदा से प्रवाहमान होगी क्षिप्रा

प्रभारी मंत्री ने क्षिप्रा की दुर्दशा तथा जल के रूकाव पर संतों की चिंता के प्रति आश्वस्त कराते हुए कहा कि 400 करोड़ रूपये की नर्मदा- क्षिप्रा लिंक योजना का कार्य पूर्ण हो चुका है और सिहंस्थ के दो माह पूर्व से लगातार नर्मदा का पानी क्षिप्रा में प्रवाहित होगा। पानी के रूकाव अथवा गंदगी जैसी स्थिति नहीं बचेगी।

 हर मेला सेक्टर में एक अस्पताल

संतो द्वारा स्वास्थ्य संबंधी मुद्दा उठाने तथा उपचार के लिये जिला चिकित्सालय तक पहुंचने में भीड़ के कारण होने वाली परेशानी के प्रति विचार प्रस्तुत करने पर प्रभारी मंत्री ने आश्वस्त किया कि 400 बिस्तर का अस्पताल तो शहर में बन ही रहा है साथ ही सिहंस्थ मेला क्षेत्र के प्रत्येक सेक्टर में एक एक अस्पताल ऐसा बनाया जायेगा जिसमें ऑपरेशन की सुविधा भी हो।

क्षिप्रा, महाकाल और माता का पूजन करें

संतों ने कहा कि सिहंस्थ के आगाज से पहले प्रशासन क्षिप्रा मैय्या, महाकालेश्वर तथा हरसिध्दि माता जैसे मंदिरों में पूजन कराये। प्रभारी मंत्री ने कहा कि वे स्वयं प्रत्येक मंदिर में सपत्निक पहुंचकर देवी देवताओं को मनाते हैं। ज्ञातव्य है कि पिछले सिहंस्थ में नगर पूजा न होने से शुरूआत में ही आधा दर्जन स्थानों पर आगजनी हुई थी। बाद में प्रशासन ने नगर पूजा कराई थी। तब जाकर अगि्काण्ड जैसे हादसे बंद हुए थे।

 वैष्णव अखाड़ों को भी पूरी जमीन मिले

अखाड़ा परिषद की और से दोनों पदाधिकारियों ने एक स्वर में कहा कि वैष्णव अखाड़े भी हमारे अपने साथी भी है और इनके लिये बकायदा पूरी जमीन का इंतजाम किया जाये। अखाड़ों के पास राशन दुकान सहित लेटबाथ की व्यवस्था भी प्रशासन करें।

 बैठक में पहुंचे निर्मोही अखाड़े के श्री महंत

शनिवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के संपन्न हुए इस चुनाव में जैसा कि कहा जा रहा था कि 13 अखाड़ों की सहमति से चुनाव हुए हैं। उसी कड़ी में रविवार को शासन और प्रशासन के साथ हुई बैठक में निर्मोही अणी अखाड़े के श्री महंत मोहनदास महाराज भी पहुंचे और उन्होंने बैठक में अपने विचार रखे और कहा कि साधु संतों के विवाद पानी में लट्ठ मारने जैसे होते हैं। हर सिहंस्थ में छोटे मोटे विवाद होते हैं। पर सभी अखाड़े आपसी सामांस्य बैठाकर कुंभ पर्व संपन्न कराते हैं।

रूठे संतों को मनाने पहुंचे प्रभारी मंत्री

रविवार को सिहंस्थ मेला प्राधिकरण द्वारा आयोजित बैठक में शामिल नहीं होने वाले रामादल अखाड़ा परिषद के नाराज संतों को मनाने जिले के प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अधिकारियों के साथ खाकी अखाड़े पहुंचे और संतों के साथ एक घंटे तक चर्चा की। वहीं उन्होंने सिहंस्थ के मद्देनजर हो रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया।
खाकचौक स्थित खाकी अखाड़ा में महंत भगवानदास, रामेश्वरदास, दिग्विजयदास सहित अन्य संतों से चर्चा के लिये पहुंचे प्रभारी मंत्री का सभी संतों ने स्वागत किया और बैठक में उन्हें अपनी नाराजगी बताते हुए कहा कि रामादल अखाड़ा परिषद ने मेला कार्यालय को जो सुझाव दिये उन सुझावों को माना नहीं जा रहा है। वहीं अखाड़ों में होने वाले निर्माण कार्यों की लगातार अनदेखी की जा रही है। बैठक में मौजूद संभागायुक्त डॉ. रविन्द्र पस्तोर ने संतों को जानकारी दी कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इसी माह एक बैठक होना है जिसमें अखाड़ों में होने वाले कार्यों को फायनल कर कार्य शुरू कर दिये जायेंगे। महंत रामेश्वरदास, भगवानदास और दिग्विजयदास ने कहा कि प्रशासन को स्थानीय रामादल अखाड़ा परिषद के साथ समन्वय बैठाकर ही सिहंस्थ संपन्न करना होगा। बैठक में मौजूद विधायक डॉ. मोहन यादव ने सभी संतों का पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया। यहां मेला अधिकारी अविनाश लवानिया ने दिगंबर, निर्मोही और निर्वाणी अखाड़े से जुड़े संतों को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा जो सुझाव और कार्य बताये गये हैं उनका शिघ्रता से पालन करने के लिये कार्ययोजना बनाई जा रही है वहीं खाकचौक के विकास को लेकर डीपीआर तैयार हो गई है।

 चारधाम के साथ ही बड़ा उदासीन और जूना पहुंचे प्रभारी मंत्री

सिहंस्थ निर्माण कार्यों का अवलोकन करने के बाद प्रभारी मंत्री ने चारधाम मंदिर पहुंचकर महामण्डलेश्वर शांति स्वरूपानंद महाराज के साथ ही वहां मौजूद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत नरेन्द्र गिरी महाराज से चर्चा की। इसके बाद प्रभारी मंत्री बड़ा उदासीन अखाड़े में संतों से मिले। यहां से वे जूना अखाड़ा पहुंचे और पीर जी के साथ ही अन्य संतों से सिहंस्थ को लेकर चर्चा की।

 प्रभारी मंत्री ने सिंहस्थ कार्यों का अवलोकन किया

प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बैठक के पश्चात् मंगलनाथ के समीप नवनिर्मित पुल का अवलोकन किया। इस अवसर पर लोक निर्माण सेतु की कार्यपालन यंत्री शोभा खन्ना ने पुल के बारे में विस्तार से जानकारी दी। तत्पश्चात् प्रभारी मंत्री ने जिला अस्पताल परिसर में निमार्णाधीन 450 बिस्तरीय अस्पताल भवन का अवलोकन किया।

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