स्थानीय सरकारों का दायित्व मूलभूत सुविधाएं प्रदान करना है-हिम्मत कोठारी
रतलाम 12 फरवरी,(इ खबरटुडे)।मध्यप्रदेश राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष हिम्मत कोठारी ने आज वित्त आयोग अन्य सदस्यों के साथ रतलाम में स्थानीय निकायों की बैठक ली। बैठक में उन्होंने स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्थानीय सरकारों का प्राथमिक दायित्व है कि वह नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए।
सुविधाओं को उपलब्ध कराने में आवश्यक राशि के लिए अन्य मदों के अतिरिक्त स्थानीय स्तर पर आय अर्जित करने हेतु बगैर किसी हिचकिचाहट के निर्णय लें। बैठक में स्थानीय प्रतिनिधियों को उनके अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति सचेत किया गया। बैठक में उपस्थित प्रतिनिधियों से उनके सुझाव आमंत्रित किए गए एवं आश्वस्त किया गया कि अच्छे सुझाावों को आयोग द्वारा सरकार तक पहुंचाया जाएगा।
बैठक को संबोधित करते हुए आयोग के अध्यक्ष हिम्मत कोठारी ने कहा कि स्थानीय सरकारें भी राज्य एवं केन्द्र सरकार की भांति ही कार्य करने एवं जनहित में निर्णय लेने में स्वतंत्र एवं सक्षम है। स्थानीय सरकारों का दायित्व है कि वह विकास के लिए विभिन्न अनुदानों एवं स्थानीय निकायों के विभिन्न स्त्रोतों से अर्जित आय से नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करें।
बैठक में वित्त आयोग के सदस्यों दिलीपराजसिंह, मलई कुमार राय एवं सुशील कुमार द्विवेदी ने भी स्थानीय सरकारों को विभिन्न अनुदानों से प्राप्त होने वाली राशियों के उपयोग के संबंध में बताया। सदस्यों ने जनप्रतिनिधियों के द्वारा कार्य के दौरान आने वाली दिक्कतों का नियमानुसार समाधान करने के लिये आवश्यक मार्गदर्शन दिया। बैठक में बतलाया गया कि स्थानीय निकायों में नियमानुसार समय-समय पर ऑडिट कराया जाना अत्यन्त आवश्यक है। ऑडिट के अभाव में केन्द्र एवं राज्य सरकार से प्राप्त होने वाली राशियों में अवरोध उत्पन्न हो सकता है। स्थानीय सरकार के प्रतिनिधियों को बताया गया कि ऑडिट के माध्यम से विभिन्न प्रकार की होने वाली गलतियों को भविष्य में सुधारने के लिये आवश्यक मार्गदर्शन मिलता है और आगामी समय में उनसे बचा जा सकता है। ऑडिट की प्रक्रिया सीखने, समझने और गलतियों को सुधार कर शासकीय राशि का शत् प्रतिशत सदुपयोग सुनिश्चित करने के लिये होती है।
निर्णय लेने में हिचकिचाएं नहीं- अध्यक्ष वित्त आयोग
आयोग अध्यक्ष हिम्मत कोठारी ने कहा कि बैठक लिये जाने का उद्देश्य हैं कि स्थानीय प्रतिनिधियों से चर्चा कर उनकी दिक्कतों को जानना, कार्य में आने वाली बाधाओं को दूर करने, जनहित में शासकीय राशि का समुचित सदुपयोग किये जाने हेतु आवश्यक मार्गदर्शन देना है। उन्होने उपस्थित सभी प्रतिनिधियों से कार्यो के दौरान होने वाली परेशानियों के संबंध में बेहिचक रूप से चर्चा के लिये कहा। बैठक में स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों के द्वारा आयोग को अपनी समस्याओं के बारे में खुलकर अवगत कराया गया। प्रतिनिधियों ने कार्य क्षेत्र में आने वाली दिक्कतों के बारे में बताते हुए सुझाव भी दिये कि किस प्रकार से उन दिक्कतों का समाधान किया जा सकता है। वित्त आयोग के अध्यक्ष हिम्मत कोठारी ने कहा कि अच्छे सुझाव को आयोग अपनी अनुशंसाओं में सम्मिलित कर शासन को प्रेषित करेगा। जिससे कि व्यवस्था को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। उन्होने कहा कि निकाय के द्वारा मूलभूत सुविधा हेतु कर बढ़ाया जाना चाहिए। हर वर्ष थोड़ा-थोड़ा कर बढ़ाते हैं तो लोगों में नाराजगी नहीं रहेगी। जनता को सुविधाएॅ प्राप्त होती हैं तो जनता कर देने के लिये भी तैयार रहती है।
बैठक में कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने आयोग को आश्वस्त किया कि स्थानीय सरकारों के संचालन में जनप्रतिनिधियों को होने वाली दिक्कतों की पड़ताल कर जिला स्तर पर उनका निराकरण किये जाने की स्थिति में हर सम्भव निराकरण किया जायेगा। उन्होने कहा कि नागरिकों को सुविधा उपलब्ध कराने और स्थानीय सरकारों के संचालन में प्रशासनिक रूप से आवश्यक सहयोग किया जायेगा।