स्वच्छता में अग्रणी 110 साल की वृद्धा का सम्मान
सम्मान और स्वभिमान की रक्षा के लिए शौचालय का निर्माण कराना चाहिए
महासमुंद 10,मई(इ खबरटुडे)। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बागबाहरा ब्लॉक के मुनगासेर को खुले में शौचमुक्त गांव बनाने में अग्रणी भूमिका निभाने वाली 110 वर्षीय वृद्धा रुखमणी बाई तथा बसना के ग्राम बड़ेडाबा की जामबाई को सम्मानित करते हुए उनकी सराहना की।
गौरतलब है कि मुनगासेर की रुखमणी बाई ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत कार्यक्रम से प्रेरित होकर न सिर्फ अपने घर में शौचालय का निर्माण किया, बल्कि पूरे ग्राम पंचायत के लोगों को स्वच्छता की सीख देते हुए उन्हें अपने-अपने घरों में शौचालय का निर्माण एवं उसका उपयोग करने की प्रेरणा दी।
शौचालय का निर्माण परिवार के सम्मान और स्वभिमान के लिए जरूरी
रुखमणी बाई ने शौचालय निर्माण के लिए शासन से मिलने वाली 12 हजार रुपए के प्रोत्साहन राशि यह कहकर लेने से इनकार कर दिया कि शौचालय का निर्माण उसके परिवार के सम्मान और स्वभिमान के लिए जरूरी था। रुखमणी बाई का कहना है कि प्रत्येक परिवार को अपनी आवश्यकताओं में कुछ कटौती कर राशि बचाना चाहिए और अपने माता एवं बहनों की सम्मान और स्वभिमान की रक्षा के लिए शौचालय का निर्माण कराना चाहिए।
जिले के 74 गांव खुले में शौचमुक्त
स्वच्छता की दूत जामबाई भी मुख्यमंत्री के हाथों सम्मानित होकर बेहद प्रफुल्लित थी। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने स्वच्छता के दूत एवं केलवारडबरी के कोटवार आनंद राम चौहान, तेंदूकोना के पं। भागीरथी दुबे को भी सम्मनित किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने महासमुंद जिले में स्वच्छ भारत कार्यक्रम के तहत लोगों को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले स्वच्छता दूतों को सम्मनित किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि महासमुंद जिले में स्वच्छता बयार तेजी से बह रही है। जिले के ग्रामीणजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत कार्यक्रम से प्रेरित होकर अपने गांव और घर को साफ-सुथरा तथा खुले में शौचमुक्त गांव बनाने के लिए स्वस्फूर्त रूप से भागीदारी निभाने लगे हैं। जिले के 74 गांव खुले में शौचमुक्त हो चुके हैं। ग्रामीणजन अपने घरों में शौचालय का निर्माण स्वयं की राशि से कराने लगे हैं।
उल्लेखनीय है कि महासमुंद जिले के कुल 1142 गांव में से 930 गांव के लोगों ने अपने गांव को खुले में शौचमुक्त ग्राम बनाने का संकल्प लेते हुए स्वयं की राशि अपने-अपने घरों में शौचालय का निर्माण कराना शुरू कर दिया है।