ह्वदय रोग, केंसर, किडनी रोग हेतु 85 हितग्राहियों को 93 लाख रूपयें की स्वीकृतियॉ
जिला एवं राज्य बिमारी सहायता अंतर्गत 20 बिमारियों का किया जाता हैं उपचार
रतलाम 31 मार्च(इ खबरटुडे)।स्वास्थ्य विभाग जिला रतलाम में जिला/राज्य बिमारी सहायता निधि अंतर्गत वर्ष 2015-16 में प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में कलेक्टर द्वारा 85 बीपीएल मरीजों को उपचार हेतु 93 लाख 98 हजार पॉच सौ रूपये की सहायता राशि स्वीकृत की गई है। इसमें ह्वदय रोग, केंसर, किडनी रोग आदि जैसी गम्भीर बिमारियों के सर्जीकल उपचार हेतु सहायता राशि स्वीकृत की गई है।
इस योजना में बीपीएल परिवार के सदस्यों को जिला स्तर से दो लाख रूपये तक की उपचार हेतु सहायता राशि स्वीकृत की जाकर संबंधित अस्पताल को भेजी जाती है। योजना में मरीजों को नगद राशि का भुगतान नहीं किया जाता है। बिमारी से ग्रसित हितग्राही को बीपीएल का प्रमाणिकरण, चिन्हित अस्पताल का एस्टीमेट, चिन्हित बिमारी, सिविल सर्जन का प्रमाण पत्र एवं आवेदक की फोटो सहित निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होता हैं। हितग्राही को आवेदन पत्र के साथ बीपीएल प्रमाणिकरण ग्रामीण क्षेत्र के लिये मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, शहरी क्षेत्र में निगम आयुक्त अथवा उनके द्वारा नामांकित अधिकारी एवं नगर परिषद के लिये नगर पालिक अधिकारी द्वारा प्रमाणिकरण होना आवश्यक हैं। साथ ही बिमारी से ग्रसित व्यक्ति को ईलाज पूर्व शासकीय मेडिकल कॉलेज समस्त सहित विभिन्न चिन्हित प्राईवेट अस्पतालों से एस्टीमेट लेना अनिवार्य है।
योजना में 20 बिमारियों का किया जाता हैं उपचार
जिला एवं राज्य बिमारी सहायता अंतर्गत 20 प्रकार की बिमारियो का ईलाज किया जाता है। जिसमें केंसर रोग, कार्डिक सर्जरी, गुर्दा प्रत्यारोपण, घुटना बदलना, कूल्हा बदलना, थोरोसिक सर्जरी, सिर की चोटे, स्पाइनल सर्जरी, रेटिनल डिटेचमेंट, प्रस्वोत्तर जटिलतायें, ब्रेन सर्जरी, न्यूरोज सर्जरी, एम.डी.आर,पेस मैकर, बेसकूलर सर्जरी, कंजेनेण्टल मेलफार्ममेंशन, एप्लास्टिक एनीमिया, बर्न एण्ड पोस्ट बर्न कन्डक्टर, क्रानिक रीनल डिसिसेज एवं स्वाईन फ्लू आदि चिन्हित है।
गठित समिति द्वारा होता हैं हितग्राही का प्रकरण स्वीकृत
हितग्राही द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र को जिला स्तरीय समिति के सदस्यों के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। समिति में जिले के प्रभारी मंत्री अध्यक्ष, कलेक्टर सदस्य, सिविल सर्जन सदस्य, अध्यक्ष द्वारा नामांकित तीन अशासकीय सदस्य, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सदस्य सचिव है। उल्लेखनिय हैं कि योजना में उपचार पूर्व ही सहायता राशि स्वीकृत की जाती है। उपचार कराने के पश्चात कोई भी क्लेम स्वीकार योग्य नहीं है। किसी भी स्थिति में रोगी को सीधे राशि नहीं दी जाती है।