सिविक सेंटर की दुकानों के साथ फ्लेट की नीलामी पर भी हाईकोर्ट की रोक
रतलाम,02 मई (इ खबरटुडे)| नगर निगम की योजना क्रमांक 71 राजीव गांधी सिविक सेंटर में दो फ्लेट की नीलामी और आधिपत्य की कार्रवाई पर मप्र उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने रोक लगा दी है। न्यायालय ने मध्य प्रदेश शासन और नगर निगम रतलाम को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब भी तलब किए है। प्रकरण में अगली सुनवाई 20-06-2016 को होगी।
एडवोकेट प्रवीण भट्ट ने बताया कि राजीव गांधी सिविक सेंटर में नगर निगम द्वारा वर्ष 1995 में को पारित प्रस्ताव के तहत पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर भूखंडों फ्लेट और दुकानों का आवंटन किए जाने के आवेदन आमंत्रित किए गए थे। निगम ने बाद में विधिवत पंजीकृत आवेदकों को लागत मूल्य के आधार पर फ्लेट आवंटित की थी। इसमें डॉ. परेश भट्ट को फ्लेट क्रमांक एफ-30 और जसराज उपाध्याय को फ्लेट क्रमांक- आई-44 आवंटित किये गये थे। उक्त फ्लेट के आवंटन उपरांत डॉ. परेश भट्ट के द्वारा लागत मूल्य रूपये 3,10,000/- में से वर्ष 1999 तक रूपये 2,94,000/- भी जमा कर दिये गये थे, तथा श्री उपाध्याय के द्वारा अपने जीवनकाल में रूपये 1,55,000/- जमा कर दिये गये थे।
नगर निगम ने करीब 16 साल बाद दिनांक 5 अप्रैल 2016 को इन आवंटित फ्लेटो को दिनांक 04.05.2016 को जर्ये निविदा नीलाम किए जाने की विज्ञप्ति जारी की, जिसमें सरल क्रमांक 1 और 17 पर दोनो फ्लेटो का उल्लेख था। निगम द्वारा जारी और प्रकाशित विज्ञप्ति के खिलाफ डॉ. परेश भट्ट तथा जसराज उपाध्याय की मृत्यु उपरांत उनकी पत्नी सुशीला उपाध्याय ने उच्च न्यायालय में अलग-अलग याचिका लगाई थी, जो याचिका क्रमांक 3211 व 3212/2016 पर पंजीबद्ध हुई उक्त याचिका में न्यायमूर्ति प्रकाशचंद्र श्रीवास्तव ने इन पर सुनवाई पश्चात 02-05-2016 को अंतरिम रीट आज्ञा जारी करते हुए उपरोक्त दोनो दुकानों की अवशेष राशि ब्याज सहित तीन माह में जमा करने की शर्त पर नीलामी और आधिपत्य की कार्रवाई पर निषेधाज्ञा जारी कर शासन और नगर निगम को नोटिस जारी करने के आदेश दिए है। प्रकरण में याचिकाकर्ताओं की पैरवी एडवोकेट प्रवीण भट्ट द्वारा की गई।