स्मार्ट गांव करेंगे सिंहस्थ के श्रद्धालुओं का स्वागत-डॉ.रवीन्द्र पस्तोर
उज्जैन 30 सितम्बर(इ खबरटुडे)। संभागायुक्त डॉ.रवीन्द्र पस्तोर ने कहा कि सिंहस्थ के दौरान उज्जैन आने वाले प्रमुख छह मार्गों से लगभग पाँच करोड़ श्रद्धालु उज्जैन आयेंगे। इन मार्गों में पड़ने वाले ग्रामों को स्मार्ट बनाया जायेगा, जो सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं का वहां ऐसा स्वागत करेंगे, कि सिंहस्थ पर्व उनके लिये अविस्मरणीय अनुभव बन जाये। इन ग्रामों में आगन्तुकों के लिये सभी आवश्यक सुविधाएं उत्कृष्ट रूप से उपलब्ध करवाई जायेंगी।
स्मार्ट विलेज की अवधारणा
गांवों के सभी घर एक रंग के होंगे
वर्ष 2016 में उज्जैन में सिंहस्थ पर्व के आयोजन के अवसर पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं का आगमन सड़क मार्ग से होगा। उज्जैन शहर में प्रवेश करने वाली मुख्य छह सड़कों के किनारे बसे ग्रामों के विकास के आधार पर उज्जैन जिले एवं प्रदेश के ग्रामीण विकास की छवि राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित होगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा उज्जैन एवं इन्दौर संभाग के कुल 357 ग्रामों का चयन स्मार्ट विलेज-स्मार्ट पंचायत योजना अन्तर्गत किया गया है। इसमें उज्जैन जिले के 67, मंदसौर जिले के 67, नीमच के 32, रतलाम के 73, देवास के 37, शाजापुर के 13, आगर-मालवा के 16, धार के 19, झाबुआ के 33 ग्राम शामिल हैं।
स्मार्ट विलेज की अवधारण यह है कि शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के अधीन ये ग्राम स्वयं ऐसा विकास करें, जिससे इन्हें स्मार्ट विलेज के रूप में पहचान मिले। इसमें प्रमुख रूप से अधोसंरचना का विकास, स्कूल भवन, आंगनवाड़ी, पंचायत भवन, यात्री प्रतीक्षालय, उप स्वास्थ्य केन्द्र, शान्तिधाम, खेल मैदान, गोडाऊन का निर्माण, पेयजल, नल जल योजना, ग्राम की आन्तरिक सड़कों का सीसी रोड निर्माण, ठोस-तरल अपशिष्ट प्रबंधन, वृक्षारोपण, ग्राम पंचायत में हाट बाजार का निर्माण, उचित मूल्य की दुकान शामिल है। गांवों के सभी घर पक्के बनाने के लिये मुख्यमंत्री आवास मिशन योजना का क्रियान्वयन, इंटरनेट एवं संचार व्यवस्था को पुख्ता करते हुए यथासंभव वाईफाई किया जाना, सभी ग्रामों में सुन्दर साईन बोर्ड एवं माइल स्टोन लगाना आदि शामिल है। सभी ग्रामों के समस्त आवासों की एक रंग से पुताई की जाना एवं स्ट्रीट लाइट की पर्याप्त व्यवस्था करना प्रमुख उद्देश्य है।
ये होंगे उज्जैन जिले के स्मार्ट विलेज
ग्राम नलवा, चन्दूखेड़ी, डेंडिया, निनोरा, रामवासा, पंथपिपलई, ढाबला रेहवारी, चन्देसरा, चन्देसरी, दताना, मताना, नरवर, पालखंदा, चिन्तामन जवासिया, पिंगलेश्वर, धतरावदा, लालपुर, पिपल्याराघौ, छायन, करोहन, पालखेड़ी, करोंदिया, बामोरा, गोंदिया, बदरखां बैरसिया, उंडासा, एहमद नगर खिलचीपुर, पिपलई, निपानिया, नजरपुर, घट्टिया, सोडंग, रूई, गुड़ा, अंबोदिया, जैथल, कालियादेह, गोयला बुजुर्ग, पाट, झलारा, ढाबलाहर्दू, नैनावद, बंजारी, कायथा, खड़ोतिया, चिकली, इंगोरिया, सरसाना, धुरेरी, मौलाना, रूनिजा, खरसोद, जस्ताखेड़ी, घोंसला, महिदपुर रोड, डेलची बुजुर्ग, खेड़ा खजुरिया, राघवी, ढाबला, मुंडलीदोत्रु, ढाबलीकम्मा, भीमाखेड़ा, भगतपुरी, बिरियाखेड़ी, बेड़ावन्या, लेकोड़ा, घिनौदा शामिल हैं। कार्यशाला का संचालन डॉ.संदीप नाडकर्णी ने किया।
सांसद निधि से 36 गांवों में 47 लाख से अधिक के वाटर टैंकर स्वीकृत
सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना अन्तर्गत जिले के 36 गांवों में दोपहिया वाटर टैंकर्स के लिये 47 लाख 43 हजार रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। सांसद डॉ.चिन्तामणि मालवीय की अनुशंसा पर ये स्वीकृति जारी की गई है। प्रत्येक वाटर टैंकर की क्षमता पाँच हजार लीटर रहेगी।
जिन गांवों में वाटर टैंकर स्वीकृत किये गये हैं, उनमें नरेड़ीपाता, सकतखेड़ी, बोरखेड़ा पित्रामल, बरलई, ढाबलासिया, भीमाखेड़ा, काचरिया, ढाबलीकम्मा, रणायरापीर, पानखेड़ी, चंबल पाड़ल्या, पिपल्या डाबी, खोकरी, मालीखेड़ी, करोंदिया, खेड़ा चितावल्या, विनायगा, पिपल्याहामा, खजुरिया सदर, गुराड़िया गुर्जर, मीण, बिरमखेड़ी, नौगावां, सुवास, कायथा, खंबूखेड़ी, रामड़ी, लसुड़िया हमीर, तोबरीखेड़ा, बनबनी, माकड़ोन, बांसखेड़ी, नायाखेड़ी, कंडारिया, सुरजनवासा तथा दाऊदखेड़ी सम्मिलित हैं।