May 5, 2024

सूचना प्रौद्योगिकी में हिन्दी को बढ़ावा

हिन्‍दी को प्रोत्‍साहन के लिये वार्षिक पुरस्‍कार 
भोपाल9 सितम्बर  (इ खबरटुडे)। मध्यप्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी में हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने का काम लगातार हो रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी में हिन्दी के उपयोग को प्रोत्‍साहन देने में मध्यप्रदेश, देश के अग्रणी राज्य में शामिल है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर पिछले वर्ष शुरू की गई सीएम हेल्‍पलाइन कॉल सेंटर व्‍यवस्‍था का सम्पूर्ण सॉफ्टवेयर हिन्‍दी में तैयार किया गया है। हेल्‍पलाइन के ज‍रिये कोई भी नागरिक टेलीफोन नंबर 181 पर हिन्‍दी में अपनी बात रख सकते हैं, जिसका उत्‍तर भी उन्‍हें हिन्‍दी में ही दिया जाता है। राज्‍य शासन ने इस दिशा में आगे पहल करते हुए प्रदेश में कम्‍प्‍यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी का लाभ लोगों तक पहुँचाने के लिये सूचना प्रौद्योगिकी में हिन्‍दी का प्रभावी उपयोग करने वाले व्‍यक्ति अथवा संस्‍थाओं को प्रतिवर्ष 2 लाख रुपए तक का पुरस्‍कार देने का निर्णय लिया है।

  • सूचना प्रौद्योगिकी में हिन्‍दी के उपयोग को प्रोत्‍साहन।
  • शासकीय विभाग की अधिकांश वेबसाइट हिन्‍दी में भी।
  • सूचना प्रौद्योगिकी संवाद पत्रिका हिन्‍दी में।
  • यूनीकोड प्रशिक्षण मार्गदर्शिका हिन्‍दी में।
  • हिन्‍दी के उपयोग को बढ़ावा देने हरेक वर्ष पुरस्‍कार।
  • किसानों को सरल भाषा में खेती की सलाह सरल हिन्‍दी में एसएमएस संदेश से।
कम्प्यूटर से किये जाने वाले शासन के सभी कार्य में यूनीकोड को अनिवार्य कर दिया गया है। इससे हिन्दी भाषियों को कम्प्यूटर दक्ष बनाने में अच्छी सफलता मिली है। इस काम में मदद को ध्‍यान में रखकर यूनीकोड नामक पुस्‍तक का हिन्‍दी में प्रकाशन किया गया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अंतर्गत मैप-आईटी द्वारा अपना नियमित प्रकाशन सूचना प्रौद्योगिकी संवाद हिन्‍दी में प्रकाशित कर उपलब्‍ध करवाया जा रहा है। इसी प्रकार ई-गवर्नेंस पर आधारित समय-समय पर जारी परिपत्रों का संकलन हिन्‍दी में प्रकाशित किया गया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के तहत मैप-आईटी एवं लोक सेवा प्रबंधन द्वारा हिन्‍दी भाषा में शासकीय सेवकों में सूचना प्रौद्योगिकी की क्षमता संवर्धन के लिये संचालित ई-दक्ष परियोजना एवं महिलाओं में इंटरनेट जागरूकता में वृद्धि के लिए संचालित ई-शक्ति अभियान का प्रचार साहित्‍य ब्रोशर एवं पेम्‍फलेट आदि हिन्‍दी भाषा में तैयार किये गये हैं। मध्‍यप्रदेश शासन के अधिकांश विभाग की वेबसाइट हिन्‍दी भाषा में भी उपलब्‍ध है।
भोपाल में स्‍थापित अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्‍लेषण स्‍कूल एवं लोक सेवा प्रबंधन तथा सीएम हेल्‍पलाइन द्वारा अपने मुखपत्र तथा अन्‍य प्रचार साहित्‍य का प्रकाशन हिन्‍दी में भी किया गया है। मध्‍यप्रदेश ऐसा राज्‍य है जहाँ किसानों को सरल भाषा में खेती की सलाह सरल हिन्‍दी में एसएमएस संदेश से दी जा रही है।
हिन्दी – कुछ तथ्य
भारत ही नहीं विश्व में लगभग तीन अरब लोग हिन्दी बोलते हैं। संसार के लगभग 150 विश्वविद्यालय में हिन्दी भाषा के अध्ययन-अध्यापन की व्यवस्था है। फिजी तथा मारीशस में हिन्दी को द्वितीय राजभाषा का स्थान प्राप्त है। वर्धा (महाराष्ट्र) में भारत सरकार द्वारा महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय तथा मारीशस में विश्व हिन्दी केन्द्र की स्थापना की गई है। देश के लगभग 71 प्रतिशत वाशिन्दे हिन्दी समझ सकते हैं। कम्प्यूटर के लिये सबसे आसान हिन्दी भाषा की देवनागरी में लिखी जाती है। कम्प्यूटर इंटरनेट में उपयोग के लिये हिन्दी के मात्र 1000 चिन्ह की आवश्यकता है। इसकी तुलना में चीनी भाषा में एक लाख चिन्ह की आवश्यकता पड़ती है। अब यह भी प्रमाणित है कि हिन्दी शब्दावली की दृष्टि से विश्व की समृद्धतम भाषा ही नहीं सर्वाधिक वैज्ञानिक, सक्षम और सुविधाजनक भाषा भी है। इस प्रकार यह जन-जन की भाषा है।

 

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