सर्वे भवन्तु सुखिनः में ही निहित है हिन्दू समाज का चिंतन-स्वामी नर्मदानंद जी
रतलाम,20 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। हिन्दू समाज एक रहे इसकी चिंता और चिंतन सर्वे भवन्तु सुखिनः में ही निहित है , हिन्दू समाज में जिसदिन अपने अपने जातिगत द्वेष से ऊपर उठकर सामाजिक समरसता स्थापित हो गयी , उस दिन सारी समस्याओं के अंत की शुरुआत हो जायेगी । इसलिए हिन्दू हिन्दू एक रहे भेदभाव को न सहे ।
भारत को बचाने के पहले कुटुम्ब अर्थात् परिवार को बचाने की आवश्यकता है-बलराज भट्ट
उपरोक्त विचार नित्यानंद आश्रम के प्रमुख स्वामी नर्मदानंद जी ने रतलाम में आयोजित सामाजिक समरसता सम्मलेन में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये । सामाजिक सदभाव समिति द्वारा आयोजित समरसता सम्मेलन के मुख्य वक्ता बलराज भट्ट ने अपने उदबोधन में आज के भारत और भविष्य के भारत की स्तिथि का आकलन करते हुए कहा कि भारत को बचाने के पहले कुटुम्ब अर्थात् परिवार को बचाने की आवश्यकता है क्योंकि परिवार के बिना भारत अपूर्ण एवम् असुरक्षित है ।
घर में माँ बेटी और पिता पुत्र में संवाद नहीं होगा तो परिवार कैसे रहेगा
आज पश्चिम में परिवार व्यवस्था पर शोध हो रहे है और भारत में पश्चिम का अंधानुकरण हो रहा है । तभी आज के विद्यार्थी एकाकीपन का शिकार होकर आत्महत्या कर रहे है , उन्हें समझाने एवम् समझने वाले घर में बुजुर्ग मौजूद ही नहीं है । घर में माँ बेटी और पिता पुत्र में संवाद नहीं होगा तो परिवार कैसे रहेगा ।भाषायी पतन से सम्बोधन और संबंधो में भाव ही समाप्त हो गए है तो आदर और प्रेम कैसे शेष रहेगा , इसलिए घर में जनसांख्यिक असंतुलन को दूर कर दादा दादी , काका काकी , भुआ के संबंधो को उत्पन्न करे और हिन्दू शुभ चिन्हों को घरो में स्थापित करे , जिससे हम भविष्य के भारत को सुरक्षित रख सके ।
सम्मेलन के प्रारम्भ में अतिथियों द्वारा भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण एवम् दीप प्रज्ज्वलन किया गया । अतिथियों का स्वागत सद्भावना समिति के जिला प्रमुख दिलीप आप्टे और नगर प्रमुख शेलेन्द्र सिंह राठौर ने किया । एकल गीत का गायन सुहास चितले ने किया और मंत्रोच्चारण विनय मोघे ने किया । कार्यक्रम का संचालन सतीश जोशी और आभार जितेंद्र कुमावत ने किया । इस अवसर पर नगर के 56 समाजो के प्रतिनिधि परिवार सहित उपस्थित थे ।