November 19, 2024

10 हजार के करीब कावड़ यात्री त्रिवेणी संगम से पैदल यात्रा कर पहुंचे महाकाल

समर्पण कावड़ यात्रा में उमड़ा श्रध्दा का सैलाब
उज्जैन 23 जुलाई(इ खबरटुडे)। जय भोले के जयकारे लगाते हुए, कांधे पर कावड़ उठाये करीब 10 हजार श्रध्दालु समर्पण कावड़ यात्रा में शुक्रवार सुबह त्रिवेणी संगम से निकले। श्रध्दा का सैलाब शहर की विभिन्न सड़कों से होता हुआ महाकाल मंदिर पहुंचा जहां महर्षि उत्तम स्वामीजी के सानिध्य में बाबा महाकाल का जलाभिषेक हुआ।

यात्रा संयोजक राम भागवत के अनुसार शुक्रवार सुबह 10 बजे 7वीं समर्पण कावड़ यात्रा त्रिवेणी संगम से प्रारंभ हुई। यात्रा नानाखेड़ा, सिंधी काॅलोनी, टाॅवर चैक, चामुंडा माता, मालीपुरा, फव्वारा चैक, कंठाल, गोपाल मंदिर, गुदरी होते हुए महाकाल मंदिर पहुंची। रास्ते में 50 से अधिक सामाजिक एवं व्यापारिक संगठनों द्वारा बनाये गये मंचों से कावड़ यात्रियों पर पुष्पवर्षा की गई। यात्रा मार्ग पर यात्रियों के लिए जलपान की व्यवस्था भी की गई थी। यात्रा में समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष तपन भौमिक, अनिल जैन कालूहेड़ा, ओम जैन, राम भागवत, विजय जायसवाल, राकेश अग्रवाल, कृष्णा भागवत, बब्बू कटियार, बनवारीलाल ठाकुर, मुकेश खंडेलवाल, सतीश लश्करी, गिरीश जायसवाल, दिनेशसिंह जादौन, प्रकाश शर्मा, संजयसिंह सिसौदिया, तुषार पंवार, प्रवीण भागवत, राजश्री जोशी, शैलेद्र शर्मा, शोभाराम मालवीय, बंटी सोनगरा, अर्जुनसिंह रघुवंशी, शैलेन्द्र शर्मा, अशोक गेहलोत आदि शामिल हुए।
महाकाल मंदिर में दान में आए पात्रों का उपयोग हो- पं. अशोक शर्मा
महाकाल मंदिर में गत दिवस आंध्रप्रदेश के तुषार पोपट व रजनीकांत पोपट ने एक चांदी का छत्र व त्रिपुंड भेंट किया था। यह अभी तक मंदिर समिति के पास ही है। वर्तमान में गर्भगृह में जो छत्र व त्रिपुंड का उपयोग किया जा रहा है, वह पुराना है। पं. अशोक शर्मा ने माँग की है कि जब दान में नए छत्र व त्रिपुंड मिल गए हैं तो उसका सदुपयोग किया जाएगा।

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